'जातिगत जनगणना को कोई शक्ति अब रोक नहीं सकती!' राहुल गांधी ने MOTN सर्वे पर मोदी सरकार को घेरा  

अभिषेक

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Caste Census: इंडिया टुडे ने हाल ही में 'मूड ऑफ द नेशन सर्वे' जारी किया. इस सर्वे में अगर देश में आज चुनाव होते है तो किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी? प्रधानमंत्री के तौर पर जनता की पसंद कौन है? इन सब के साथ ही एक सर्वे ये भी हुआ कि देश में कितने फीसदी लोग जातिगत जनगणना के पक्ष में है? और सब सर्वे तो ठीक है पर इस सर्वे के आंकड़ों ने विपक्ष को मोदी सरकार को घेरने का मौका दे दिया है. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस सर्वे को शेयर करते हुए मोदी सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने कहा, 'मोदी जी, अगर आप जाति जनगणना को रोकने के बारे में सोच रहे हैं, तो आप सपना देख रहे हैं. कोई शक्ति अब इसे रोक नहीं सकती!' 

राहुल गांधी सहित विपक्ष के कई नेता के साथ ही राजनैतिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने भी इसे लेकर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा है. आइए आपको बताते हैं क्या है ये सर्वे? और कैसे घिर रही है मोदी सरकार?

पहले जानिए क्या है सर्वे में?

देश का मिजाज सर्वे(MOTN) में लोगों से ये सवाल पूछा गया कि, क्या आप जातिगत जनगणना के पक्ष में है? इस सवाल के जवाब में सर्वे में शामिल 74 फीसदी लोगों ने इसपर हामी भरी वहीं 24 फीसदी लोगों ने इसके विपक्ष में बात कहीं. सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि, इसी साल फरवरी में हुए MOTN सर्वे में 59 फीसदी लोगों ने पक्ष में वहीं 28 फीसदी लोगों ने विपक्ष में बात कही थी. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सहित विपक्ष ने जातिगत जनगणना का मुद्दा जोरों-शोर उठाया था जिसके बाद अब ये सर्वे उनकी बात को मजबूती देता हुआ नजर आ रहा है. 

राहुल गांधी ने क्या कहा?

कांग्रेस पार्टी के एक्स हैडल से इस सर्वे के पोस्ट करते हुए लिखा गया था कि, 'MOTN सर्वे में देश के मन की बात सामने आ गई है. हर बीतते वक्त के साथ 'जातिगत जनगणना' की मांग बढ़ती जा रही हैं. अब 74 फीसदी लोगों का कहना है कि जातिगत जनगणना होनी ही चाहिए. समाज में किसकी कितनी आबादी है? इस सवाल के जवाब से ही सबकी भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है. देश के लोगों का साफ संदेश है- जातिगत जनगणना करो, हमारा हक दो.' 

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कांग्रेस के इस पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने भी लिखा- 'मोदी जी, अगर आप जाति जनगणना को रोकने के बारे में सोच रहे हैं, तो आप सपना देख रहे हैं- कोई शक्ति अब इसे रोक नहीं सकती! हिंदुस्तान का ऑर्डर आ चुका है- जल्द ही 90 फीसदी भारतीय जाति जनगणना का समर्थन और मांग करेंगे. ऑर्डर अभी लागू कीजिए, या आप अगले प्रधानमंत्री को ये करते देखेंगे.'

क्यों उठ रही है जाति जनगणना की मांग?

देश में होने वाली जनगणना में ये पता नहीं चल पाता है कि देश में किस जाति के कितने लोग हैं. जनगणना में सिर्फ अनुसूचित जाति और जनजाति(SC और ST) के ही आंकड़े ही आते हैं. ओबीसी जातियों की गिनती नहीं होती. विपक्ष सहित राहुल गांधी का जातिगत जनगणना की मांग के पीछे का तर्क ये है कि, 'जिस जाति की जितनी आबादी, उसको उतना आरक्षण मिले'. वहीं, इसके विरोध में तर्क दिया जाता है कि अगर जनगणना में ओबीसी की आबादी ज्यादा निकली तो ज्यादा आरक्षण की मांग उठेगी. अभी ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण मिलता है. ये आरक्षण 1931 में आखिरी बार हुई जाति जनगणना के आधार पर दिया जाता है. 1990 में मंडल आयोग ने 1931 के आधार पर ओबीसी की आबादी 52 फीसदी होने का अनुमान लगाया था. 

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