ये मेरी मूर्खता से बना मुख्यमंत्री- जीतनराम मांझी पर इतना भड़के नीतीश, बीचबचाव की नौबत आ गई

देवराज गौर

09 Nov 2023 (अपडेटेड: Nov 9 2023 2:03 PM)

नीतीश कुमार गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी पर इतना भड़क गए कि भाषायी मर्यादा ही लांघते दिखे. ई कहता रहता है कि “हम भी मुख्यमंत्री थे, अरे क्या मुख्यमंत्री थे, ये तो मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री बना.

बिहार विधानसभा में जीतनराम मांझी पर आगबबूला हुए नीतीश कुमार

बिहार विधानसभा में जीतनराम मांझी पर आगबबूला हुए नीतीश कुमार

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Bihar Reservation: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिनों से सुर्खियों में बने हुए हैं. बीते दिनों नीतीश कुमार ने सदन में जनसंख्या नियंत्रण पर बोलने के दौरान शारीरिक संबंधों को इतना एक्सप्लेन कर दिया कि बवाल मचा. फिर नीतीश कुमार गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी पर इतना भड़क गए कि भाषायी मर्यादा ही लांघते दिखे. नौबत बीचबचाव की आ गई और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को खड़ा होना पड़ा. आइए आपको बताते हैं कि क्या-क्या हुआ.

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नीतीश सरकार ने मौजूदा आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने का विधेयक पेश किया. बीते दिनों बिहार में हुए जातिगत सर्वे के आंकड़ों के आधार पर आरक्षण बढ़ाने का यह विधेयक सरकार की तरफ से आया था.

विधानसभा में इसी विधेयक पर बहस चल रही थी. इस दौरान पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने नीतीश सरकार के जातीय सर्वे पर ही सवाल खड़े कर दिए. मांझी ने कहा कि इस जाति जनगणना पर मुझे विश्वास नहीं है. उन्होंने कहा कि जनगणना के लिए अधिकारी घरों तक नहीं पहुंचे. यह पूरी तरह से टेबल वर्क है.

नीतीश ने क्या बोला?

इसे लेकर नीतीश आगबबूला हो गए और मांझी पर बरस पड़े. नीतीश ने कहा कि, “ये तो मेरी गलती थी कि साब जी को मैंने बना दिया था मुख्यमंत्री, कोई सेंस नहीं है इसको. ऐसे ही बोलते रहता है, कोई मतलब नहीं है, कोई आइडिया है इसको. ई कहता रहता है कि “हम भी मुख्यमंत्री थे, अरे क्या मुख्यमंत्री थे, ये तो मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री बना. ये आदमी गवर्नर बनना चाहता है, इसे कोई आइडिया है.”

नीतीश के बोलते समय उनकी पार्टी के नेताओं ने यहां तक कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी उन्हें रोकने की कोशिश की. लेकिन, वह नहीं रुके.

नीतीश के दिमाग में कुछ कमजोरियां हैं: जीतनराम मांझी

नीतीश कुमार के भड़कने से मांझी आहत दिखे. मीडिया से बात करते हुए मांझी ने कहा कि, ‘मुझे लगता है कि उनके (नीतीश) के दिमाग में कुछ कमजोरियां है. ऊ (नीतीश) बड़ी तुम-ताम की बात करते हैं. आप जोड़ लीजिए, वह 1985 में विधायक बने, हम 1980 में विधायक बने. वह उम्र में 74 साल के हैं. हम 80 साल के हैं. ऐसी स्थिति में तू-तड़ाक करना कहां तक उचित है विधानसभा में. इसलिए मुझे लगता है वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं.’

2014 में मांझी को नीतीश ने बनाया था मुख्यमंत्री

अब नीतीश कुमार के जीतनराम मांझी को सीएम बनाने के दावे की कहानी भी जान लीजिए. 2014 के लोकसभा चुनावों में विपक्ष की हार के बाद नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा देकर तब अपने करीबी नेताओं में से एक माने जाने वाले जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया था. ऐसा कहा जाता है कि कुछ समय बाद मांझी अपनी स्टाइल में सरकार चलाने लगे. नीतीश ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. तब नीतीश ने उन्हें जदयू (जनता दल यूनाईटेड) से निकाल दिया. कमान फिर नीतीश ने संभाल ली. मांझी करीब 9 महीनों तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे.

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