कांग्रेस के पूर्व विधायक का दावा, ईस्ट दिल्ली से बीजेपी हर्ष मल्होत्रा की जगह लवली को बनाएगी कैंडिडेट

शुभम गुप्ता

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Arvinder Singh Lovely-Congress: अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के बाद से कांग्रेस में हड़कंप  मच गया है. एक के बाद एक कांग्रेस के नेता उनसे मिलने पहुंच रहे हैं. इसी बीच कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान ने लवली को लेकर एक दावा किया है. उन्होंने कहा कि अगले 1-2 दिनों में बीजेपी पूर्व दिल्ली से हर्ष मल्होत्रा की जगह अरविंदर सिंह लवली को अपना प्रत्याशी घोषित कर देगी.

आसिफ मोहम्मद खान ने कहा- पार्टी में मतभेद हो सकते हैं. अगर लवली निराश थे, इस्तीफा देना चाहते थे तो चुपचाप अपना इस्तीफा मल्लिकार्जुन खरगे को दे देते, जिस तरह के कारण पत्र में बताए गए हैं, उसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। अगर उनकी मंशा ऐसी नहीं थी बुरा तो यह होता कि वह चुपचाप अपना इस्तीफा दे देते. एक तरह से उन्होंने जो पत्र खुले तौर पर मीडिया को जारी किया है, उसका सीधा फायदा बीजेपी को हो रहा है, मैं यह कह सकता हूं कि हर्ष मल्होत्रा ​​की जगह लवली को एक या दो दिन के अंदर उम्मीदवार घोषित कर दिया जाएगा.

लवली ने आरोपों पर क्या कहा?

अरविंदर सिंह लवली ने मीडिया से बात करते हुए बोला कि मैंने अपने मन की पीड़ा और आपने कार्यकर्ता की पीड़ा कांग्रेस आलाकमान को भेज दिया. मैं किसी पार्टी में नहीं जा रहा हूं.जो भ्रांति फैला रहे कि मैंने टिकट की नाराजगी को लेकर इस्तीफा दिया ये गलत है. मैने अध्यक्ष पद से ही इस्तीफा दिया है,30 से 35 पूर्व एमएलए मिलकर गए हैं.मैं दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है कांग्रेस के पद से इस्तीफा नहीं किया आपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलता रहूंगा.

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लवली के इस्तीफे के बाद एक्टिव हुई कांग्रेस

अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल को उनसे बात करने के लिए कहा है. इसके अलावा दिल्ली कांग्रेस संकट को हल करने का रास्ता खोजने का निर्देश दिया है.

लवली ने क्यों दिया इस्तीफा?

कहा जा रहा है कि लवली ने प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया के साथ अनबन के चलते अपना पद छोड़ा है. लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र में लिखा कि वह खुद को लाचार महसूस करते हैं और दिल्ली कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष के रूप में बने रहने में असमर्थ हैं. लवली के मुताबिक, उन पर बाबरिया के खिलाफ रहने वाले नेताओं को बाहर करने का भारी दबाव है. इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं.
 

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