CAG रिपोर्ट पेश होने के बाद बढ़ सकती हैं अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें, क्या राहुल गांधी का रास्ता चुनेंगे केजरीवाल

विजय विद्रोही

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बीजेपी सरकार के बीच राजनीति के खेल में एक नया मोड़ आ गया है. आम आदमी पार्टी ने सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा में पेश होने के बाद बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सीएजी रिपोर्ट में दिल्ली के आबकारी घोटाले को लेकर 2,000 करोड़ रुपये के नुकसान का जिक्र किया गया है, जो चुनाव से पहले लीक की गई थी, मगर अब यह मुद्दा जॉच के केंद्र में आ गया है. विधानसभा में हंगामा होने के बाद आप के 21 विधायकों को 3 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. 

इसके साथ ही, केजरीवाल पर राहुल गांधी की विचारधारा के अनुरूप दलित, आदिवासी और ओबीसी से जुड़े मुद्दों को लेकर राजनीति करने का दबाव बढ़ गया है. इस बीच, आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने महात्मा गांधी और बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीरों को लेकर बीजेपी की नई सरकार पर हमला बोला है. सवाल उठाए गए हैं कि क्या केंद्र में आंबेडकर का अपमान हो रहा है और क्या बीजेपी को यह गलत नहीं लगता? इससे आम आदमी पार्टी को एक बड़ा मुद्दा मिला है, जो उन्हें आगामी चुनाव में अपना समर्थन बढ़ाने में मदद कर सकता है. 

आखिरकार, यह राजनीति का खेल है, जहां आरोप, सीएजी रिपोर्ट और आरोपों के बीच कोई एक नई मिथक का निर्माण होता जा रहा है. क्या प्रधान मंत्री मोदी और केजरीवाल का यह संघर्ष कोर्ट और चुनाव के मैदान तक पहुंचेगा या फिर विपक्ष एकजुट हो खड़ा होगा? आने वाले दिनों में स्थिति साफ हो जाएगी. 

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CM रेखा गुप्ता ने सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की

बीजेपी की नई सरकार ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सीएजी की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश कर दिया, जिसमें 2 हजार करोड़ रुपए के आबकारी कांड का हवाला है. रिपोर्ट के अनुसार, इस घोटाले से राज्य के राजस्व को सीधे नौ सौ बयालीस करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. चुनाव के दौरान लीक हुई रिपोर्ट को पहले अरविंद केजरीवाल ने फर्जी करार दिया था, लेकिन अब आरोपों को वास्तविकता के रूप में सामने देखा जा रहा है. साथ ही, ईडी और सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल करने से मना कर दिया है. लेकिन अब यह जांच के घेरे में आ सकते हैं.

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सीएम कार्यालय में अंबेडकर की तस्वीर पर तनातनी

राजनीतिक मुद्दों में एक और अहम बिंदु तब उभरा जब विपक्ष की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री कार्यालय में महात्मा गांधी की तस्वीर तो बची दिखाई, लेकिन डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर हटा दी गई. उसकी जगह नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाई गई होने का खुलासा किया. इस कदम ने आम आदमी पार्टी को एक नये मुद्दे के साथ राजनीतिक मोर्चा बनाने का मौका दे दिया. राहुल गांधी ने भी डॉ. अंबेडकर के मुद्दे पर बार-बार जोर दिया है. जातीय जनगणना, संविधान और आरक्षण के मुद्दों के साथ.

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बीजेपी सरकार पर हमलावर हुई आप

इस पूरे मुद्दे के संदर्भ में रेखा गुप्ता की सरकार ने सीएजी की रिपोर्ट के जरिए न केवल आबकारी कांड को उजागर किया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले महिलाओं के लिए ढाई हजार रुपए की योजना पर भी सवाल उठाए हैं. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि यह कदम चुनावी रणनीति के तहत किया जा रहा है. इस बीच, सवाल उठ रहा है कि क्या अरविंद केजरीवाल अब 'इंडिया पॉलिटिकल फ्रंट' के साथ मिलकर बीजेपी के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा बना पाएंगे, या अकेले ही अपनी सरकार की परिस्थितियों से जूझना पड़ेगा.

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