Rajasthan: क्या है PKC-ERCP योजना, कितने जिलों को मिलेगा पानी? जानिए A-Z बातें
भजनलाल सरकार की पहली वर्षगांठ पर जयपुर के दादिया-सूरजपुरा में मंगलवार को पीएम मोदी ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी (PKC-ERCP) प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया. इन परियोजनाओं का उद्देश्य राजस्थान में पानी की चुनौती का स्थायी समाधान निकालना है.
ADVERTISEMENT
भजनलाल सरकार की पहली वर्षगांठ पर जयपुर के दादिया-सूरजपुरा में मंगलवार को पीएम मोदी ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी (PKC-ERCP) प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया. इन परियोजनाओं का उद्देश्य राजस्थान में पानी की चुनौती का स्थायी समाधान निकालना है, जिससे सूबे के 21 जिलों में बना जल संकट खत्म होने की उम्मीद है. आखिर क्या है संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी योजना, कितने समय में तैयारी होगी. कितना पैसा खर्च होगा. कितना पानी मिलेगा. जानिए सबकुछ
PKC योजना क्या है
पार्वती-कालीसिंध-चंबल (PKC) योजना 'नदी-जोड़ो परियोजना' के तहत उन नदियों के अधिशेष जल को बेहतर उपयोग में लाने के लिए तैयार की गई है, जिनमें मानसून के दौरान पानी की अधिकता होती है. परियोजना के तहत पार्वती, नेवज और कालीसिंध नदियों के अतिरिक्त जल को चंबल नदी में मोड़ा जाएगा. यह पहल राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (1980) के अंतर्गत आती है, जिसे केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय सिंचाई मंत्रालय ने तैयार किया था. यह योजना देशभर में जल प्रबंधन को सुधारने के लिए कुल 30 नदी-जोड़ो परियोजनाओं में से एक है.
जिसका मुख्य उद्देश्य घरेलू उपयोग के लिए जल उपलब्ध कराना है और चंबल बेसिन में जल संसाधनों का समुचित प्रबंधन करने के साथ मध्य प्रदेश और राजस्थान के सूखाग्रस्त क्षेत्रों को लाभ पहुंचाना है.
ADVERTISEMENT
क्या है ERCP परियोजना?
राजस्थान, भौगोलिक दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य है लेकिन यहां पानी की उपलब्धता काफी कम है. प्रदेश में केवल 1.16% सतही जल (नदियों का पानी) और 1.72% भूजल (ग्राउंड वाटर) ही मौजूद है. यही कारण है कि राजस्थान के कई जिलों में पानी की किल्लत एक स्थायी समस्या बनी हुई है. इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए राजस्थान सरकार ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) की शुरुआत की. इस परियोजना का उद्देश्य पानी की कमी से जूझ रहे जिलों में पीने और सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराना है.
जनवरी 2024 में हुआ था MOU
पूर्वी राजस्थान में जल संकट को दूर करने के लिए 28 जनवरी 2024 को मोदी सरकार ने PKC और ERCP परियोजना को एकीकृत कर दिया था. इस दौरान दिल्ली में तत्कालीन जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर हुए. अब भजनलाल सरकार की पहली वर्षगांठ पर इस योजना का शिलान्यास किया गया है.
ADVERTISEMENT
राजस्थान के कितने जिलों को लाभ मिलेगा?
PKC-ERCP परियोजना से राजस्थान के कुल 21 जिलों को पानी की समस्या से राहत मिलेगी. इनमें भरतपुर, गंगापुर सिटी, करौली, धौलपुर, डीग, दौसा, अलवर, खैरथल-तिजारा, झालावाड़, बारां, कोटा, सवाई माधोपुर, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, कोटपुतली-बहरोड़, दूदू, शाहपुरा, केकरी, ब्यावर, टोंक और अजमेर शामिल है. ये जिले लंबे समय से जल संकट का सामना कर रहे हैं. इस योजना से मध्य प्रदेश में गुना, शिवपुरी, श्योपुर, सीहोर, शाजापुर, राजगढ़, उज्जैन, मंदसौर, मुरैना, रतलाम, ग्वालियर आदि जिलों में जल संकट खत्म हो जाएगा.
ADVERTISEMENT
कितना पैसा खर्चा होगा और कितना पानी मिलेगा?
इस परियोजना की अनुमानित लागत 1.20 करोड़ आने की उम्मीद जताई जा रही है. यह योजना राजस्थान में 1200 और मध्यप्रदेश में 600 किमी की होगी. राजस्थान में इस योजना को पूरा करने में लगभग 80 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे.
कितने समय में पूरी होगी योजना?
इस योजना को पूरा करने में 8 वर्ष से अधिक समय लग सकता है. इस योजना का पूरा होने पर राजस्थान को 4102 मिलियन क्यूबिक (4 लाख 10 हजार 200 करोड़) लीटर पानी मिलेगा.
PKC-ERCP पर राजनीति शुरू?
इस परियोजना को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, इस योजना वसुंधरा राजे ने पहल की थी. बाद में गहलोत सरकार ने इसे आगे बढ़ाया. पीएम ने अपने वादे के बाद भी इस योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया. जूली ने कहा आज जब ये इसे लागू करना चाह रहे हैं तो इसका नाम बदल दिया. ईआरसीपी का नाम अब पीकेसी कर दिया गया है. उन्होंने इसके नाम बदलने पर भी सवाल उठाए.
जूली बोले- गहलोत ने शुरू कर की थी योजना
जूली ने कहा जिस योजना का शिलान्यास पीएम कर रहे हैं वह योजना तो मुख्यमंत्री रहते हुए अशोक गहलोत ने शुरू कर की थी. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत सरकार में इस पर काम शुरू हुआ और दो बांध बनकर तैयार हैं. अब पीएम सिर्फ शिलान्यास करने जा रहे हैं. बीजेपी इस योजना को अपना बताने में जुटी है. इस योजना का कांग्रेस ने हकीकत में बदला है.
कब क्या-क्या हुआ?
इस योजना के लिए 2016 में वसुंधरा सरकार के दौरान स्टडी की गई, जिसकी डीपीआर रिपोर्ट 2017 में केंद्र सरकार को भेजी गई. राजस्थान की ओर से जनवरी 2018 को केंद्रीय जल आयोग के सामने इस परियोजना के बारे में विस्तार से बताया. इसके बाद राजस्थान में गहलोत सरकार आ गई. वर्ष 2022 में तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने 2022-23 के बजट घोषणा में ईआरसीपी कॉर्पोरेशन का गठन किया और पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के निर्माण के लिए 14200 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई थी. अशोक गहलोत इस योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग करते रहे.
ADVERTISEMENT