मणिपुर हिंसा के बीच कॉनराड संगमा की NPP ने बीरेन सरकार से वापस लिया समर्थन, क्या बच पाएगी सरकार?

शुभम गुप्ता

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Conrad Sangma
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Manipur: मणिपुर की मौजूदा स्थिति को लेकर नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया. पार्टी प्रमुख कॉनराड संगमा ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे लेटर में कानून-व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की. लेटर में कहा गया, "बीरेन सिंह सरकार स्थिति संभालने और सामान्य स्थिति बहाल करने में विफल रही है." एनपीपी ने अपने 7 विधायकों का समर्थन वापस ले लिया है.

लेटर में NPP ने क्या लिखा?

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लेटर लिखते हुए कॉनराड संगमा ने कहा कि नेशनल पीपुल्स पार्टी वर्तमान स्थिति पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करना चाहती है. मणिपुर राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब है. पिछले कुछ दिनों में हमने स्थिति को और अधिक बिगड़ते देखा है, जहां कई और लोग मारे गए हैं. निर्दोष लोगों की जान चली गई है और राज्य के लोग भारी कष्ट से गुजर रहे हैं. हमारा दृढ़ विश्वास है कि श्री बीरेन सिंह के नेतृत्व में मणिपुर राज्य सरकार संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रहे हैं. वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, नेशनल पीपुल्स पार्टी ने निर्णय लिया है कि तत्काल प्रभाव से मणिपुर राज्य में बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया.

भाजपा सरकार पर असर नहीं

हालांकि एनपीपी के समर्थन वापसी के बावजूद बीरेन सिंह सरकार पर कोई खास असर पड़ने की संभावना नहीं है. भाजपा के पास 60 सदस्यीय विधानसभा में अकेले 37 विधायकों का बहुमत है. इसके अलावा, भाजपा को 5 सहयोगी विधायकों, 1 जेडीयू विधायक और 3 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है. एनपीपी के फैसले के बाद भी भाजपा सरकार स्थिर बनी हुई है.

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हाल ही में मणिपुर में फिर हुई हिंसा

मणिपुर में बीते दिन हालात फिर से गंभीर होते नजर आए. जिरीबाम जिले की एक नदी से छह लापता व्यक्तियों के शव मिलने के बाद राज्य में हिंसा भड़क उठी.  प्रदर्शनकारियों ने हिंसा के दौरान मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद और बीजेपी विधायक आरके इमो के घर पर हमला किया. प्रदर्शनकारियों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और संपत्ति को आग के हवाले कर दिया. इसके अलावा, इंफाल पश्चिम जिले में शहरी विकास मंत्री वाई. खेमचंद, स्वास्थ्य मंत्री सापम रंजन, और खपत मंत्री एल. सुसींद्रो सिंह के घरों को भी निशाना बनाया गया.

स्वास्थ्य मंत्री सापम रंजन ने प्रदर्शनकारियों से यह आश्वासन दिया कि वह छह लोगों की हत्या के मामले को कैबिनेट बैठक में उठाएंगे. उन्होंने यहां तक कहा कि यदि सरकार जनता की भावनाओं का सम्मान नहीं करती, तो वह अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं.

पूरी घटना के बाद राज्य में तनाव और बढ़ गया. इसके चलते सरकार को पांच जिलों में कर्फ्यू लगाने और इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का फैसला लेना पड़ा.

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