राहुल गांधी को बेहतर नेता बताने वाले 'ओझा सर' की कहानी, कितने करोड़ रुपए हैं नेटवर्थ, देखिए
अवध ओझा सर की यूपी से चुनाव लड़ने की खबरें इसलिए भी आती रही क्योकि वो खुद गोंडा से हैं. पढ़ाई लिखाई स्कूल कॉलेज सब वहीं हुआ. पिता पोस्ट मास्टर थे और मां वकील. अवध ओझा का हमेशा से IAS बनने का ख्वाब था. माता पिता ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी. जमीन बेचकर यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली पढ़ने भेज दिया. प्रीलिम्स तो निकाल लिया लेकिन मेंस क्वालिफाई नहीं कर पाए.
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टीचर धाकड़ न हों तो कैसा टीचर. हम आज के युग की बात कर रहे हैं.. जहां सरल सौम्य टीचर तो मानों ट्रेंड से ही आउट हैं. सोशल मीडिया जिसे उठा देता है उसी को नमस्कार है. जिसे गिरा देता है उसकी लाइफ चौपट. कोरोना के दौरान शिक्षा जगत में ऑनलाइन टीचरों के लिए बढ़िया मौसम सेट हुआ तो विकास दिव्यकीर्ति, अवध ओझा, खान सर, नीतू मैम जैसे कई टीचर फले फूले. इंटरनेट ने जिसे अपना लिया वो जल्दी आंखों से छंटा नहीं. लाइमलाइट में घूम रहे टीचरों को अच्छा बुरा सब तबीयत से सुनने को मिलता रहता है. जितना फेमस हुए उससे ज्यादा ट्रोल भी. जितना अर्श पर चढ़ाया उतना फर्श पर गिराया भी. कुछे जमे रहे, कुछ की जमीन हिली. अवध ओझा शिक्षा जगत में फेमस उन्हीं एजुकेटर्स में से एक हैं. यूपीएससी के सीरियस ज्ञान से ज्यादा ऐसे वीडियो वायरल हुए जिसमें सर जी ने राजनीतिक लोगों पर भविष्यवाणी या टिप्पणी कर दी. हालांकि अपनी खुद की राजनीतिक भविष्यवाणी इसलिए नहीं कर पाए क्योंकि ये मौकाटेरियन हैं, ये हमने नहीं...उन्होंने खुद को ही नाम दिया है.
अब मौकाटेरियन हैं शायद इसलिए राहुल-राहुल का राग अलापने के बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कर ली आम आदमी पार्टी ज्वॉइन. अब चुनाव लड़ेंगे...कहां से लड़ेंगे ये बातें तो बाद की हैं. लेकिन मंशा तो यही है. कह रहे हैं दिल्ली में शिक्षा क्रांति लाएंगे. उसी कांग्रेस के सामने चुनाव लड़ेंगे जिनके नेता राहुल गांधी के गुणगान करते ओझा सर की वीडियो वायरल होती रहती हैं. दी लल्लनटॉप के एक इंटरव्यू में तो हाल में ओझा सर ने राहुल गांधी को मोदी से बेहतर नेता बताया. यह भी कह दिया कि आने वाले वक्त में राहुल पीएम बन सकते हैं.
बीच में बीजेपी की तरफ हो गया था झुकाव
वैसे लोकसभा चुनाव के आसपास ओझा सर का झुकाव बीजेपी की तरफ दिख रहा था. यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या से मुलाकात भी हुई थी जिसके बाद भाजपा से जुड़ाव की अटकलें लगी थीं. लेकिन वो भी ठंडी पड़ गई. टिकट विकट कुछ मिला नहीं. कांग्रेस से भी गाहे बगाहे बाते होती रही हैं लेकिन वहां भी मामला फिट हुआ नहीं. अब चुनाव दिल्ली का है तो आम आदमी पार्टी में जगह तलाशने की कोशिश की और एंट्री पाने में सफल हो गए. केजरीवाल, सिसोदिया ने खुद ज्वाइनिंग कराकर अच्छी खासी इम्पोर्टेंस दे दी. टिकट बांटते वक्त तवज्जो मिलेगी या नहीं असली खेल तो वही है.
