लेबनान में कम्युनिकेशन डिवाइस पेजर कैसे बना बम? क्या इजराइल ने फिट किया था विस्फोटक?

अभिषेक

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लेबनान पेजर ब्लास्ट
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Lebanon Pager Explosion: बीते दिन लेबनान और सीरिया के सीमावर्ती इलाकों में एक-के बाद एक कई ब्लास्ट हुए. ये ब्लास्ट पेजर में हुए. सिलसिलेवार ब्लास्ट होने से चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल हो गया. जानकारी के मुताबिक इस ब्लास्ट में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 4000 से अधिक लोग घायल हैं. पेजर ब्लास्ट से लेबनान में मौजूद ईरान के राजदूत की मौत हो गई है. माना जा रहा है कि, इजराइल ने पेजर्स को हैक कर उनमें ब्लास्ट कराया. आपको बता दें कि, पेजर्स का इस्तेमाल हिजबुल्लाह के लड़ाके आपस में कम्युनिकेशन के लिए करते है. हिजबुल्लाह ने इस हमले के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि इजराइल ने इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. आइए आपको बताते हैं आखिर क्या होता है पेजर और कैसे हो सकता है इसमें ब्लास्ट?

लेबनान और सीरिया के कुछ इलाकों में मंगलवार को सिलसिलेवार कई पेजर ब्लास्ट हुए. करीब एक घंटे तक पेजर में ब्लास्ट होते रहे. पेजर किसी की जेब में पेजर फटा तो किसी के हाथ में ही विस्फोट हो गया. हर तरफ चीख और पुकार सुनाई दी. दावा किया जा रहा है कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने पांच महीने पहले ही पेजर में विस्फोटक फिट कर दिया था.

क्या होता है पेजर?

पेजर एक वायरलेस डिवाइस है. इसका इस्तेमाल मैसेज भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है. यह रेडियो सिग्नल के जरिए टेक्स्ट मैसेज को रिसीव करता और भेजता है. 1990 के दशक में इमरजेंसी सेवाओं के लिए यह काफी लोकप्रिय था. इसका उपयोग तब काफी प्रचलित था जब जब मोबाइल फोन नहीं थे. आज भी इसका उपयोग कुछ विशेष क्षेत्रों जैसे- हेल्थकेयर और इमरजेंसी सर्विसेज में किया जाता है हैंड-टू-हैंड डिवाइस है और बातचीत करने का काफी भरोसेमंद माध्यम है.

मैसेज से हुआ विस्फोटक एक्टिवेट 

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, जो पेजर्स ब्लास्ट हुए है वो ताइवान की कंपनी के AP924 मॉडल के थे. पेजर की जो खेप ताइवान से लेबनान भेजी गई थी, उनमें हर पेजर पर एक से दो औंस का विस्फोटक लगा हुआ था. इस विस्फोटक को पेजर में लगी बैटरी के बगल में लगाया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, लेबनान में दोपहर 3.30 बजे इन पेजर्स पर एक मैसेज आया. इस मैसेज ने पेजर में लगे विस्फोटक को एक्टिवेट कर दिया. 

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दावा किया जा रहा है कि पेजर डिवाइसों में विस्फोट से पहले कई सेकेंड तक बीप की आवाज सुनाई दी. सूत्रों के मुताबिक, मोसाद ने दरअसल पेजर के अंदर एक छोटा बोर्ड इंजेक्ट किया था, जिसमें विस्फोटक था. इस विस्फोटक को किसी डिवाइस या स्कैनर से डिकेक्ट करना बहुत मुश्किल है.

महीनों पहले मोसाद ने पेजर्स में फिट किया था विस्फोटक!

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पेजर में हो रहे ब्लास्ट के पीछे इजरायल का हाथ है. इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने खुफिया ऑपरेशन के तहत पेजर्स में विस्फोटक फिट कर दिए थे. उनका टारगेट हिजबुल्लाह के लड़ाके थे. हिजबुल्लाह ने ताइवान की गोल्ड अपोलो नाम की कंपनी को लगभग 3000 पेजर का ऑर्डर दिया था. इन पेजर को इस साल अप्रैल से मई के बीच ताइवान से लेबनान भेजा गया था. हालांकि अब ये अनुमान लगाया जा रहा है कि, इन पेजर्स के लेबनान पहुंचने से पहले ही उनमें छेड़छाड़ कर दी गई.  यानी इस हमले की साजिश को कई महीने पहले अंजाम दिया गया था. 

हालांकि ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी के चेयरमैन सु चिंग कुआंग ने इन आरोपों पर कहा है कि, हमारी कंपनी ने इन पेजर्स को नहीं बनाया था. इन पेजर्स को यूरोप की एक कंपनी ने बनाया था. इस कंपनी के पास हमारी कंपनी का ब्रांड का इस्तेमाल करने का अधिकार है.

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