NCP में टूट पर सुप्रिया सुले का फूटा दर्द, बोलीं - 'अरे मांग लेता तो सब दे देती, छीनने की जरूरत नहीं थी'

ललित यादव

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लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले
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महाराष्ट्र में दो हिस्सों में बंट चुकी एनसीपी के दो नेताओं ने बुधवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में हिस्सा लिया. कॉन्क्लेव में अजीत पवार और सुप्रिया सुले ने पार्टी से जुड़े हर सवाल पर जवाब दिया. इस दौरान एनसीपी (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने पार्टी में टूट पर अजीत पवार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर वह मांग करते तो उन्हें सब दिया जाता लेकिन उन्हें पार्टी छीनने की जरूरत नहीं थी.

सुले ने अजीत पवार को लेकर कहा कि वह उन्हें पार्टी में रखना चाहती थी. लेकिन उन्होंने हमारे जीवन को अस्त-व्यस्त करके छोड़ जाने का फैसला किया.उन्होंने कहा कि  'अरे मांग लेता तो सब दे देती, पार्टी छीनने की जरूरत नहीं थी.

अजीत पवार को कमान सौंपकर खुश थी: सुप्रिया सुले

खुद एनसीपी पार्टी की कमान संभालने को लेकर किए सवाल पर सुप्रिया सुले ने इसका खंडन किया. उन्होंने कहा कि वह अजीत पवार को कमान सौंपकर खुश थी. उन्होंने कहा, मैंने कभी भी पार्टी में लीडरशिप की मांग नहीं की. वह इसे पाने के लिए सबकुछ कर रहे थे. उन्होंने कहा, "अरे मांग लेता न तो सब दे देती. पार्टी छीनने की जरूरत नहीं थी.'

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शिंदे गुट में शामिल हो गए थे अजीत पवार

आपको बता दें महाराष्ट्र सरकार में विपक्ष के नेता अजीत पवार एनसीपी के कई विधायकों के साथ जुलाई 2023 में शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. यहां वह उपमुख्यमंत्री बने. इसके बाद पार्टी में वाद-विवाद हुआ तो पार्टी की कमान अजीत पवार को मिल गई. अभी अजीत पवार महायुती का हिस्सा है. महायुती में भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे), और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) शामिल है. आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अभी कई सीटों पर अजीत पवार और गठबंधन में उलझन बनी है.

राष्ट्रीय राजनीति में फिट हैं सुप्रिया सुले

सुप्रिया सुले से राष्ट्रीय राजनीति के लिए बनी हैं, वहीं अजीत पवार गांव की राजनीति के लिए बने हैं, इस सवाल पर सुले ने कहा, यह तो समय बताएगा. उन्होंने कहा कि जब रिस्पॉन्सिबिलिटी आती है और यह हम पर निर्भर करता है कि कौन सही रिजल्ट दे रहा है. 

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मैं भी सीएम बनना चाहता हूं: अजीत पवार

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के अजीत पवार से मुख्यमंत्री बनने को लेकर सवाल पूछा गया. उन्होंने अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि मुझे बनना है. लेकिन हमारी गाड़ी वहीं अटकती है तो क्या करें. मैं कोशिश करता हूं कि आगे भी जाए लेकिन चांस नहीं मिलता. लेकिन जो 145 सीटों का आंकड़ा हासिल करेगा, वो सीएम बनेगा. मेरी महत्वाकांक्षा क्या है, मैं अभी नहीं बोलूंगा. हमारा लक्ष्य महायुति के रूप में फिर से सत्ता में आना है.

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