Maharashtra Politics: राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) से जुड़े एक मराठी साप्ताहिक ने लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र बीजेपी के खराब प्रदर्शन के लिए अजीत पवार के नेतृत्व वाली NCP के साथ गठबंधन को एक कारण बताया है. साप्ताहिक में छपे लेख में भाजपा और उसके कार्यकर्ताओं और NDA सरकार के बीच संवाद की कमी को जिम्मेदार ठहराया है.
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यह ताज़ा लेख आरएसएस से जुड़ी पत्रिका 'ऑर्गनाइज़र' के एक और लेख के कुछ हफ़्ते बाद आया है, जिसमें लोकसभा चुनाव परिणामों को "ओवर कॉन्फिडेंस" भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए रियेलिटी चेक कहा गया है.
NCP के साथ BJP का गठबंधन बेमेल?
लेख के अनुसार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के शिवसेना गुट के साथ भाजपा का गठबंधन "स्वाभाविक" था जिसे मतदाताओं ने स्वीकार किया. जबकि अजीत पवार के साथ गठबंधन से बीजेपी कार्यकर्ताओं और उसके नेताओं को पसंद नहीं आया. उन्होंने कहा कि 'लगभग हर कार्यकर्ता अपनी नाराजगी बताते हुए और लोकसभा चुनाव में असफलता के कारणों की चर्चा करते हुए सबसे पहले NCP के साथ गठबंधन से शुरुआत करता है. लेख में यह भी दावा किया गया है कि बीजेपी एकमात्र ऐसी पार्टी है जो कार्यकर्ताओं को नेता बनाती है, लेकिन कार्यकर्ताओं को अब लगता है कि इस प्रक्रिया को कमतर आंका गया है.
लेख में आगे लिखा गया कि विपक्ष द्वारा भाजपा के खिलाफ "वॉशिंग मशीन" के ताने का जिक्र करते हुए लेख में कहा गया है कि हिंदुत्व की आवाज बुलंद करने वाले लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की जिसके बाद इस कहानी ने जोर पकड़ लिया. लोकसभा चुनाव के बाद से इसके प्रमुख मोहन भागवत सहित कई आरएसएस नेताओं ने परिणामों पर टिप्पणी की थी.
चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन पर RSS की टिप्पणी
लोकसभा चुनाव परिणामों पर अपनी पहली टिप्पणी में मोहन भागवत ने कहा था कि एक सच्चा 'सेवक' अहंकारी नहीं होता है और गरिमा बनाए रखते हुए लोगों की सेवा करता है. संघ प्रमुख के अलावा RSS नेता इंद्रेश कुमार ने भाजपा के खराब प्रदर्शन के लिए "अहंकार" को जिम्मेदार ठहराया, उन्होंने कहा कि इसी के कारण 'भगवान राम ने इसे 241 पर रोक दिया'.
महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव के नतीजे
लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा, शिंदे सेना और अजीत पवार की एनसीपी वाला महायुति गठबंधन 48 में से केवल 17 सीटें जीतने में कामयाब रहा. वहीं 2019 में NDA ने 41 सीटें जीती थी. 'INDIA' की महा विकास अघाड़ी (MVA) में उद्धव ठाकरे की शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी शामिल है. इस आम चुनाव में विपक्ष ने महाराष्ट्र में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 30 सीटें अपने नाम की हैं वहीं 2019 चुनाव में विपक्ष को 5 सीटें मिली थी.
2019 चुनाव में बीजेपी को 23 सीटों पर जीत मिली थी वहीं इस बार सिर्फ 10 सीटों को अपने नाम कर सकी. कांग्रेस इस चुनाव में 13 सीटें जीतकर महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.
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