करप्शन और किसान, लोकनीति-CSDS के सर्वे में सामने आए ये दो मुद्दे मोदी सरकार का खेल न कर दें खराब

अभिषेक

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CSDS Pre Poll Survey: देश में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) ने चुनाव में प्रभावी रहने वाले मुद्दों को लेकर सर्वे किया है. CSDS-लोकनीति के इस सर्वे में देश के आगामी चुनाव में वोटिंग करने वाले मतदाताओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर बात की गई है. वैसे इस सर्वे में दिलचस्प आंकड़े सामने आए है. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक देश में करप्शन और किसानों का मुद्दा सबसे प्रभावी है. आंकड़ों के मुताबिक, 55 फीसदी लोगों ने ये माना है कि, मोदी सरकार के पिछले 5 सालों में भ्रष्टाचार बढ़ा है. आइए आपको बताते हैं पूरे सर्वे में और क्या-क्या है. 

CSDS-लोकनीति के प्री पोल सर्वे में ये बात सामने आई है कि, देश में बढ़ते भ्रष्टाचार यानी करप्शन और किसानों की मांगों पर केंद्र सरकार का बेरुखी आने वाले चुनाव में बीजेपी और मोदी सरकार के चुनावी खेल को बिगाड़ सकता है. 

55 फीसदी लोगों ने माना देश में बढ़ा है भ्रष्टाचार 

लोकनीति-CSDS के सर्वे में शामिल 55 फीसदी यानी आधे से अधिक लोगों ने ये राय जताई है कि, देश में पिछले 5 सालों में भ्रष्टाचार बढ़ा है. सर्वे के ये बात कही गई है कि, देश के अमीर और गरीब दोनों वर्गों की ये एक आम राय है. इसके साथ ही 19 फीसदी लोगों का ये मानना है कि, मोदी सरकार के पिछले पांच साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार में गिरावट आई है, जबकि अन्य 19 फीसदी लोगों ने इसमें कोई बदलाव नहीं होने की बात कही है.

आगामी लोकसभा चुनाव को इस मुद्दे के प्रभावित करने की बात करें तो सर्वे में शामिल आठ फीसदी लोगों ने ये माना है कि, चुनाव में जनता के वोट पैटर्न को ये मुद्दे प्रभावित करेंगे.

किसानों की मांग जायज, विरोध प्रदर्शन करने का है अधिकार 

हाल के दिनों में हमने ये देखा कि, पंजाब के किसान अपनी मांगों को लेकर देश की राजधानी दिल्ली कूच पर निकले थे. हालांकि केंद्र सरकार ने उन्हें दिल्ली आने से पहले ही रोक लिया लेकिन किसानों ने हार नहीं मानी है और हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए है. लोकनीति-CSDS के सर्वे में किसानों से जुड़े मुद्दे पर भी जनता से सवाल किया गया. 

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सर्वे में सवाल ये था कि, क्या किसानों का दिल्ली कूच सही है? इस सवाल के जवाब में सर्वे में शामिल करीब 59 फीसदी लोगों ने ये माना कि, किसानों का अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन जायज है. इसके साथ ही दूसरे सवाल कि, क्या किसानों के विरोध प्रदर्शन सही है या सरकार के खिलाफ साजिश है? इस सवाल के जवाब में 63 फीसदी किसानों ने ये माना कि, किसानों का अपनी वास्तविक मांगों के लिए विरोध प्रदर्शन करना सही है वहीं 16 फीसदी किसानों का ये मानना है कि, केंद्र सरकार के खिलाफ ये एक साजिश थी. 12 फीसदी किसान इस प्रोटेस्ट से वाकिफ ही नहीं है. 

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