महाराष्ट्र चुनाव 2024: महाविकास अघाड़ी या महायुति में कौन आगे? पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने किया विस्फोटक दावा!
महाराष्ट्र चुनाव 2024: वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई का कहना कि ये बताना मुश्किल होगा कि दोनों दलों में कौन आगे हैं. विदर्भ और मराठवाड़ा में महाविकास अघाड़ी को बढ़त मिलती दिख रही है.
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Maharashtra Elections 2024: महाराष्ट्र में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच महाविकास अघाड़ी (MVA) और महायुक्ति के बीच जोरदार टक्कर है. 23 नवंबर को महाराष्ट्र की सत्ता में कौन आएगा? ये सवाल महाराष्ट्र और राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले हर शख़्स ने जरूर जानना चाहता है. इस समय पूरे प्रदेश में विधानसभा चुनाव की चर्चा चल रही है. इस चुनाव में कौन सा फैक्टर काम करेगा? किन जातीय समीकरणों का गणित चलेगा? मराठवाड़ा में क्या होगा? विदर्भ में कौन आगे होगा? कौन जीतेगा मुंबई की जंग? ये तमाम सवाल लोगों के मन में उठ रहे होंगे...अजित पवार की बीजेपी से दूरी का महायुति पर कितना असर पड़ेगा? इस बार खास शो ''साप्ताहिक सभा'' में समझिए विस्तार से..
इस हफ्ते की साप्ताहिक सभा में हमने इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से खास बातचीत की है. वे पिछले हफ़्ते से ही महाराष्ट्र में अलग-अलग इलाकों में घूम रहे हैं और राजदीप से हम जानेंगे कि महाराष्ट्र का मूड क्या है.
महाविकास अघाड़ी और महायुति में कौन आगे?
इस बात का जवाब देते हुए वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई का कहना कि ये बताना मुश्किल होगा कि दोनों दलों में कौन आगे हैं. विदर्भ और मराठवाड़ा में महाविकास अघाड़ी को बढ़त मिलती दिख रही है, खासकर ग्रामीण इलाकों में. वहीं, कोंकण और मुंबई में महायुति को बढ़त का अनुमान है. पश्चिमी महाराष्ट्र में शरद पवार और अजित पवार के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है.
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चुनाव प्रचार में कौन से मुद्दे हावी हैं?
राजदीप सरदेसाई ने कहा कि महंगाई, किसानों की समस्याएं, मराठा आरक्षण और महिला मतदाताओं के लिए योजनाएं मुख्य चुनावी मुद्दे बने हुए हैं.
महंगाई: सोयाबीन और गन्ना किसानों से लेकर मछली बाजार की महिलाएं तक, सभी महंगाई को लेकर असंतोष जाहिर कर रही हैं.
महिला योजनाएं: एकनाथ शिंदे की "लाडली बहन" योजना शहरी महिलाओं को लुभा रही है, जबकि ग्रामीण इलाकों में इस योजना का उतना असर नहीं दिख रहा.
मराठा आरक्षण: मराठवाड़ा में यह मुद्दा युवाओं को प्रभावित कर रहा है.
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क्या अजित पवार की छवि महायुति पर असर डाल सकती है?
अजित पवार की बीजेपी से नजदीकी उनके लिए चुनौती बन सकती है. उनकी "गौतम अडानी" से जुड़ी बैठकों को लेकर शरद पवार ने उन्हें घेरा है. यह देखना दिलचस्प होगा कि अजित पवार नैतिक लाभ वापस कैसे लेंगे.
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क्या महिलाओं का वोट निर्णायक होगा?
महिला मतदाताओं का वोट इस चुनाव में अहम भूमिका निभा सकता है. शहरी महिलाएं "लाडली बहन" योजना से खुश हैं, लेकिन ग्रामीण महिलाओं को अपनी फसलों के सही दाम चाहिए. महंगाई और जीवनयापन की कठिनाइयां सरकार के लिए चुनौती बन सकती हैं.
दलित और मुस्लिम समुदाय का झुकाव किस ओर है?
दलित और मुस्लिम गोलबंदी एमवीए के पक्ष में जा सकती है. हालांकि, बीजेपी इस पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव सीट-दर-सीट लड़ाई बन चुका है. मजबूत उम्मीदवार, जातीय समीकरण और प्रबंधन पर निर्भरता से तय होगा कि महाविकास अघाड़ी या महायुति में से कौन विजेता बनेगा. अगले कुछ दिनों में महंगाई जैसे मुद्दों का लाभ उठाना एमवीए के लिए निर्णायक हो सकता है.
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