ज्ञानवापी के व्यास पीठ में चलती रहेगी पूजा, मुस्लिम पक्ष के विरोध की याचिका पर HC ने दिया ये फैसला

संजय शर्मा

• 06:50 AM • 26 Feb 2024

बनारस के चर्चित ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट(HC) ने विवादित ढांचे में स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना करने पर रोक लगाने की मुस्लिम पक्ष की याचिका पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

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Gyanvapi Case: बनारस के चर्चित ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट(HC) ने एक बड़ा फैसला दिया है. ज्ञानवापी परिसर के विवादित ढांचे में स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना करने पर रोक लगाने की मुस्लिम पक्ष की याचिका पर रोक लगाने से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है. HC के इस फैसले को हिन्दू पक्ष के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है और साथ ही मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट से बडा झटका लगा है.

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वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की सर्वे रिपोर्ट को आधार बनाते हुए पिछले दिनों वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी तहखाने में काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को पूजा करने का अधिकार बहाल किया था. तब मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी सहित दो अलग-अलग याचिकाकर्ताओं ने जिला जज वाराणसी के आदेश को हाईकोर्ट मे चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने 15 फरवरी को दोनों पक्षों की ओर से दी गई दलीलों पर लंबी बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था. अब जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की एकल जज पीठ ने फैसला सुनाया हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ये कहा

HC ने कहा राज्य सरकार का 1993 से तहखाने में धार्मिक पूजा-अनुष्ठान से लगातार रोकने का काम गलत है.
तहखाने में धार्मिक पूजा और अनुष्ठान जारी रखने वाले व्यास परिवार को मौखिक आदेश से प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता.
संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत मिले धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार को राज्य की मनमानी कार्रवाई से छीना नहीं जा सकता है.
तहखाने में भक्तों के पूजा करने और अनुष्ठान से रोकना उनके हित के विरुद्ध होगा

पिछले दिनों इस मामले में क्या हुआ था?

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की सर्वे रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें बताया गया था कि, ज्ञानवापी मस्जिद से पहले यहां एक बड़े हिंदू मंदिर होने के सबूत मिले है. ये भी कहा गया है कि, हिंदू मंदिर के खंभों इत्यादि का इस्तेमाल यहां आज मौजूद संरचना को खड़ा करने के लिए किया गया है. तब इसपर हिंदू पक्ष का कहना था कि, इस स्थल पर कोई समझौता नहीं होगा और मुस्लिम पक्ष को चाहिए कि इसे मंदिर मानकर जगह लौटा दें. तब वाराणसी की जिला अदालत ने विवादित परिसर के तहखाने में पूजा करने की अनुमति दे दी थी. वैसे मुस्लिम पक्ष ने सर्वे के रिपोर्ट को स्टडी करके इलाहाबाद हाई कोर्ट में व्यास जी के तहखाने में पूजा पर रोक लगाने की याचिका लगाई थी.

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