Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सिवनी में 960 करोड़ रुपये की लागत से बना देश का पहला साउंडप्रूफ हाइवे चर्चा में है. इस बार सुर्खियाें में आने की वजह उसका खस्ताहाल होना है. हाइवे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और NHAI की देखरेख में बनाया गया था. तीन साल के भीतर ही यह हाईवे इतनी बुरी हालत में पहुंच गया है कि यहां गड्ढे और दरारों की भरमार है. यहां पर वाहन चलाना मुश्किल हो गया है. पता ही नहीं चल रहा है कि रोड कहां है और गड्ढे कहां हैं?
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वन साइड करना पड़ा ट्रैफिक
सिवनी को नागपुर से जोड़ने वाला यह हाइवे, एशिया का सबसे बड़ा साउंडप्रूफ हाइवे बताया गया गया है, जगह-जगह से टूट गया है. भारी बारिश के कारण हाइवे में दरारें आ गई हैं और एक तरफ का ट्रैफिक बंद करना पड़ गया है. हाइवे टूटने की वजह से हर रोज जाम की स्थिति बन रही है. 29 किलोमीटर लंबा यह हाइवे इस बार की बारिश नहीं झेल पाया. अब इसकी मरम्मत की जा रही है, इस वजह से एक साइड से आवागमन रोक दिया गया है.
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वन्यजीवों को शोर से बचाने के लिए बनाया साउंडप्रूफ हाईवे
यह हाइवे पेंच नेशनल टाइगर रिजर्व के पास बना है, ताकि जंगलों में रहने वाले जानवरों को गाड़ियों के शोर से बचाया जा सके. 29 किलोमीटर लंबे इस हाइवे को 14 एनिमल अंडरपास और लाइट रिड्यूसर जैसी सुविधाओं से लैस किया गया है. अब इसकी मरम्मत का काम शुरू हो गया है. भारी बारिश ने इसके स्ट्रक्चर को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे इसके निर्माण और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
सिवनी-नागपुर के बीच बने इस हाइवे की स्थिति देख लोग हैरान हैं कि 960 करोड़ की लागत से बना यह हाइवे कुछ साल भी नहीं चल सका.
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इसलिए खास है साउंडप्रूफ हाईवे
सिवनी से नागपुर के बीच स्थित पेंच टाइगर रिजर्व के कारण यह साउंड प्रूफ हाइवे बनाया गया है. घने जंगलों में रहने वाले जंगली जानवरों को शोरगुल से बचाने के लिए इसे साउंड प्रूफ बनाया गया. यहां से गाड़ियां निकलती हैं, लेकिन जरा भी आवाज नहीं होती. इतना ही नहीं, जंगली जानवरों के आवागमन के लिए 14 एनिमल अंडरपास भी बनाए गए हैं.
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