बिहार का कश्मीर कहलाता है ककोलत जलप्रपात, मानसून में बनाएं घूमने का प्लान
ककोलत जलप्रपात अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है. यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण आपको निश्चित रूप से मंत्रमुग्ध कर देगा. यहां सालों भर खास कर गर्मी के मौसम में भारी संख्या में सैलानी आते हैं.
ADVERTISEMENT

क्या आप प्रकृति के शांत वातावरण और मनोरम दृश्यों का आनंद लेना चाहते हैं? यदि हां, तो बिहार का ककोलत जलप्रपात आपके लिए एकदम सही जगह है. इसे बिहार का कश्मीर भी कहा जाता है, और यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है. यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण आपको निश्चित रूप से मंत्रमुग्ध कर देगा. यहां सालों भर खास कर गर्मी के मौसम में भारी संख्या में सैलानी आते हैं. आपको बता दें, यहां झरने का पानी हमेशा ठंडा रहता है इसलिए आप यहां गर्मी के मौसम में जाने का प्लान कर सकते हैं.
कहां है ककोलत जलप्रपात?
यह जलप्रपात नवादा जिले में स्थित है, जो पटना से लगभग 100 किलोमीटर दूर है. करीब 160 फीट की ऊंचाई से गिरता इस झरने का पानी का दृश्य काफी मनमोहित कर देने वाला होता है. यह जलप्रपात नवादा से 16 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है.
काफी रोचक है जलप्रपात से जुड़ी कहानी
प्रचलित कथानुसार, एक ऋषि द्वारा त्रेता युग के राजा को अजगर बनने और यहीं रहने का श्राप दिया गया था और पांडवों के दर्शन के बाद राजा को इस श्राप से मुक्ति मिल गई. तब से ऐसा मानना है जो भी व्यक्ति झरने में स्नान करेगा, वह कभी भी सांप के रूप में पुनर्जन्म नहीं लेगा.
यह भी पढ़ें...
कैसे पहुंचें ककोलत?
ककोलत जलप्रपात सड़क मार्ग और रेल मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. आप पटना, गया या रांची से बस या टैक्सी किराए पर लेकर यहां पहुंच सकते हैं. नजदीकी रेलवे स्टेशन नवादा है, जो जलप्रपात से लगभग 20 किलोमीटर दूर है.
कहां रुकें?
आपको बता दें, ककोलत जलप्रपात के पास कई होटल और गेस्ट हाउस हैं. ऐसे में आप अपने बजट और सुविधा के अनुसार कोई भी जगह चुन सकते हैं.
बता दें, ककोलत जलप्रपात में आप कई गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं. आप यहां नौका विहार, तैराकी, या ट्रेकिंग कर सकते हैं. यदि आप रोमांच पसंद करते हैं, तो आप रॉक क्लाइम्बिंग भी कर सकते हैं. यहां कई मंदिर और ऐतिहासिक स्थल भी हैं, जिनकी आप यात्रा कर सकते हैं.