चुनाव से पहले ही सूरत से बीजेपी के जीतने पर चर्चा में आई डिंपल यादव की कन्नौज से जीत की कहानी, जानिए

शुभम गुप्ता

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Loksabha Elections 2024: सूरत से बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल बिना चुनाव लड़े जीत गए. कांग्रेस के उम्मीदवार नीलेश कुंभानी बिना लड़े हार गए. 400 पार का लक्ष्य लेकर चल रही बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में खाता खोल दिया है. 4 जून को अब सिर्फ 542 सीटों के नतीजे आएंगे. कांग्रेस के उम्मीदवार नीलेश कुंभानी के साथ जबरदस्त ट्रेजडी हो गई. कांग्रेस से टिकट मिलने पर उन्होंने नामांकन तो भर दिया लेकिन उनका नामांकन खारिज हो गया. नीलेश कुंभानी ने नामांकन करते जिन लोगों को प्रस्तावक बनाया था वो सब मुकर गए. बोले कि हमने साइन नहीं किए.

नीलेश कुंभानी का नामांकन खारिज होने के बाद भी बीजेपी उम्मीदवार का मुकाबला निर्दलीय उम्मीदवारों से हो सकता था लेकिन निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपने-अपने नामांकन वापस ले लिए. इससे मुकेश दलाल का चुनाव निर्विरोध निकल गया.

बीजेपी के प्रत्याशी के निर्विरोध चुनाव जीतने के बीच उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव चर्चा में आ गई है. आइए समझते हैं क्या है पूरा माजरा.

2012 में निर्विरोध चुनाव जीती थीं डिंपल 

मैनपुरी लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद डिंपल यादव अचानक बीजेपी के प्रत्याशी मुकेश दलाल के बिना चुनाव लड़े जीत जाने पर चर्चा में आ गईं हैं. दरअसल, डिंपल यादव को साल 2012 में कन्नौज लोकसभा सीट से उपचुनाव में निर्विरोध जीत मिली थी. उनके पति अखिलेश यादव के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद ये सीट खाली हुई थी. जिसपर उन्हें बिना लड़े ही जीत मिल गई थी. आपको बतां दे कि उस समय भी कुछ सूरत में जैसा हुआ वैसा ही देखने को मिला था. डिंपल यादव के खिलाफ नामांकन पर्चा दाखिल करने वाले दोनों उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया था.

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साल 1951 से अबतक 35 उम्मीदवारों ने हासिल की निर्विरोध जीत 

सूरत पहली बार नहीं है कि कोई उम्मीदवार संसद के लिए निर्विरोध चुना गया है. आजादी के बाद से आम चुनावों और उपचुनावों में 35 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं. साल 1951 से अभी तक सबसे ज्यादा कांग्रेस के उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत हासिल की है.  

मुकेश दलाल के निर्विरोध जीतने पर कांग्रेस का तंज

सूरत लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार के निर्विरोध चुनाव जीतने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सत्तारुढ़ पार्टी पर 'मैच फिक्सिंग' का आरोप लगाया, बोले कि  'भाजपा के उम्मीदवार मुकेश दलाल को छोड़कर अन्य सभी उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया . 7 मई 2024 को मतदान से लगभग दो सप्ताह पहले, 22 अप्रैल, 2024 को सूरत लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार को "निर्विरोध निर्वाचित" घोषित किया गया. मोदी के अन्य काल में एमएसएमई मालिकों और व्यापारियों के संकट और गुस्से ने भाजपा को इतनी बुरी तरह से डरा दिया है कि वे सूरत लोकसभा को "मैच-फ़िक्सिंग" करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे उन्होंने 1984 के लोकसभा चुनावों के बाद से लगातार जीता है!'

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