संसद की महत्वपूर्ण कमेटियों का जिम्मा मिलते ही एक्शन मोड में कांग्रेस! सरकार को घेरने का प्लान सेट
Parliamentary Committees led by Congress: लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस अब मुख्य विपक्षी पार्टी है. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ये दोनों विपक्ष के नेता है. हाल के संसद सत्र में इन दोनों के तेवर देखने को भी मिले.
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Parliamentary Committees led by Congress: 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हालत बहुत खराब रही थी. 2014 में तो पार्टी के पास विपक्ष का नेता बनने का संख्या बल तक नहीं था. 2019 में पार्टी का ग्राफ थोड़ा ऊपर तो जरूर उठा लेकिन वो भी कुछ खास नहीं था. असली खेल हुआ 2024 के चुनाव में. पार्टी ने 99 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की वहीं कांग्रेस के नेतृत्व में बनी INDIA अलायंस ने 234 सीटों पर कब्जा जमा लिया. इस चुनाव में बीजेपी को अकेले दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला. इसके बाद से ही बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी होनी शुरू हो गई. मोदी सरकार के फैसलों पर आपत्ति होने लगी. चाहे वो वक्फ संशोधन बिल हो या लेटरल इंट्री सभी मामलों में बीजेपी को अपने सहयोगियों के आगे झुकना पड़ा.
लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस अब मुख्य विपक्षी पार्टी है. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ये दोनों विपक्ष के नेता है. हाल के संसद सत्र में इन दोनों के तेवर देखने को भी मिले. पिछले लोकसभा कार्यकाल में जब कांग्रेस के पास 53 सांसद थे, तब पार्टी के पास सिर्फ एक समिति की अध्यक्षता थी. अब कांग्रेस के पास कई महत्वपूर्ण संसदीय कमेटियों की अध्यक्षता आ गई है. आइए आपको बताते हैं कौन सी है वे कमेटियां और कांग्रेस के लिए ये कैसे महत्वपूर्ण है.
ये है वो संसदीय स्थायी समितियां जिनकी अध्यक्षता करेगी कांग्रेस
नई सरकार के गठन के बाद से संसद में विभिन्न समितियों के गठन के लिए भी बात चल रही थी. जानकारी के मुताबिक, सरकार और विपक्ष के बीच संसदीय स्थायी समितियों के लिए बातचीत खत्म हो गई है. कांग्रेस लोकसभा में तीन और राज्यसभा में एक समिति के लिए कुर्सी हासिल करने में कामयाब रही है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा में कांग्रेस को विदेश मामलों की स्थायी समिति, कृषि पर स्थायी समिति और ग्रामीण विकास पर स्थायी समिति की अध्यक्षता मिलेंगी वहीं राज्यसभा में विपक्षी दल को शिक्षा के लिए स्थायी समिति की अध्यक्षता मिलेगी.
सरकार द्वारा विपक्ष को स्थायी समिति की अध्यक्षता आवंटित करने का निर्णय लेने से पहले सरकारी प्रतिनिधियों और विपक्षी सदस्यों के बीच कई दौर की बैठकें हुईं. बैठक में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भाग लिया. कांग्रेस का प्रतिनिधित्व लोकसभा में उपनेता गौरव गोगोई और पार्टियों के मुख्य सचेतक कोडिकुन्निल सुरेश और जयराम रमेश ने किया.
आपको बता दें कि, कांग्रेस ने पांच संसदीय स्थायी समितियों के लिए अध्यक्षों की मांग की थी. चार लोकसभा की और एक राज्यसभा की. विपक्षी गठबंधन INDIA साझेदारों समाजवादी पार्टी, DMK और तृणमूल कांग्रेस को भी एक-एक समिति की अध्यक्षता दिए जाने की संभावना है.
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लोक लेख समिति के अध्यक्ष बनते ही वेणुगोपाल ने लिया एक्शन!
16 अगस्त को को संसद की पांच स्थायी समितियों का गठन किया गया. कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल को लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया. परंपरा के अनुसार लोक लेखा समिति के अध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाता है. लोक लेख कमेटी के अध्यक्ष बनते ही वेणुगोपाल एक्शन मूड में नजर आए. अमेरिकी शॉर्ट फर्म हिंडनबर्ग ने SEBI चीफ माधवी बुच को लेकर कई आरोप लगाए. इसके बाद सरकार के बैलेंस शीट की जांच करने वाली समिति लोक लेख की बैठक में इस पर चर्चा हुई. जानकारी ये भी सामने आई की समिति माधवी बुच को पूछ-ताछ के लिए बुला सकती है. हालांकि इस पर आगे कोई अपडेट नहीं आया.
कुल मिलाकर संसद में कांग्रेस की स्ट्रैंथ मजबूत हुई हैं. उसी के अनुसार संसद में पेश होने वाले महत्वपूर्ण बिलों पर समितियों से सलाह-मशविरा किया जाता है. समितियों की अध्यक्षता कांग्रेस के पास होने से पार्टी उनकी तथ्यात्मक तौर पर जांच कर सकती है. पहले कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार पर ये आरोप लगाती थी कि, सरकार संसद में कोई भी बिल लाती है और बिना उस पर चर्चा हुए ही पारित कराकर कानून बना दिया जाता था. कांग्रेस के मजबूत होने के साथ ही पार्टी अब ऐसे कानूनों को स्थायी समिति में भेजने का आग्रह कर सकती है और उन पर विस्तृत चर्चा कर सकती है.
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