महाराष्ट्र चुनाव में हार के बावजूद कांग्रेस ने नांदेड़ लोकसभा सीट के उपचुनाव में मारी बाजी, उठ रहे बड़े सवाल! 

अभिषेक

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Nanded Lok Sabha Seat: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुआ. इस चुनाव में कांग्रेस और उसके गठबंधन की बहुत बुरी तरह से हार हुई. हालांकि इन सब के बीच महाराष्ट्र से कांग्रेस के लिए एक राहत भरी खबर भी आई. दरअसल विधानसभा चुनाव के साथ प्रदेश की नांदेड़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव भी हुआ. इस चुनाव में पार्टी ने जीत हासिल की. सबसे दिलचस्प बात तो ये रही कि, नांदेड़ लोकसभा सीट में आने वाली 6 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी की हार हुई लेकिन लोकसभा में वो जीतने में सफल हुई. 

विधानसभा में कांग्रेस की हार के बावजूद लोकसभा में अप्रत्याशित जीत पर पार्टी के CWC सदस्य गुरदीप सिंह सप्पल ने आश्चर्य जताते हुए एक पोस्ट किया हैं. आइए आपको बताते हैं क्या-क्या कहा है उन्होंने और क्या रहा नांदेड़ का रिजल्ट. 

पहले जानिए क्या रहा नांदेड़ का रिजल्ट 

नांदेड़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की हुई. मतगणना के कई फेज में बीजेपी उम्मीदवार संतुकराव हंबर्डे से पीछे रहने के बाद अंतिम कुछ चरणों में कांग्रेस उम्मीदवार रविंद्र चव्हाण ने वापसी करते हुए बीजेपी उम्मीदवार को 1457 वोटों के अंतर से हरा दिया. बीजेपी प्रत्याशी शाम 4 बजे तक 35000 वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार पर बढ़त बनाए हुए थे, लेकिन आखिरी के कुछ राउंड में बाजी पलट गई और कड़े मुकाबले में रविंद्र चव्हाण ने कांग्रेस के लिए नांदेड़ लोकसभा सीट बरकरार रखी. उन्हें 586788 वोट मिले, जबकि बीजेपी प्रत्या हंबर्डे को 585331 वोट प्राप्त हुए.

आपको बता दें कि उनके पिता वसंतराव चव्हाण ने 2024 के लोकसभा चुनावों में नांदेड़ सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी. लेकिन उनके असामयिक निधन के कारण यहां उपचुनाव की जरूरत पड़ी. 

नांदेड़ के रिजल्ट पर सप्पल ने क्यों जताया आश्चर्य?

गुरदीप सिंह सप्पल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'महाराष्ट्र में विधानसभा के साथ साथ नांदेड़ लोकसभा का भी उपचुनाव था. इस लोकसभा हलके में छ: विधानसभा की सीट आती हैं. कांग्रेस सभी छ: विधानसभा सीट हार गई है, लेकिन लोकसभा का चुनाव जीत गई है. ऐसा इसलिए हुआ है कि लोकसभा सीट पर कांग्रेस को 1,59,323 वोट ज्यादा मिले हैं. छ: विधानसभा सीटों पर कुल मिला कर कांग्रेस को 4.27 लाख वोट मिले हैं, जबकि लोकसभा सीट पर 5.87 लाख वोट मिले हैं. हालांकि दोनों की पोलिंग एक साथ हुई है.'

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सप्पल ने वोटों का गणित समझते हुए उठायें ये सवाल 

सप्पल ने लिखा कि, इस चुनाव में यही हुआ कि जिन वोटरों ने लोकसभा सीट पर कांग्रेस को वोट दिया, उन्हीं वोटरों में से औसतन 26,500 वोटर उन हर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के खिलाफ हो गए. लेकिन कांग्रेस का हर चौथा वोटर ठीक उसी वक्त विधानसभा में पार्टी के खिलाफ क्यों हो गया था? अब ये तो बीजेपी के नेता भी नहीं मानेंगे ये एक-चौथाई वोटर शिंदे-फड़नवीस-अजीत की तिकड़ी को प्रधानमंत्री मोदी से भी ज्यादा पसंद करते हैं, इसीलिए विधानसभा में उस तिकड़ी के साथ चले गए!

इस छ: विधानसभा सीटों पर कांग्रेस कुल जमा 1,84,597 वोटों से हारी है, और  1.59,323 वोट लोकसभा की बनिस्बत कम हुए हैं! इस अद्भुत संयोग का और अपने एक-चौथाई वोटरों के इस अभूतपूर्व वोटिंग पैटर्न की हम जांच कर रहे हैं.

 जीत और हार के इस खेल से सबसे पहले EVM से छेड़छाड़ के साथ ही इलेक्शन मशीनरी के दुरुपयोग के सवाल उठ रहे है. कांग्रेस सहित उसके गठबंधन के कई नेताओं ने अपना विरोध दर्ज करवाया है. 

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