Internship Scheme of Government of India: देश की केंद्र सरकार बेरोजगारों की मदद के लिए एक इंटर्नशिप योजना लेकर आ रही है. इसे लेकर कुछ गाइडलाइन भी जारी की गई हैं. इसमें बेराजगार युवकों को कॉर्पाेरेट जगत में ट्रेनिंग भी मिलेगी और कुछ स्टाइपेंड भी मिलेगा. भारत सरकार ने तय किया है कि आने वाले 5 साल में 1 करोड़ बेरोजगार युवाओं को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा. इंटर्नशिप पूरे 1 साल की होगी. इस दौरान हर महीने इंटर्नशिप करने वाले युवाओं को 5 हजार रुपए का भुगतान भी किया जाएगा.
ADVERTISEMENT
भारत सरकार इस योजना की शुरूआत इंडिया इंक के साथ करने जा रही है. इस योजना के लिए भारत सरकार के कॉर्पाेरेट मामलों के मंत्रालय ने 500 शीर्ष कंपनियों का चयन किया है. एक पोर्टल तैयार किया गया है, जिसे 3 अक्टूबर से ओपन किया जा रहा है. इस पोर्टल पर इन 500 कंपनियों में इंटर्नशिप के पदों की जानकारी अपलोड रहेगी. बेरोजगार युवा 12 अक्टूबर से पीएम इंटर्नशिप योजना के पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. निष्पक्ष तरीके से कंपनियों द्वारा अपने इंटर्न चुने जाएंगे.
इस योजना में आवेदन करने की क्या है पात्रता?
बेरोजगार युवाओं के लिए इस स्कीम में आवेदन करने के लिए एक पात्रता श्रेणी रखी गई है, जो इस प्रकार है.
- 21 से 24 साल के बेरोजगार युवा ही इसमें आवेदन कर सकते हैं
- जो युवा आवेदन करेंगे, उनके परिवार की सालाना इनकम 8 लाख रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए.
- सरकारी कर्मचारियों के पुत्र-पुत्रियां, इनकम टैक्स जमा करने वाले परिवारों के बच्चे इस योजना में आवेदन नहीं कर सकते हैं.
- बीई, बीटेक, एमई, एमटेक, एमबीए, पीएचडी आदि उच्च शिक्षित डिग्री धारी बेरोजगार युवा इसमें आवेदन नहीं कर सकते.
- आईटीआई, कौशल प्रशिक्षण प्रमाण पत्र धारी, 12वीं पास, दूरस्थ शिक्षण पद्धति से स्कूली शिक्षा पूरी करने वाले युवा ही इस योजना में आवेदन कर सकते हैं.
कैसे होगा चयन?
500 शीर्ष कंपनियों और कॉर्पाेरेट मंत्रालय से संबंधित कुछ अधिकारियों का एक पैनल तैयार किया गया है जो इस चयन प्रक्रिया को पूरा करेगा. जिन 500 शीर्ष कंपनियों को चुना गया है, उनका चयन पिछले तीन साल में सीएसआर फंड व्यय के वैल्यूएशन के आधार पर किया गया है. यह पैनल निष्पक्ष तरीके से युवाओं का चयन करेगा. इंटर्न के लिए कुल 18 कैटेगरी बनाई गई हैं जिनमें बेरोजगार युवा पीएम इंटर्नशिप पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
युवाओं को किस तरह से होगा भुगतान
भारत सरकार 1 करोड़ बेरोजगार युवाओं को 5 साल में प्रशिक्षित करने जा रही है. इसमें कुल 2 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. हर युवा को प्रत्येक महीने 5 हजार रुपए का भुगतान होगा. इसमें चयन करने वाली कंपनी 500 रुपए और भारत सरकार 4500 रुपए का भुगतान करेगी. यदि किसी कंपनी को लगता है कि उन्होंने जिस इंटर्न का चयन किया है, उसमें योग्यता है, काबिल है और कंपनी के लिए भविष्य में एक अच्छा कर्मचारी बन सकता है तो वह अपने स्तर पर इंटर्नशिप की राशि बढ़ा भी सकती है.
मान लीजिए किसी राहुल महाजन का चयन A कंपनी कर लेती है. तो राहुल महाजन को 5 हजार रुपए का भुगतान हर महीने होगा लेकिन कंपनी यदि चाहे तो अपने सीएसआर मद से कुछ अतिरिक्त भुगतान करके राहुल को कंपनी से जोड़ भी सकती है. लेकिन उसमें सरकार का योगदान 4500 रुपए प्रति महीने का ही रहेगा और शेष भुगतान कंपनी को ही करना होगा. भुगतान की राशि युवाओं के बैंक खाते में सीधे भेजी जाएगी. हर महीने भुगतान के अलावा केंद्र सरकार साल में एक बार 6 हजार रुपए
किस तरह से होगी ट्रेनिंग?
इस योजना की सबसे अच्छी बात यह है कि पूरी ट्रेनिंग प्रेक्टिकल होगी. जो इंटर्न इसमें चुने जाएंगे, उनको कम से कम 6 महीने असली काम के माहौल के बीच प्रशिक्षित किया जाएगा. मान लीजिए कोई कंपनी ऑटो पार्ट्स बनाने का काम करती है तो चयनित इंटर्न को 6 महीने तक ऑटो पार्ट्स की फैक्ट्री में काम कराया जाएगा, जिससे उसे प्रोडक्शन की प्रेक्टिकल नॉलेज मिल सके और ट्रेनिंग पूरी होने के बाद कंपनी को एक प्रशिक्षित कर्मचारी मिल सके. यह इंटर्नशिप किसी बंद क्लासरूम तक सीमित नहीं रहेगी.
2 चरणों में चलेगी योजना, एमएसएमई सेक्टर को होगा फायदा
इस योजना को 2 चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले चरण में शुरूआती दो सालों में 30 लाख बेरोजगार युवाओं को इंटर्नशिप योजना से जोड़कर प्रशिक्षित किया जाएगा. दूसरे चरण में अगले तीन सालों में 70 लाख बेरोजगार युवाओं को इस स्कीम से जोड़कर प्रशिक्षित कर दिया जाएगा. इस तरह 5 सालों में 1 करोड़ प्रशिक्षित युवा तैयार हो जाएंगे जो देश की एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इंडस्ट्री के लिए बेहद उपयोगी साबित होंगे. एमएसएमई इंडस्ट्री को प्रशिक्षित कामगारों की पूरी फौज मिल जाएगी. इससे युवाओं को रोजगार और एमएसएमई इंडस्ट्री को काबिल कामगार मिल सकेंगे.
ADVERTISEMENT