'ऑप्शन नहीं जरूरत की वजह से ली सियासत में इंट्री', चुनाव लड़ने को लेकर विनेश फोगाट का बड़ा बयान 

अभिषेक

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Vinesh Phogat: रेसलिंग में अपना लोहा मनवा चुकी ओलंपिक चैंपियन विनेश फोगाट ने पिछले दिनों राजनीति का रुख किया. विनेश कांग्रेस में शामिल हुई और हरियाणा विधानसभा चुनाव में जींद जिले की जुलाना विधानसभा से उम्मीदवार हैं. चुनाव के बीच हमारे सहयोगी चैनल इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई ने उनका एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू किया है. इस बातचीत में उन्होंने अपने रेसलिंग कैरियर, उसके बाद सन्यास लेकर राजनीति में इंट्री के साथ ही चुनाव लड़ने को लेकर कई बातों पर विस्तार से चर्चा की है. सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि, विनेश ने कहा हैं कि, 'राजनीति में उनकी एंट्री उनके पसंद से नहीं, बल्कि मजबूरी की वजह से हुई.' आइए आपको बताते हैं और क्या-क्या कहा है विनेश ने?

'राजनीति में इंट्री के लिए परिस्थितियों ने किया मजबूर'

इंटरव्यू में विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक के बाद की परिस्थितियों का जिक्र करते हुए बताया कि, 'ओलंपिक से बाहर होना मेरे लिए बहुत दुखद था. उसके बाद जब मैं देश वापस आई तो जो परिस्थितियां थी उसी ने मुझे चुनाव लड़ने के निर्णय लेने पर मजबूर किया. उन्होंने बताया, 'लोगों की मांग थी कि मैं उनके लिए, उनके बच्चों के लिए और अपने अंदर के योद्धा को जीवित रखने के लिए आगे आऊं.विनेश ने बताया कि, 'चुनाव लड़ने का उनका फैसला हाई-प्रोफाइल पहलवानों के विरोध के बाद न्याय के लिए निरंतर लड़ाई से जुड़ा है. मैं मुश्किलों का सामना करने के बावजूद रिजल्ट देने में विफल रही.'

आपको बता दें कि, विनेश फोगाट ने साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया के साथ मिलकर तत्कालीन भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. दिल्ली के जंतर-मंतर पर उन्होंने हफ्तों तक सड़कों पर बैठी रही थी. पहलवानों ने ये प्रदर्शन बृजभूषण सिंह पर कई महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद किया था.

'सियासत में नई हूं सीखूंगी और अपने आपको ढालूंगी'

विनेश फोगाट ने आगे कहा कि, हमने सड़कों पर लड़ाई लड़ी. हमें क्या मिला? हमें दुर्व्यवहार और अपमान के अलावा कुछ नहीं मिला. मैं ओलंपिक में गई. क्या मुझे न्याय मिला? कुछ भी नहीं. हमें कभी न्याय नहीं मिला. राजनीति में एंट्री करना एक ऑप्शन नहीं था, बल्कि एक जरूरत थी. राजनीतिक में आने वाली कठिनाइयों पर फोगाट ने कहा, हर क्षेत्र में शुरुआत कठिन होती है, जैसे शुरुआत में कुश्ती में थी. राजनीति भी इससे अलग नहीं है, लेकिन समय के साथ मैं सीखूंगी और अपने आपको ढालूंगी. उन्होंने बताया कि, आज उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती लोगों को जानना और उनकी जरूरतों को समझना है. उन्होंने कहा कि, मैं पूरी जिम्मेदारी और समर्पण के साथ काम कर रही हूं. मुझे अपने काम पर भरोसा है. 

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जुलाना मेरी प्राथमिकता में है लेकिन हरियाणा के विकास के लिए करूंगी काम 

जुलाना से चुनाव लड़ने पर विनेश फोगाट ने कहा कि, 'मैं कहा से चुनाव लड़ूंगी ये मेरा फैसला नहीं था. कांग्रेस नेतृत्व ने ये फैसला किया की मैं चरखी दादरी से या जुलाना कहा से चुनाव लड़ूंगी. उन्होंने आगे कहा कि, जुलाना मेरी प्राथमिकता है, लेकिन मेरा लक्ष्य पूरे हरियाणा के विकास के लिए काम करना है. मैं खुद को सिर्फ एक सीट तक सीमित नहीं रखना चाहती.

विनेश फोगाट ने कहा कि, 'मेरा प्राथमिक लक्ष्य युवा एथलीटों के लिए सुरक्षित माहौल बनाना है. खासकर उनके लिए जो यौन उत्पीड़न का शिकार होते हैं. मैं उन्हें यह विश्वास दिलाना चाहती हूं कि कोई उनके लिए खड़ा है और उनके अधिकारों के लिए लड़ रहा है.

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