यूपी में छाई '2 लड़कों' की जोड़ी, सपा-कांग्रेस की जुगलबंदी के आगे बीजेपी ने घुटने टेके!

शुभम गुप्ता

06 Jun 2024 (अपडेटेड: Jun 6 2024 12:56 PM)

SP-Congress in Uttar Pradesh: लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस-सपा के बीच कमाल की जुगलबंदी देखने को मिली. अखिलेश- राहुल ने मिलकर यूपी में बीजेपी का रथ रोक दिया.

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SP-Congress in Uttar Pradesh: लोकसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश ने दिया है. चुनावी नतीजे सामने आ गए हैं. अपने दावे से बीजेपी कौसो दूर नजर आई. चुनाव में बीजेपी दावा कर रही थी कि इस बार वे यूपी में 80 की 80 सीटें जीतने जा रहे हैं. जबकि महज 31 सीटें ही अपने नाम कर सकी. इस बार के चुनाव में सपा और कांग्रेस ने बड़ा उलटफेर कर दिया है. सपा ने 37 और कांग्रेस 6 सीटें जीती है. वहीं बसपा का यूपी में सूपड़ा साफ हो गया है. 

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जहां उत्तर प्रदेश के नतीजों ने भाजपा और उनके अलायंस को भी चौंका कर रख दिया है. क्योंकि बीजेपी ने ऐसे नतीजों की कल्पना भी नहीं कि थी जहां पिछली दो बार भाजपा का परचम लहराया था. राम मंदिर निर्माण के बाद, भाजपा को विजय के रूप में देखा जा रहा था. हालाँकि, अंतिम गणना में, समाजवादी पार्टी (सपा) अपने दम पर राज्य में 37 सीटों पर जीती जो कि भाजपा से चार सीटें ज्यादा हैं. साथ ही INDIA को भी एनडीए से अधिक सीटें मिलीं.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक दोनों पार्टी के नेताओं का मानना है कि ऊपर से नीचे तक सपा और कांग्रेस के बीच प्रभावी गठबंधन समन्वय था, जिसने सभी जाति वर्गों के वोटों को आकर्षित किया. भाजपा के पक्ष में रहने वाला ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यक वोट भी इस बार INDIA खेमे में चला गया और उन्हें अपना समर्थन दिया.

यूपी में 'दो लड़कों' की जोड़ी ने किया कमाल

लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस-सपा के बीच कमाल की जुगलबंदी देखने को मिली. अखिलेश- राहुल ने मिलकर यूपी में बीजेपी का रथ रोक दिया. इंडिया ब्लॉक में शामिल दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारा हुआ. राजनीतिज्ञों का मानना है कि सीट बंटवारे के समय अखिलेश यादव ने सभी फैक्टर्स का ख्याल रखते हुए टिकट बांटे जो कि अहम फैक्टर साबित हुआ. अखिलेश द्वारा पार्टी के कार्यकर्ताओं को सख्त निर्देश दिए गए कि चुनाव में अलर्ट रहा जाए और कोशिश की जाए की हर वोट सपा-कांग्रेस खेमे में आए.

अखिलेश के हक में रहा PDA फैक्टर 

अखिलेश यादव ने चुनाव शुरू होने से पहले पीडीए का नारा दिया. पीडीए का मतलब पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक. अखिलेश अपनी रैलियों के दौरान ये दावा भी ठोकते दिखे कि इस बार पीडीए साथ मिलकर बीजेपी को हराएगा. अखिलेश यादव ने एक सर्वे के हवाले से कहा भी था कि 90 फीसदी पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक इंडिया को वोट देंगे. नतीजों से ये साबित हो रहा है कि बीजेपी के हर फॉर्मूले पर पीडीए भारी पड़ा है.

MY समीकरण का मिला अखिलेश को साथ

यूपी में हमेशा से मुस्लिम-यादव को सपा का कोर वोटर माना जाता है. अखिलेश अपन इन वोटर को लेकर काफी कॉन्फिडेंस भी रहते हैं. अखिलेश ने टिकट बंटवारे में इसका काफी ख्याल भी रखा. सोच समझकर टिकट बंटवारा किया गया. ये कहना गलता नहीं होगा कि इस बार सपा को गैर यादव वोटर का भी साथ मिला है. बता दें कि अखिलेश ने इस बार सिर्फ 5 यादव उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जबकि ओबीसी के 27 उम्मीदवार, अगड़ी जाति के 11 कैंडिडेट्स को टिकट दिया. इसमें 4 ब्राह्मण, 2 ठाकुर, 2 वैश्य, 1 खत्री उम्मीदवार शामिल हैं. इसके अलावा सपा ने 4 मुस्लिम उम्मीदवारों को भी टिकट दिया था.

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