Prashant Kishor करने जा रहे बड़ा खेल, Rahul Gandhi पर दिए बयान से हलचल! सियासत में धमाकेदार एंट्री

कीर्ति राजोरा

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तस्वीर: इंडिया टुडे.
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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कभी नरेंद्र मोदी के चुनावी रणनीतिकार थे प्रशांत किशोर.

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UN की नौकरी छोड़ राजनीति में कूदे.

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जिन पार्टियों के साथ काम किया उनके लिए बनने जा रहे चुनौती?

राहुल गांधी कांग्रेस के लीडर बन चुके हैं. राहुल हैज नर्व्स ऑफ स्टील, राहुल पॉजिटिव रहने वाले इंसान हैं... ये हम नहीं बल्कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पांडे यानी पीके का सबसे ताजा बयान है. दूसरी तरफ वो प्रधानमंत्री के नरेंद्र मोदी के लिए कह रहे हैं कि उनकी लोकप्रियता पहले के मुकाबले कम हो गई है. अब वो कमजोर प्रधानमंत्री चुके हैं. अपने इन्हीं बयानों की वजह से पीके यानी कि प्रशांत किशोर एक बार फिर सुर्खियों में हैं.

इनकी चर्चा इसलिए भी है क्योंकि जो पीके कभी दूसरी राजनैतिक पार्टियों के लिए चुनावी रणनीति बनाते थे, वे अब अपनी पार्टी लॉन्च करने जा रहे हैं. यानी सियासत के मैदान पर धमाकेदार एंट्री करने जा रहे हैं. 'चर्चित चेहरा' के आज के इस एपिसोड में हम प्रशांत किशोर के बारे में बता रहे हैं. 

पीके पिछले दो साल से जन सुराज पदयात्रा कर रहे हैं और अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर को जन सुराज पार्टी की सियासत में एंट्री का औपचारिक ऐलान करने वाले हैं. पीके का सफर कहां से शुरू हुआ था? कैसे वो चुनावी रणनीतिकार बने और अब किस तरह से अपनी नई पार्टी की लॉन्चिंग का दम भर रहे हैं? 

जन सुराज पार्टी बाकी पार्टियों से होगी अलग?

आज के दौर में देश में पीके जाने-माने राजनीतिक रणनीतिकार हैं, जिन्होंने पीएम मोदी, ममता बनर्जी, जगन मोहन रेड्डी और नीतीश कुमार जैसे नेताओं को सत्ता की कुर्सी पर बैठाने में अहम भूमिका निभाई है. अब वो अपनी पार्टी लॉन्च करने जा रहे हैं. पीके लगातार ये संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि उनकी जन सुराज पार्टी सभी पार्टियों से अलग होगी. पीके इसके लिए पूर्व नौकरशाह से लेकर समाजसेवी, समाज के प्रभावशाली लोगों को जन सुराज से जोड़ रहे हैं. अब तक पीके के कई यात्राओं में बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम देखने को मिला है.. 

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उन्हींं पार्टियों को देंगे चुनौती जिनके साथ कभी कंधा मिलाकर चले

राजनीति में आकर पीके अब उन सभी पार्टियों से लोहा लेंगे जिनके लिए कभी उन्होंने रणनीति बनाने का काम किया था. कभी नीतीश कुमार की जदयू के उपाध्यक्ष के तौर पर अपनी राजनीतिक पारी की शरूआत करने वाले पीके आज उसी पार्टी को सबसे ज्यादा निशाने पर लेते हैं.

UN की नौकरी छोड़ नरेंद्र मोदी की टीम से जुड़े

पहली बार पीके 2011 में संयुक्त राष्ट्र की नौकरी छोड़ गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की टीम से जुड़े थे. 2013 में  इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी यानी I-PAC  बनाई और साल 2014 में प्रशांत किशोर ने सिटीजन फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस यानी कैग की स्थापना की. इसे भारत की पहली राजनीतिक एक्शन कमेटी माना जाता है.

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2014 में PM पद  के उम्मीदवार मोदी के रणनीतिकार बने

2014 के आम चुनावों में वह बीजेपी की ओर से पीएम पद के उम्मीदवार और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के लिए चुनावी रणनीतिकार बने थे. जैसे ही 2014 में बीजेपी की सरकार केंद्र में आई और नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने, वैसे ही इसके साथ ही उनकी पहचान भी लोगों के सामने आ गई. 

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डॉक्टर परिवार में जन्मे पीके ने हेल्थ एक्सपर्ट की नौकरी छोड़ी

चुनानी रणनीतिकार का काम करने से पहले पीके हैदराबाद से संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करते थे. इस दौरान उन्हें पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के लिए बिहार भेजा गया, उस वक्त राबड़ी देवी सीएम थीं. इसके बाद उन्हें अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में काम करने के लिए भेजा गया. पीके ने संयुक्त राष्ट्र में एक सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के रूप में काम किया. डॉक्टर परिवार में जन्में पीके की इसमें दिलचस्पी नहीं थी, इसलिए 8 साल तक इस क्षेत्र में करने के बाद वो राजनीति में आ गए. 

प्रशांत किशोर का जन्म 20 मार्च 1977 को बिहार में रोहतास जिले के कोनार गांव में हुआ. इनके पिता श्रीकांत पांडे बिहार सरकार में डॉक्टर रहे हैं. 2019 में उनका निधन हो गया. उनकी मां उत्तर प्रदेश की बलिया की रहने वाली हैं. प्रशांत किशोर ने बिहार के बक्सर में एक पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की. स्कूलिंग के बाद इंजीनियरिंग करने हैदराबाद चले गए.

पढ़ाई के दौरान जाह्नवी से हुआ प्रेम

इंजीनियरिंग के बाद प्रशांत किशोर यूएन के एक हेल्थ प्रोग्राम से जुड़ गए. वहीं, उनकी मुलाकात हुई उनकी जीवनसाथी जाह्नवी दास से. जाह्नवी दास असम के गुवाहाटी की रहने वाली हैं, जो पेशे से एक डॉक्टर हैं. दोनों के बीच की मुलाकात पहले दोस्ती और फिर प्रेम में बदल गई. आगे चलकर प्रशांत किशोर ने जाह्नवी दास से शादी रचा ली. जाह्नवी दास और प्रशांत किशोर का एक बेटा है.  

अपनी पार्टी जन सुराज की लॉन्चिंग के साथ पीके 2025 के अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं.

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