सोनिया से पहली मुलाकात में इंदिरा ने फ्रेंच में की थी बात, राजीव गांधी से शादी से पहले का अनसुना किस्सा

देवराज गौर

09 Dec 2023 (अपडेटेड: Dec 9 2023 6:04 PM)

सोनिया गांधी आज भारत की सियासत के कुछ सबसे ताकतवर चेहरों में से एक हैं. एक वक्त उन्होंने 10 साल तक केंद्र की सत्ता में रहने वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए ) को लीड किया.

Sonia Gandhi with husband rajiv gandhi

Sonia Gandhi with husband rajiv gandhi

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Sonia Gandhi Birthday: आज 9 दिसंबर है. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी जन्मदिन. सोनिया गांधी का जन्म 9 दिसंबर 1946 को उत्तरी इटली के ओरबासानो में हुआ. उनके पिता की वह दूसरी संतान हैं. उनकी दो और बहनें हैं. नाडिया और अनुष्का. सोनिया के पिता स्टेफिनो मायनो एक सिपाही थे. उनकी माता पाओलो मायनो एक गृहिणी थीं.

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सोनिया गांधी आज भारत की सियासत के कुछ सबसे ताकतवर चेहरों में से एक हैं. एक वक्त उन्होंने 10 साल तक केंद्र की सत्ता में रहने वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए ) को लीड किया. देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के निधन के बाद सोनिया जब राजनीति में सक्रिय हुईं तो कांग्रेस का हाल बहुत बुरा था. सोनिया ने अपने सांगठनिक कौशल से देश की सबसे पुरानी पार्टी को सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाया. ये अलग बात है कि आज कांग्रेस फिर से संघर्ष की परिस्थितियों में है.

आज जन्मदिन विशेष पर हम सोनिया और राजीव से जुड़े कुछ किस्से आपको बताएंगे. जिनसे सोनिया की पूरी जिंदगी प्रभावित हुई.

जब सोनिया को लगा कि अब वो बन सकती हैं इंदिरा की बहू!

यह कहानी तब की है जब सोनिया अपनी पढ़ाई के सिलसिले में कैंब्रिज गईं थीं. तब वह वहां एक अंग्रेज परिवार के साथ पेइंग गेस्ट के तौर पर रहा करती थीं. तब वह केवल 19 साल की थीं. कैंब्रिज में रहने के दौरान वह अक्सर इटालियन खाने के लिए अक्सर ग्रीक रेस्टोरेंट “वर्सिटी” जाया करती थीं. ग्रीक खाने को इटालियन खाने के करीब माना जाता है. वहीं पहली बार उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई थी. उसके बाद राजीव ने अपनी मां इंदिरा गांधी से सोनिया की मुलाकात करवाई. सोनिया उस वक्त काफी असहज थीं. इंदिरा यह सब समझ रहीं थीं.

राजीव गांधी और सोनिया गांधी एक-साथ

उन्होंने सोनिया को सहज महसूस कराने के लिए पहले पहल करते हुए उनसे फ्रेंच में बात करनी शुरू की. फ्रेंच में इसलिए क्योंकि सोनिया के हाथ अंग्रेजी में तंग थीं. लेकिन फ्रेंच वह अच्छी तरह समझती थीं. यह इंदिरा का सोनिया को इशारा था कि तुम्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है. इस बात ने सोनिया को सहज कराया और वह इससे उन्हें गांधी खानदान के और करीब आने में आसानी हुई. 25 फरवरी 1968 को सोनिया और राजीव की शादी हुई. इस पूरे वाकए का जिक्र सोनिया गांधी की बायोग्राफी लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई ने रेडिफ के।लिए लिखे गए अपने एक हालिया लेख में किया है.

सोनिया नहीं चाहती थीं कि राजीव राजनीति में आएं

1984 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हुई, तब राजीव गांधी पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे. जब अपनी मां की हत्या के समाचार को सुन वह वहां से लौटे, तब कांग्रेस के नेतृत्व ने इंदिरा गांधी के पद को स्वीकार करने के लिए कहा. सीधा संदेश था कि अब राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनना था. पीसी एलेक्जेंडर जो इंदिरा गांधी के प्रधान सचिव थे उन्होंने अपनी किताब “माई ईयर्स विथ इंदिरा गांधी” में इस किस्से को लिखा है. वह लिखते हैं कि AIIMS में एक कमरे में इंदिरा गांधी का पार्थिव शरीर था और दूसरे कमरे में सोनिया गांधी राजीव गांधी से मिन्नतें कर रही थीं कि आपको यह पद नहीं स्वीकारना चाहिए. तब राजीव का कहना था कि इस वक्त यह पद स्वीकार करना उनका कर्तव्य है.

सोनिया गांधी-राजीव गांधी

इस किस्से का जिक्र खुद सोनिया गांधी ने 2018 में मुंबई में हुए इंडिया टुडे एन्क्लेव में किया. इंडिया टुडे ग्रुप के संस्थापक और प्रधान संपादक अरुण पुरी से बात करते हुए सोनिया ने कहा था कि “जब आप राजनीति में होते हैं और आप एक सच्चे व्यक्ति होते हैं जो वास्तव में परवाह करते हैं, तो आपके लिए सब कुछ बाद में आता है.” सोनिया ने कहा था कि उन्हें डर था कि अगर “राजीव राजनीति में आए, तो सोनिया और राजीव दोनों ने जो पारिवारिक जीवन साझा किया है वह प्रभावित होगा.”

यह सर्वविदित है कि राजीव राजनीति में आए. इतना ही नहीं, राजीव को राजनीति में न आने के लिए मनाने वाली सोनिया खुद भी राजनीति में आईं. 2004 में सोनिया गांधी को फोर्ब्स ने दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर महिला करार दिया था. वहीं दूसरी बार 2007 में उन्हें दुनिया की छठवीं सबसे ताकतवर महिला करार दिया गया.

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