क्या 3500 करोड़ की टैक्स वसूली मामले में कांग्रेस को मिली राहत? सुप्रीम कोर्ट में ये सब हुआ

अभिषेक

01 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 1 2024 2:28 PM)

कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में आयकर विभाग के इस बयान के बाद कहा कि, 'पार्टी टैक्स के नोटिस के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी क्योंकि सरकार कांग्रेस पर मनमाना आरोप थोप रही है. पार्टी ने कहा यह लोकतंत्र के सिद्धांत के खिलाफ है. 

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Congress Party: सुप्रीम कोर्ट(SC) से कांग्रेस पार्टी के लिए आज एक राहत भरी खबर आई. आयकर विभाग के दो नोटिसों में करीब 3500 करोड़ रुपये की वसूली करने की बात के बाद अब SC में पार्टी को राहत मिली है. आज आयकर विभाग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि, वह देश में लोकसभा चुनाव की वजह से कांग्रेस से मांगे गए 3500 करोड़ रुपये के टैक्स की वसूली के लिए चुनाव के सम्पन्न होने तक कोई कदम नहीं उठाएगा. इस मामले में  सुप्रीम कोर्ट 24 जुलाई को अगली सुनवाई करेगा. 

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दरअसल यह मामला साल 2018 में कांग्रेस की दायर एक याचिका से संबंधित है, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें आयकर विभाग को 2011-2012 के लिए अपने आयकर का पुनर्मूल्यांकन करने की अनुमति दी गई थी. वैसे आपको बता दें कि, कांग्रेस पार्टी के हाई कोर्ट में दाखिल याचिकाएं खारिज होने के एक दिन बाद कांग्रेस को आयकर विभाग से 1800 करोड़ रुपये का नोटिस मिला. बाद में तीन और नोटिस भेजे गए, जिससे पार्टी पर कुल टैक्स की मांग 3567 करोड़ रुपये हो गई.

'लोकसभा चुनाव तक नहीं होगी कोई कार्रवाई' 

कांग्रेस पर आयकर विभाग की नोटिस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सोमवार यानी आज सुप्रीम कोर्ट को ये आश्वासन दिया कि, 'किसी भी राजनीतिक दल को किसी भी समस्या से बचने के लिए लोकसभा चुनाव 2024 के बाद तक आयकर विभाग भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से 3500 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाएगा.' यानी कांग्रेस को अब लोकसभा चुनाव तक कोई नई नोटिस जारी नहीं की जाएगी. 

हालांकि आयकर विभाग ने कांग्रेस पार्टी के जिन अकाउंट्स को फ्रीज किया हुआ है वो यथास्थिति में रहेंगे. यानी अभी भी कांग्रेस अपने बैंक अकाउंट्स में से कोई भी ट्रांजेक्शन नहीं कर पाएगी. 

मनमाना आरोप थोप रही सरकार: कांग्रेस 

कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में आयकर विभाग के इस बयान के बाद कहा कि, 'पार्टी टैक्स के नोटिस के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी. पार्टी ने कहा कि, साल 1994-95 में, फिर 2014-15 व 2016-17 में पार्टी के खाते में नेताओं-कार्यकर्ताओं ने कुछ रुपये कैश में जमा कराए थे जिसकी एक-एक जानकारी पहले ही इनकम टैक्स विभाग को साझा की जा चुकी थी. मगर सरकार कांग्रेस पर जानकारी न देने का मनमाना आरोप थोप रही है. पार्टी ने कहा यह लोकतंत्र के सिद्धांत के खिलाफ है. 

अब तक क्या-क्या हुआ?

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले, कांग्रेस पार्टी को आयकर विभाग से साल 1994-95 और 2017- 2018 से 2020-21 में इनकम टैक्स की गड़बड़ियों को लेकर नए नोटिस मिले जिसमें पार्टी पर 1823 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया. इसके अलावा बीते शनिवार को पार्टी को आयकर विभाग से वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2016-17 के लिए 1745 करोड़ रुपये की देनदारी का नोटिस भी मिला. इससे पहले आयकर विभाग ने कांग्रेस पार्टी, यूथ कांग्रेस के साथ कई बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया था और अबतक करीब 135 करोड़ रुपए कांग्रेस के अकाउंट से निकाल चुका है. हालांकि इन सब के बीच कांग्रेस पार्टी के चुनाव लड़ने के लिए पैसों का इंतजाम कैसे होगा, ये सवाल अभी बना हुआ है.

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