आंध्र प्रेदश: शर्मिला रेड्डी ने पीएम नरेंद्र मोदी को भेजा रेडियो, जानिए क्या है पूरा मामला

रूपक प्रियदर्शी

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Andhra Pradesh: प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी हर महीने के चौथे रविवार को सुबह 11 बजे रेडियो पर मन की बात करते रहे हैं. आकाशवाणी सरकारी ब्रॉडकास्टर है इसलिए चुनाव के बीच ऐसा कर भी नहीं पाते. विपक्ष हल्ला मचाए, चुनाव आयोग मना करे इसलिए खुद ही चुनाव शुरू होने से पहले मन की बात का प्रसारण रोक दिया. 

शर्मिला रेड्डी ने पीएम मोदी को भेजा रेडियो

मोदी मन की बात नहीं कर सकते लेकिन लोगों के मन की बात सुन सकते हैं इसीलिए आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस शर्मिला रेड्डी ने भेज दिया बड़ा सा रेडियो. कडप्पा से चुनाव लड़ रहीं शर्मिला रेड्डी ने फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. आंध्र प्रदेश की उपेक्षा करने, लोगों से चीट करने जैसे गंभीर आरोप लगाए. रेडियो इसलिए मोदी को भेजा ताकि आंध्र के लोगों की मन की बात सुन सकें.
 
इससे पहले शर्मिला रेड्डी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आइना चमकाया था ये साबित करने के लिए कि सीएम भाई जगन मोहन रेड्डी की चंद्रबाबू नायडू से मिलीभगत है. भाई से कहा कि आइने में वो खुद को देखते हैं या चंद्रबाबू नायडू को. कभी आइना, कभी रेडियो- बात मनवाने या बात समझाने की शर्मिला रेड्डी की गांधीगीरी से कांग्रेस फायदे में जा रही है.

मोदी घड़ियाली आंसू बहाते हैं- शर्मिला

लोकसभा- विधानसभा चुनावों से पहले शर्मिला रेड्डी ऑन फायर भी हैं और मोदी से फायर भी. कह दिया कि मोदी ineligible to enter state यानी आंध्र प्रदेश में घुसने के योग्य नहीं हैं. बस वोट के लिए आते हैं. घड़ियाली आंसू बहाते हैं. उन्हें आंध्र के विकास की कोई चिंता है नहीं. 

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विशेष राज्य का दर्जा, अमरावती की अधूरी राजधानी, पोलावरम प्रोजेक्ट जैसे मुद्दों को लेकर शर्मिला रेड्डी ने चंद्रबाबू, जगन मोहन के साथ मोदी के खिलाफ चार्जशीट निकाली दी. मोदी से एफिडेविट मांगा है कि लिखकर दीजिए कि जो वादे किए थे वो सब पूरा करेंगे. 

आंध्र को मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा?

विशेष राज्य का दर्जा-आंध्र प्रदेश में इसे इमोशनल मुद्दा माना जाता है जिसे शर्मिला रेड्डी ने लपक लिया है. इससे कांग्रेस को लेकर लोगों का गुस्सा कम होगा और चंद्रबाबू और जगन मोहन के लिए बढ़ेगा. आंध्र प्रदेश का विभाजन करके तेलंगाना राज्य बनाने से कांग्रेस को आंध्र का गुस्सा झेलना पड़ा. 10 साल से एक सीट नहीं जीत पाई कांग्रेस. अब चुनावों में कांग्रेस वादा कर रही है कि 'INDIA' की सरकार बनी तो आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा. 

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आंध्र विभाजन के बाद से विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठनी शुरू हुई. कांग्रेस तो 2014 में चली गई लेकिन मोदी के आने के बाद भी आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला. चंद्रबाबू नायडू बीजेपी के समर्थन के बदले भी ये डील करने में नाकाम रहे. जगन मोहन मोदी सरकार से अच्छे संबंधों का फायदा नहीं उठा पाए. विशेष राज्य के दर्जा वाली मांग गरम होने में चंद्रबाबू और जगन मोहन का नुकसान है और कांग्रेस का फायदा है. उसी फायदे के लिए शर्मिला रेड्डी ने मोदी को रेडियो भेजने का मास्टर स्ट्रोक चला है.

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