Rajasthan: समरावता गांव में बीती रात को क्या-क्या हुआ? नरेश मीणा ने सबकुछ बताया, पुलिस पर लगाए ये आरोप
Rajasthan: राजस्थान के टोंक जिले की देवली उनियारा सीट पर कल रात उपचुनाव के बाद आगजनी की घटना हुई. कई दर्जनों गाड़ियों को फूंका गया. निदर्लीय उम्मीदवार नरेश मीणा द्वारा एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद यहां विवाद बढ़ा.
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Rajasthan: राजस्थान के टोंक जिले की देवली उनियारा सीट पर कल रात उपचुनाव के बाद आगजनी की घटना हुई. कई दर्जनों गाड़ियों को फूंका गया. निदर्लीय उम्मीदवार नरेश मीणा द्वारा एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद यहां विवाद बढ़ा. जिसके बाद रात को पुलिस और नरेश मीणा के समर्थकों के बीच झड़प देखने को मिली.
इस घटना में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए. वहीं रात को पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार करने का प्रयास किया लेकिन उनके समर्थकों ने उन्हें समरावता गांव से बाहर निकाल लिया. अब सुबह नरेश मीणा वापस समरावता गांव पहुंचे, इस दौरान उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए.
नरेश मीणा ने कहा, 'मैं यहां गिरफ्तारी देने आया हूं और पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच होनी चाहिए, पुलिस ने बहुत बर्बरता की, हमनें जवाबी कार्रवाई भी की, कल दिन में कलेक्टर आ जाती मौके पर तो कुछ नहीं होता'.
नरेश मीणा ने बीती रात की घटना पर क्या कहा
नरेश मीणा ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि यहां पुलिस ने आगजनी-मारपीट की है. नरेश मीणा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने हमारा खाना नहीं आने दिया.
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क्या हुई घटना, नरेश मीणा ने बताया
नरेश मीणा ने बताया कि गांव वालों ने शिकायत की थी कि उन्हें उनियारा उपखंड से देवली उपखंड में जोड़ दिया गया. उनकी मांग थी कि उन्हें वापस उनियारा जोड़ा जाए. इसी को लेकर गांववालों ने मतदान का बहिष्कार हुआ.
एसडीएम ने फर्जी वोट डलवाए
नरेश मीणा ने बताया कि जब मैं यहां पहुंचा तो लोगों से मैंने वोटिंग करने की बात कही, क्योंकि यह मेरा समर्थित गांव था. लेकिन लोगों ने डीएम से बात करने की बात कही, जिसके बाद मैंने डीएम को यहां बुलवाने के लिए प्रशासन को कहा लेकिन डीएम/एडीएम नहीं आए. प्रशासन ने एक नहीं सुनी. एसडीएम ने आंगनबाड़ी महिला और उनके पति से जबरदस्ती वोट डलवाया. जिसके बाद मैंने एसडीएम को थप्पड़ जड़ा. एसडीएम ने फर्जी वोट डलवाए.
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रात को क्या कहा?
नरेश मीणा रात की घटना पर कहा- रात को धरने के लिए स्टेज पर खाने की तैयारियां हो रही थी. पुलिस हमारे खाने की पिकअप को आने नहीं दे रहे थे. जिसके बाद मैं वहां पिकअप लेने गया..तो वहां जाने के बाद एसपी से कहा मुझे कहा कि एडीएम से बात कर लीजिए तो मैंने कहा हम डीएम से नीचे बात नहीं करेंगे. उसके बाद एसपी ने मुझे पीटा. 5-7 पुलिस वालों ने मुझे जीप में डाल दिया. मेरे साथियों ने मुझे छुड़ा लिया. फिर एसटीएफ आ गई. हमारे साथियों को पीटा. फिर पुलिस ने आंसू गैस और मिर्ची गोले छोड़े गए. मुझे मेरे समर्थक यहां से 5 किलोमीटर लेकर पहुंचे जहां मैंने रूका. उसके बाद पुलिस ने आगजनी की. कुछ बच्चे भी बेहोश हो गए. इस घटना के जिम्मेदारी प्रशासन की है.
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