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यूपी के गोंडा से आते हैं
वैसे ओझा सर की यूपी से चुनाव लड़ने की खबरें इसलिए भी आती रही क्योकि वो खुद गोंडा से हैं. पढ़ाई लिखाई स्कूल कॉलेज सब वहीं हुआ. पिता पोस्ट मास्टर थे और मां वकील. अवध ओझा का हमेशा से IAS बनने का ख्वाब था. माता पिता ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी. जमीन बेचकर यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली पढ़ने भेज दिया. प्रीलिम्स तो निकाल लिया लेकिन मेंस क्वालिफाई नहीं कर पाए. जिंदगी में ऐसा मोड़ आया कि अवध ओझा ने सोचा अब पढ़ेंगे नहीं...अब तो दूसरों को पढ़ाएंगे. इलाहबाद में अपने दोस्त के कोचिंग संस्थान में पढ़ाना शुरु कर दिया. शुरु में तो छात्रों को उनके पढ़ाने का तरीका बिल्कुल पसंद नहीं आया. बेकार फीडबैक मिला. मतलब ओझा सर का कोचिंग डेब्यू खराब रहा. लेकिन उन्होंने उसी फीडबैक को हथियार बनाकर अपना पढ़ाने का स्टाइल...शैली बदल डाली. धीरे धीरे वो अपने इसी अंदाज के लिए जाने जाने लगे. लोग उन्हें इसलिए पसंद करने लगे क्योंकि उनका अंदाज बाकी टीचरों से अलग था.
2005 में दिल्ली में पढ़ना शुरू किया
2005 में अवध ओझा ने दिल्ली के मुखर्जी नगर में अपनी यूपीएससी कोचिंग शुरु की. ओझा सर को वहां पसंद किया जाने लगा. 2020 में अपना यूट्यूब चैनल भी शुरु किया. इकरा आइएएस के फाउंडर भी हैं. लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उन्हें कोचिंग सेंटर का किराया और घरेलू खर्चा पूरा करना दूभर हो गया था. अब घर कोचिंग सब चलाना था. तो उन्होंने रात में बारटेंडर की नौकरी शुरु कर दी. सात महीने तक दिन में छात्रों को पढ़ाते थे और रात में बारटेंडर के रोल में रहते थे.
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सोशल मीडिया पर फेमस
अवध ओझा सोशल मीडिया पर फेमस तो बहुत हैं. लेकिन वो खुद किसी प्लैटफॉर्म पर हैं नहीं. न ट्विटर फेसबुक इंस्टाग्राम. कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अवध ओझा की कुल संपत्ति 11 करोड़ रुपए है. हालांकि हम इसकी पुष्टी नहीं करते. खबरों के मुताबिक उनके पास एक फार्च्यूनर कार भी है जिसे वो पर्सनल यूज के लिए इस्तेमाल करते हैं. बताया जाता है कि उनके इनकम का सबसे ज्यादा हिस्सा आता है कोचिंग सेंटर्स से. अवध ओझा क्लासेस की वेबसाइट के मुताबिक यूपीएससी जीए फाउंडेशन कोर्स की फीस ऑनलाइन जमा करने पर जीएसटी के साथ 90 हजार रुपए, ऑफलाइन जमा करने पर 1,60,000 है.
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अवध ओझा को लोगों ने पसंद किया तो ट्रोल भी बहुत किया. खासतौर पर इस साल जब ओल्ड राजेंद्र नगर की एक बेसमेंट लाइब्रेरी में 3 छात्रों की डूब कर मरने से मौत हुई. तब यही शौहरत उनपर भारी पड़ गई थी. फेमस टीचरों की चुप्पी पर हलक में उंगली डालकर तब तक सवाल होते रहे जब तक वो अपने मुंह से कुछ फूट नहीं गए.
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