विकसित भारत संकल्प यात्रा: 2024 के प्रचार के लिए अफसरों का हो रहा इस्तेमाल? जानिए पूरा विवाद

अभिषेक

23 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 23 2023 3:28 PM)

अफसरों से योजनाओं के प्रचार के आरोप को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भड़के हुए हैं. उन्होंने पीएम मोदी को चिट्ठी लिख कहा है कि यह केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण नियम) 1964 का उल्लंघन है. सिविल सेवकों और सैनिकों को राजनीति से दूर रखना चाहिए.

Mallikarjun Kharge Narendra Modi Loksabha Election 2024

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मोदी सरकार की प्रस्तावत विकसित भारत संकल्प यात्रा विवादों में घिर गई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार इसमें अफसरों को रथ प्रभारी बनाकर 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रख प्रचार में उनका इस्तेमाल कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे लेकर पीएम मोदी को एक पत्र भी लिखा है. असल में इस यात्रा की टाइमिंग को लेकर सवाल है. यह ऐसे वक्त निकाली जा रही है जब बीजेपी 2024 के चुनावों के लिए खुद को तैयार कर रही है. तो क्या चुनावों के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल हो रहा है?

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पहले सरकार की तैयारी जान लीजिए

केंद्र सरकार सरकारी योजनाओं के प्रचार के लिए दिवाली बाद विकसित भारत संकल्प यात्रा शुरू करने वाली है. यह यात्रा 765 जिलों के 2.69 लाख ग्राम पंचायतों को कवर करेगी. कांग्रेस का आरोप है कि सिविल सेवा के अधिकारियों को रथ प्रभारी बनाया जा रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग का एक ऑर्डर भी ट्वीट किया है. इसमें विभिन्न सेवा के अफसरों को रथ प्रभारी बनाने की बात कही गई है. पिछले दिनों रक्षा मंत्रालय ने भी एक आदेश जारी किया था. इसमें सैनिकों के छुट्टी पर होने पर सरकारी योजनाओं के प्रचार करने का जिक्र था.

अफसरों से योजनाओं के प्रचार के आरोप को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भड़के हुए हैं. उन्होंने पीएम मोदी को चिट्ठी लिख कहा है कि यह केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण नियम) 1964 का उल्लंघन है. सिविल सेवकों और सैनिकों को राजनीति से दूर रखना चाहिए. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसके जवाब में कहा है कि अफसरों को लाभार्थियों तक पहुंच सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से काम कराया जा रहा है.

असल मामला लाभार्थियों का ही है

जाहिर तौर पर इस यात्रा में राजनीति तलाशी जा रही है. असल में मोदी सरकार ने पिछले सालों में अपने लिए लाभार्थी वोटर्स का एक बड़ा समूह तैयार किया है. लाभार्थी यानी वो जिन्हें सरकारी की स्कीम का फायदा पहुंचा है. ऐसा माना जाता है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में लाभार्थी फैक्टर ने मोदी सरकार को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई. केंद्र सरकार की कुछ योजनाओं में लाभार्थी कवरेज करोड़ों में है. जैसे पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना. सरकार का दावा है कि इसके लाभार्थियों की संख्या 80 करोड़ है. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार चुनाव से पहले इन लाभार्थियों को आउटरीच करना चाहती है.

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