लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ BJP में आए अशोक चव्हाण करेंगे घर वापसी? परिवार के लोगों ने थामा 'पंजा'

रूपक प्रियदर्शी

ADVERTISEMENT

newstak
social share
google news

Maharashtra Politics: अशोक चव्हाण महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. कांग्रेस में रहते हुए वे वरिष्ठ नेता और मंत्री पदों पर आसीन रहे. कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने काफी सफलता पाई, लेकिन कुछ गलत फैसलों के कारण राजनीति में उनका कद धीरे-धीरे गिरता गया. पहले कांग्रेस और अब बीजेपी में. फिलहाल में चव्हाण की राजनीतिक स्थिति कमजोर होती नजर आ रही है. हाल ही में उनके परिवार के सदस्यों और करीबी समर्थकों ने उनका साथ छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामा, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति और भी नाजुक हो गई है.

परिवार और समर्थकों ने साथ छोड़ा

चव्हाण जब कांग्रेस से बीजेपी में गए तो उन्होंने अपने परिवार और समर्थकों को भी साथ लिया. लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, उनके बहनोई भास्कर राव पाटिल खतगांवकर, बहन डॉ. मीनल पाटिल खतगांवकर, और पूर्व विधायक ओमप्रकाश पोकर्णा ने कांग्रेस में वापसी कर ली है. भास्कर राव पाटिल कांग्रेस के टिकट पर तीन बार नांदेड़ के सांसद रह चुके हैं और कांग्रेस में वापस आकर उन्हें राहत महसूस हो रही है. यह घटनाक्रम बीजेपी में अशोक चव्हाण की स्थिति को और कमजोर कर सकता है, खासकर आगामी विधानसभा चुनावों में.

कांग्रेस में लौटे परिवार के लोग

कांग्रेस में लौटने वाले चव्हाण के परिवार के सदस्यों की वापसी पर नाना पटोले ने औपचारिक रूप से पार्टी में उनका स्वागत किया. इसके साथ ही कांग्रेस ने अशोक चव्हाण और बीजेपी को चिढ़ाने का भी प्लान बनाया है, जिसके तहत नांदेड़ में एक बड़ा आयोजन करने की तैयारी की जा रही है. इस वापसी ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

अशोक चव्हाण का राजनीतिक सफर

चव्हाण का बीजेपी में जाना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव था. फरवरी 2023 में उन्होंने बीजेपी का दामन थामा, जबकि कांग्रेस में उनकी स्थिति अभी भी काफी मजबूत थी. कांग्रेस में रहते हुए, अशोक चव्हाण को सोनिया गांधी, राहुल गांधी, और प्रियंका गांधी तक सीधा पहुंच हुआ करती थी. उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी सक्रिय रूप से भाग लिया था. लेकिन बीजेपी में जाने के बाद, उनकी राजनीतिक स्थिति पहले जैसी नहीं रही. उन्हें राज्यसभा की सीट तो मिली, लेकिन इससे बीजेपी को अभी तक कोई बड़ा सफलता नहीं मिली है.

अशोक चव्हाण की राजनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ 2010 में आया, जब आदर्श सोसाइटी घोटाला उजागर हुआ. इस घोटाले के चलते उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इस घोटाले के कारण कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ, और चव्हाण को पद छोड़ना पड़ा. इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें घोटालेबाज नहीं माना और उन्हें पार्टी में इज्जत मिलती रही. 2014 में उन्हें महाराष्ट्र कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन वे बीजेपी और शिवसेना के खिलाफ कोई बड़ा करिश्मा नहीं कर पाए.

बीजेपी में मिल रही चुनौतियां

बीजेपी में शामिल होने के बाद, चव्हाण की स्थिति मजबूत होने की बजाय कमजोर होती गई. उनके परिवार के कांग्रेस में लौटने से उनकी स्थिति और भी कमजोर हो गई है. नांदेड़ लोकसभा सीट, जो कि चव्हाण परिवार का गढ़ मानी जाती थी, अब कांग्रेस के बुजुर्ग नेता वसंतराव चव्हाण ने जीत ली है. उनके निधन के बाद. नांदेड़ में उपचुनाव होने जा रहा है. ये अशोक चव्हाण के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. अगर वे इस चुनाव में हारते हैं, तो उनकी राजनीतिक साख को भारी नुकसान पहुंच सकता है.

ADVERTISEMENT

क्या है आगे की राह?

अशोक चव्हाण के राजनीतिक करियर को करीब 50 साल हो चुके हैं. 1977 में कांग्रेस में शामिल होने के बाद, उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया. 2008 में जब विलासराव देशमुख को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा, तब अशोक चव्हाण को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला. लेकिन अब, कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने के बाद उनकी स्थिति लगातार गिरती जा रही है.

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT