News Tak: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पर दीपावली के दौरान बिजली चोरी का आरोप लगा है. इसे लेकर बेंगलोर बिजली आपूर्ति कंपनी (बीईएससीओएम) ने उनके खिलाफ केस भी दर्ज करा दिया है. कुछ अज्ञात लोगों ने कुमारस्वामी के घर की दीवार पर ‘बिजली चोर’ के पोस्टर भी लगा दिए. कुमारस्वामी ने सफाई में कहा है कि यह एक निजी डेकोरेटर की गलती थी. जिसने सजावट के दौरान बिजली के खंभे से सीधा कनेक्शन दे दिया. कुमारस्वामी ने बोला है कि वह जुर्माना अदा करने को तैयार हैं. कांग्रेस भी इस मामले में कुमारस्वामी को खूब घेर रही है.
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खैर, ये तो हुई कर्नाटक की बात, जांच में सच पता चलेगा कि कुमारस्वामी पर लगे आरोप या उनकी सफाई सही हैं या नहीं. वैसे बिजली चोरी देश में एक गंभीर मामला है. हर साल देश को इसका अच्छा खासा नुकसान उठाना पड़ता है. आइए आज आपको भारत में बिजली और इसकी चोरी का पूरा गणित बताते हैं.
क्या होती है बिजली चोरी?
अगर कोई व्यक्ति बेईमानी से बिजली का इस्तेमाल करता है. जैसे- मीटर से छेड़छाड़ या तार की टेपिंग करके रीडिंग में हेर-फेर करना, चिप लगाकर बिजली चोरी करना इत्यादि, तो ये बिजली चोरी है. विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत यह अपराध की श्रेणी में आता है. 2003 के ऐक्ट की धारा 135 और 138 में बिजली चोरी या मीटर से छेड़छाड़ से जुड़े मामलों में कार्रवाई का प्रावधान है. धारा 152 में बिजली चोरी के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है. इसके तहत अधिकतम तीन साल की कैद और जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है.
किस राज्य में होती है सर्वाधिक बिजली चोरी?
भारत में बिजली चोरी एक बड़ी समस्या है. देश को हर साल अरबों रुपए का नुकसान होता है. अब तक के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक भारत में कुल उत्पादित बिजली का 17 फीसदी चोरी हो जाता है. यानी इस बिजली का कोई रेवेन्यू सरकार को नहीं मिलताय विद्युत मंत्रालय की 2022-23 की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में सर्वाधिक बिजली चोरी उत्तर प्रदेश में होती है. प्रदेश में समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक घाटा (एटी एंड सी- AT & C loss) 22.4 फीसदी हैं. एटी एंड सी घाटे को सीधे शब्दों में ऐसे समझिए कि जितनी बिजली की सप्लाई हुई उतने का बिल चार्ज वापस नहीं आया. इसमें बिजली डिस्ट्रिब्यूशन एंड ट्रांसमिशन में होने वाला नुकसान, बिजली चोरी जैसी चीजें शामिल होती हैं. देश के अन्य उच्च एटी एंड सी घाटे वाले राज्य महाराष्ट्र 20.5%, राजस्थान 19.2%, तमिलनाडु 17.2%, और कर्नाटक 16.5% हैं.
रिपोर्ट की मानें तो पिछले कुछ वर्षों में भारत में एटी एंड सी घाटे में कमी आई है. इसकी वजह स्मार्ट मीटरों की स्थापना और बिजली चोरी की पहचान और समाधान के लिए डेटा एनालिटिक्स का उपयोग जैसी पहल हैं.
भारत में कितनी बिजली पैदा होती है?
मिनिस्ट्री ऑफ एनर्जी के डेटा के मुताबिक साल 2022-23 में भारत ने कुल 1,670.9 बिलियन यूनिट बिजली पैदा की जिससे सरकार को 13,59,135 करोड़ रुपए का राजस्व मिला. सरकार ने 2023-24 के लिए बिजली उत्पादन लक्ष्य 1750 बिलियन यूनिट(BU) का रखा है. जो पिछले वर्ष 2022-23 के 1624.158 BU के वास्तविक उत्पादन से लगभग 7.2 फीसदी अधिक है.
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