बिहार में 2025 के चुनाव से पहले उप-चुनाव का दंगल, हर सीट पर परिवारवाद का बेजोड़ एंगल!

आशीष अभिनव

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Bihar BY-Election
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Bihar By-Election: बिहार की चार विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना है. इसे लेकर बिहार NDA और महागठबंधन ने अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा भी कर दी है. बिहार में जिन चार सीटों पर उपचुनाव होना है उसमें बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़ और तरारी शामिल है. बिहार की जिन चार सीटों पर उपचुनाव होना है वहां की सीट इस वजह से रिक्त हुई थी क्योंकि उस सीट के तत्कालीन विधायक लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करके सांसद बन गए इसके बाद उपचुनाव होना तय हुआ.

बेलागंज से राजद विधायक सुरेंद्र यादव जहानाबाद से लोकसभा चुनाव जीत कर सांसद बने. इमामगंज से विधायक जीतन राम मांझी ने गया से लोकसभा चुनाव जीत और सांसद बने. इसके बाद वह केंद्र में मंत्री बने. रामगढ़ से राजद विधायक सुधाकर सिंह बक्सर से लोकसभा चुनाव जीत कर सांसद बने. तरारी से CPI ML विधायक सुदामा प्रसाद ने आरा से लोकसभा का चुनाव जीत और संसद पहुंचे.

NDA और महागठबंधन में से किसका है पलड़ा भारी?

243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में चार सीट इस वक्त खाली है. विधानसभा की मौजूदा स्थिति पर नजर डालें तो इस वक्त NDA के पास 129 विधायक है जबकि महागठबंधन के पास 109 विधायक. असदुद्दीन ओवैसी के पार्टी से एक विधायक है. गौरतलब है, उपचुनाव में होने वाले जीत या हार से नीतीश कुमार सरकार की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. हालांकि ये चुनाव महागठबंधन के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है क्योंकि चार में से तीन सीट इस वक्त उनके पास है.

मौजूदा स्थिति पर नजर डालें तो जिन चार सीटों पर उपचुनाव होना है उसमें से लोकसभा चुनाव से पहले केवल एक सीट इमामगंज NDA के पास थी जबकि तीन सीट बेलागंज, रामगढ़ और तरारी पर महागठबंधन का कब्जा था. इस हिसाब से अगर उपचुनाव पर नजर डालें तो महागठबंधन के लिए यह उपचुनाव NDA से ज्यादा महत्वपूर्ण है. उनकी तीन सीट दांव पर लगी हुई है. दूसरी तरफ NDA की भी कोशिश होगी कि महागठबंधन की सीटों में सेंधमारी की जाए और चारों सीट पर NDA अपना परचम लहराए. 

NDA और महागठबंधन के उम्मीदवार

NDA के तरफ से गया के बेलागंज सीट से जेडीयू ने पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी को उम्मीदवार बनाया है. गया के इमामगंज सीट से HAM ने दीपा मांझी को उम्मीदवार बनाया है. रामगढ़ सीट से बीजेपी ने अशोक कुमार सिंह को और तरारी से विशाल प्रशांत को उम्मीदवार बनाया है. एनडीए के तरफ से जनता दल यूनाइटेड एक सीट पर, HAM एक सीट पर और भाजपा दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है. 

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महागठबंधन ने गया के बेलागंज सीट से आरजेडी सांसद सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ कुमार सिंह को टिकट दिया है. गया के इमामगंज सीट से राजद ने रोशन कुमार मांझी को प्रत्याशी बनाया है और कैमूर के रामगढ़ सीट पर राजद ने बक्सर सांसद सुधाकर सिंह के भाई अजीत कुमार सिंह को टिकट दिया है. आरा के तरारी विधानसभा सीट CPI ML के खाते में गई है जहां से पार्टी ने राजू यादव को प्रत्याशी बनाया है. महागठबंधन के सीट शेयरिंग से स्पष्ट है कि तीन सीटों पर राजद चुनाव लड़ रही है जबकि एक सीट पर CPI ML. 

उप-चुनाव और परिवारवाद का दांव

बिहार में चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव में एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशियों पर नजर डालें तो एक बात बिल्कुल साफ हो जाता है कि राजनीति में परिवारवाद केवल कहने के लिए मुद्दा होता है जबकि हमाम में सभी नंगे नजर आते हैं. बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़ और तरारी सीट, जिस भी सीट पर नजर डालें वहां परिवारवाद पूरी तरीके से हावी दिखता है.

इमामगंज: इमामगंज सीट की बात करें तो यहां पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी बहू और बिहार सरकार में मंत्री संतोष कुमार सुमन की पत्नी दीपा मांझी को अपना प्रत्याशी बनाया है. दीपा मांझी जीतन राम मांझी की समधन ज्योति मांझी की बेटी है. दिलचस्प बात यह है कि ज्योति मांझी भी खुद हिंदुस्तानी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा यानी कि जीतन राम मांझी के पार्टी की मौजूदा विधायक है. राजद ने जीतन मांझी के बहू का खिलाफ रोशन मांझी को उम्मीदवार बनाया है.

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रामगढ़: रामगढ़ विधानसभा सीट से राजद ने पार्टी सांसद सुधाकर सिंह के भाई अजीत कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया है. बीजेपी ने इस सीट से अशोक कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है.

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तरारी: तरारी विधानसभा सीट से एनडीए के तरफ से बीजेपी ने पूर्व विधायक और बाहुबली सुनील पांडे के बेटे विशाल प्रशांत को चुनावी मैदान में उतारा है. CPI ML ने इस सीट से राजू यादव को प्रत्याशी बनाया है.

इनपुट- रोहित कुमार सिंह

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