आज बीजेपी में शामिल होंगे यूट्यूबर मनीष कश्यप, नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव जानिए उनकी पूरी कहानी
बेतिया जिले के रहने वाले मनीष कश्यप उस समय चर्चा में आए थे, जब फर्जी वायरल वीडियो मामले में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. वो वीडियो तमिलनाडु में काम करने वाले बिहारी मजदूरों का था
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Manish Kashyap: खुद को सन ऑफ (Son of Bihar) बिहार कहने वाले और चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप आज बीजेपी में शामिल होंगे. जानकारी के मुताबिक मनीष कश्यप आज दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय 11 बजे पहुंचेंगे जिसके बाद उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलाई जाएगी. आपको बता दें कि, इससे पहले मनीष कश्यप ने ऐलान किया था कि वो बिहार की पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने अब चुनाव लड़ने का फैसला बदल दिया है और बीजेपी में शामिल होकर पार्टी के लिए चुनाव में प्रचार करेंगे.
आपको बता दें कि, वो साल 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में पश्चिमी चंपारण की चनपटिया सीट से चुनाव लड़ा था. निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मनीष कश्यप को इस सीट पर 9239 वोट भी मिले थे. हालांकि तब उन्हें हार मिली थी.
कौन है मनीष कश्यप?
मनीष कश्यप का पूरा नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ मनीष कश्यप है. मनीष बिहार के पश्चिमी चंपारण के रामपुरवा गांव के रहने वाले हैं. 'द हिंदू' की एक रिपोर्ट के मुताबिक मनीष ने पुणे की सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी से 2016 में सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी. मनीष को शायद इंजीनियरिंग रास नहीं आई. फिर मनीष ने 'Sach Talks' नाम से अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया. फिलहाल इस चैनल पर 8.75 मिलियन फॉलोअर्स हैं और 3200 से अधिक वीडियो पब्लिश हो चुके हैं. मनीष कश्यप के इस यूट्यूब चैनल में कई रिजनल पब्लिशर्स और यूट्यूबर भी जुड़े हुए हैं.
फर्जी वीडियो मामले में जाना पड़ा था जेल
बेतिया जिले के रहने वाले मनीष कश्यप उस समय चर्चा में आए थे, जब फर्जी वायरल वीडियो मामले में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. वो वीडियो तमिलनाडु में काम करने वाले बिहारी मजदूरों का था. दरअसल पिछले साल मार्च की शुरुआत में तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की कथित पिटाई के वीडियो वायरल होने शुरू हुए थे. वीडियो में कुछ लोगों ने दावा किया कि, वो बिहारी मजदूर हैं और उनकी पिटाई हुई है. मामला इतना गरमाया की तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से बात भी की. जांच में वो वीडियो फर्जी पाए गए. मनीष कश्यप पर आरोप लगा कि उन्होंने फर्जी वीडियो बनाकर उन्हें वायरल किया. इस मामले में मनीष को करीब नौ महीने जेल में बिताने पड़े थे.
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