Mayor election in Chandigarh: केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव होने वाला है. इस बार यह चुनाव बेहद दिलचस्प होने जा रहा है. इसकी वजह है विपक्ष के इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA) में एक साथ नजर आ रही है कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस चुनाव में भी साथ-साथ दिख रही है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) गठबंधन के खिलाफ दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. उधर, कांग्रेस ने अपने सभी पार्षदों की बाड़ेबंदी भी कर रखी है. फिलहाल चंडीगढ़ के मेयर पद पर बीजेपी का कब्जा है. 2023 में हुए चुनाव में अनूप गुप्ता ने एक वोट से आम आदमी पार्टी के जसबीर सिंह को हराया था.
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सूत्रों के मुताबिक चुनाव के लिए कांग्रेस-AAP के गठबंधन पर बातचीत अंतिम दौर में पहुंच गई है. इसपर औपचारिक मुहर कभी भी लग सकती है. इस समझौते के अनुसार आम आदमी पार्टी को मेयर का पद मिलेगा. डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर का पद कांग्रेस के पास रहेगा. चर्चा है कि कांग्रेस के मेयर पद के उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकते हैं.
मेयर बनने के लिए क्या है गणित?
चंडीगढ़ में मेयर के चुनाव के लिए जमकर सियासी खेल चल रहा है. अगर कांग्रेस और AAP एकसाथ चुनाव लड़ते हैं, तो फिर इस अलायंस की जीत की संभावनाएं बढ़ जाएंगी. आपको बता दें कि ‘म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफ चंडीगढ़’ में कुल 36 सदस्य हैं. वर्तमान में आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के 7 पार्षदों के कुल मिलाकर 20 वोट हैं. बीजेपी के पास सिर्फ 14 पार्षद और एक सांसद का वोट है. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सांसद के वोट का भी वेटेज होता है. अगर बीजेपी किसी तरह से शिरोमणि अकाली दल के एक पार्षद का वोट हासिल कर भी लेती है, फिर भी वो चुनाव नहीं जीत पाएगी.
2024 के लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही बातचीत
कांग्रेस के नेतृत्व में बनी INDIA अलायंस में कांग्रेस और AAP दोनों पार्टियां साथ में ही हैx. हाल के दिनों में दोनों दलों के बीच दिल्ली, गोवा और पंजाब में सीटों के बंटवारें को लेकर कई दौर की मीटिंगों का दौर अभी जारी है. जानकारी के मुताबिक दिल्ली की सीटों पर तो फैसला भी हो चुका है, बस ऑफिशियल अनाउंसमेंट होना बाकी है. इसी बीच पिछले दिनों AAP सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से भी मिले थे. लोकसभा चुनाव से पहले चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में होने वाला ये गठबंधन दोनों दलों के बीच के बढ़ते समन्वय का बड़ा इशारा कर रहा है.
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