'वेलफेयर के लिए विशेष समुदायों-जातियों के आंकड़े जुटाने पर आपत्ति नहीं'- जातिगत जनगणना पर RSS का बड़ा बयान

अभिषेक

02 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 3 2024 11:25 AM)

RSS on Caste Census: सुनील आम्बेकर ने कहा कि हमारे समाज में जातिगत प्रतिक्रियाएं एक संवेदनशील मुद्दा हैं और यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जातीय जनगणना का इस्तेमाल चुनाव प्रचार और चुनावी उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. 

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RSS on Caste Census: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) ने जातीय जनगणना और महिला सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बड़ी बात कही है. संघ ने समाज की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए जातीय जनगणना को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं, जबकि महिला सुरक्षा के लिए नए कदम उठाने की बात कही है. इन विषयों पर RSS की केरल में तीन दिनों तक चले सम्मेलन में चर्चा की गई, जिसमें समाज के विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ और भविष्य के लिए कई अहम निर्णय लिए गए. इसी सम्मेलन में इन मुद्दों को लेकर आगे की कार्य योजना को लेकर बातचीत हुई. 

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वैसे आपको बता दें कि, जातीय जनगणना देश में पिछले 1 साल से हॉट टॉपिक बना हुआ है. लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियां जातीय जनगणना को लेकर मुखर है. बीजेपी इसी भवर में उलझती नजर आई है. पार्टी ने इसे लेकर अभी तक कोई स्पष्ट रुख नहीं किया है. हालांकि अब उसके संगठन RSS ने इस मुद्दे पर खुलकर अपना मत रखा है. 

जातीय जनगणना पर RSS ने क्या कहा?

तीन दिन के सम्मेलन के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने जातीय जनगणना को लेकर रुख स्पष्ट कर दिया है. RSS ने इसे एक संवेदनशील मुद्दा बताया है. संघ ने कहा, पंच परिवर्तन के तहत इस पर चर्चा की गई है, और संगठन ने निर्णय लिया है कि मास लेवल पर समरसता को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जाएगा. RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने कहा कि हमारे समाज में जातिगत प्रतिक्रियाएं एक संवेदनशील मुद्दा हैं और यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जातीय जनगणना का इस्तेमाल चुनाव प्रचार और चुनावी उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. 

कुल मिलाकर RSS का कहना ये था कि, वेलफेयर के लिए विशेष समुदायों-जातियों के आंकड़े जुटाने पर आपत्ति नहीं है. यानी की संघ को जातीय जनगणना पर कोई आपत्ति नहीं है. वहीं संघ ने कहा कि, आज जो लोग भी जातीय जनगणना की बातें कर रहे है वो सिर्फ चुनावी लाभ लेने के लिए ऐसा कर रहे है. उनका जनता और उसके मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है. वो अपने फायदे के लिए इसे मुद्दा बना रहे है.

महिलाओं की सुरक्षा के लिए बने नए कानून

सम्मेलन में पश्चिम बंगाल के कोलकाता मर्डर-रेप कांड पर भी विस्तार से चर्चा की गई. RSS ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला कानूनों में संशोधन की आवश्यकता पर जोर दिया और इसे एक चिंताजनक मुद्दा बताया. महिला सुरक्षा को लेकर पांच मोर्चों पर चर्चा की गई जिसमें कानूनी, जागरूकता, संस्कार, शिक्षा और आत्मरक्षा शामिल हैं. इन मोर्चों पर महिला सुरक्षा अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है.

'यह एक पारिवारिक मामला है': सुनील आंबेकर 

लोकसभा चुनाव के समय बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इंडियन एक्स्प्रेस को दिए एक इंटरव्यू में RSS को लेकर बड़ी बात ख दी थी. जेपी नड्डा ने तब कहा था कि, पहले हम कमजोर थे तब हमें RSS की जरूरत पड़ती थी अब हम मजबूत हो गए है और हमें RSS की जरूरत नहीं है. उनके इस बयान के बाद से RSS और बीजेपी के बीच तल्ख टिप्पणियां देखने को मिली थी. 

अब उनके इस बयान पर RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा हमारे मिशन के बारे में मूल विचार सभी के लिए बहुत स्पष्ट है, अन्य मुद्दों को हल किया जाएगा, यह एक पारिवारिक मामला है. इसे हल किया जाएगा. तीन दिवसीय बैठक यहां हुई, सभी ने अच्छी तरह से भाग लिया और सब कुछ ठीक रहा. 

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