'अगर ये करें राहुल गांधी तो मैं उनसे हाथ मिलाने को हूं तैयार', इंजीनियर रशीद ने रखी कौन सी शर्त? 

अभिषेक

25 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 25 2024 1:46 PM)

Engineer Rashid on Rahul Gandhi: इंजीनियर रशीद ने कहा कि, कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सर्व दलीय बैठक बुलाई थी. उस बैठक में सिर्फ एक पार्टी अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) को नहीं बुलाया गया था जो हमारी पार्टी थी.

Engineer Rashid, Rahul Gandhi

Engineer Rashid, Rahul Gandhi

follow google news

Engineer Rashid on Rahul Gandhi: जम्मू-कश्मीर में 10 साल के बाद विधानसभा के चुनाव हो रहे है. तीन चरणों में हो रहे इस चुनाव का पहला चरण 18 सितंबर को वही आज यानी 25 सितंबर को दूसरे चरण के लिए वोटिंग जारी है. तीसरे और अंतिम चरण के लिए 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी. नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे. जम्मू-कश्मीर के चुनाव में एक शख्स खूब सुर्खियां बटोर रहा है वो हैं इंजीनियर रशीद. सालों से जेल में बंद शेख अब्दुल रशीद को अपनी पार्टी के प्रचार के लिए जमानत मिली हुई है. चुनाव में उनकी इंट्री से J&K के सारे समीकरण बिगड़ गए है. वैसे आपको बता दें कि, लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने तब सनसनी मचा दी थी जब जेल से चुनाव लड़कर बारामूला में उमर अब्दुल्ला को हराकर सांसद बन गए थे. अब विधानसभा चुनाव में भी वो छाए हुए है.

यह भी पढ़ें...

हाल ही में उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में आर्टिकल 370 और राहुल गांधी को लेकर एक बड़ी बात कह दी है. उन्होंने कहा है कि, अगर राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को लागू करने के विधेयक लाएंगे तो मैं उनका साथ दूंगा. आइए आपको विस्तार से बताते हैं क्या-क्या कहा इंजीनियर रशीद ने. 

आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर को कैसे देखते है?

57 साल के इंजीनियर रशीद जो पिछले साढ़े पांच साल से जेल में हैं ने इस सवाल के जवाब पर कहा कि, 'पहली बात जो मैंने देखी वह यह है कि आर्टिकल 370 के निरस्त होने के बाद लोग चुनावी प्रक्रिया में शामिल होने के इच्छुक हैं. लेकिन लोगों के मूड का यह बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'नया कश्मीर' के कारण नहीं है. ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां के लोग उत्पीड़ित और दबा हुआ महसूस कर रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा तिहाड़ जेल में मैंने दो दर्जन से अधिक युवाओं, यहां तक ​​कि नाबालिगों को भी सोशल मीडिया पोस्ट के लिए जेल में आते हुए देखा. यह दमनकारी है. इसलिए कश्मीरी चुनाव के जरिए लोग अपना गुस्सा जाहिर करना चाहते हैं. मुझे ऐसा लगता है कि बहिष्कार या हिंसा से मुद्दों का समाधान नहीं होने वाला है. दूसरी बात जो मैंने देखी वह यह है कि लोग ईमानदार लोगों को निराश नहीं करते. लोकसभा चुनाव में मेरी जीत ने यह साबित कर दिया.

जम्मू-कश्मीर के लिए NC और PDP के पास कोई रोडमैप नहीं, आपका रोडमैप क्या है?

इस सवाल के जवाब में इंजीनियर रशीद ने कहा कि, 'NC के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने एक बार कहा था कि वह अनुच्छेद 370 को वापस लाने के लिए गांधीवादी तरीका अपनाएंगे. क्या उन्होंने कभी एक दिन की भूख हड़ताल की थी? क्या उन्होंने कभी लोगों से एक दिन की शांतिपूर्ण हड़ताल करने के लिए कहा? उन्होंने आगे कहा, घाटी के नेताओं को सुप्रीम कोर्ट नहीं जाना चाहिए था. अनुच्छेद 370 एक राजनीतिक मुद्दा था, लेकिन उन्होंने इसे कानूनी मुद्दा बना दिया. राजनेता का खेल का मैदान सड़क है, अदालत नहीं. यह एक राजनीतिक लड़ाई थी, इसे राजनीतिक रूप से लड़ा जाना चाहिए था.'

'अगर राहुल गांधी ऐसा कहे तो साथ आने को हूं तैयार' 

इंजीनियर रशीद ने कहा कि, कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सर्व दलीय बैठक बुलाई थी. उस बैठक में सिर्फ एक पार्टी अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) को नहीं बुलाया गया था जो हमारी पार्टी थी. उस बैठक में जो लोग शामिल थे उन्होंने भी  आर्टिकल 370 को लेकर कुछ नहीं कहा. क्या वे पीएम से बात नहीं कर सकते थे? उस मुलाकात के बाद क्या हुआ? क्या पीएम ने कभी उन्हें फोन किया?

इसी दौरान उन्होंने कहा कि, मैं किसी से भी हाथ मिलाने को तैयार हूं. अगर उनके पास कोई रोडमैप हो. अगर राहुल गांधी वादा करते हैं कि सत्ता में आने के 50 साल बाद भी, वह अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए एक विधेयक लाएंगे, तो मैं उनके साथ हाथ मिलाने को तैयार हूं. 

वैसे आपको बता दें कि, इंजीनियर रशीद की पार्टी अवामी इत्तेहाद पार्टी(AIP) ने जम्मू-कश्मीर में 34 उम्मीदवारों को निर्दलीय के रूप में मैदान में उतारा है. इसके साथ ही उन्होंने जमात-ए-इस्लामी के साथ रणनीतिक गठबंधन भी बनाया हुआ है. इतनी ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने पर राशिद के विरोधी उन्हें 'दिल्ली का आदमी' यानी बीजेपी का आदमी बता रहे हैं जिन्होंने 'वोट बांटने' के लिए उम्मीदवार खड़े किए है. 

    follow google newsfollow whatsapp