राम मंदिर पर लाल कृष्ण आडवाणी ने तोड़ी चुप्पी! PM मोदी के लिए क्या बोले?

NewsTak

12 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 12 2024 2:23 PM)

Ram temple: अयोध्या में बन रहे राम मंदिर और इसके प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर पहली बार लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है.

राम मंदिर पर लाल कृष्ण आडवाणी ने तोड़ी चुप्पी

राम मंदिर पर लाल कृष्ण आडवाणी ने तोड़ी चुप्पी

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Advani on Ram Temple: अयोध्या में 22 जनवरी को जब राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है, तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी को लेकर भी तमाम चर्चाएं हैं. पिछले दिनों राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का एक बयान काफी वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि आडवाणी और जोशी से उन्होंने अपील की है कि बढ़ती उम्र को देख उद्घाटन समारोह में न आएं. फिर खबर आई कि आडवाणी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे. अब अयोध्या में बन रहे राम मंदिर और इसके प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर पहली बार लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. बीजेपी नेता ने एक मैगजीन को लिखे लेख में अपने मनोभाव जाहिर किए हैं. आपको बता दें कि एक वक्त लालकृष्ण आडवाणी राम मंदिर के वादे के पोस्टर बॉय रह चुके हैं. उनकी रथयात्रा के बाद राम मंदिर को लेकर आंदोलन इतना उग्र हुआ कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद तोड़ दी गई. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद का निपटारा किया और अब राम मंदिर बन रहा है.

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आइए आपको बताते हैं कि आखिर लालकृष्ण आडवाणी ने आज जब अपनी चुप्पी तोड़ी है, तो राम मंदिर को लेकर क्या-क्या कहा है.

अपनी रथयात्रा और पीएम मोदी को किया याद

आडवाणी ने राष्ट्रधर्म नाम की मैग्जीन के एक लेख ‘श्रीराममंदिर: एक दिव्य स्वप्न की पूर्ति’ में अपनी बातें रखी हैं. यह लेख पत्रिका के विशेषांक में 15 जनवरी को प्रकाशित होगा. आडवाणी ने इस लेख में अपनी रथयात्रा को याद किया है, जिसके करीब 33 साल पूरे हो चुके हैं. यह रथयात्रा 25 सितंबर 1990 को शुरू हुई थी. आडवाणी ने माना है कि उस समय नहीं पता था कि इससे देश में आंदोलन शुरू हो जाएगा. आडवाणी ने पीएम मोदी की चर्चा की है, जो उस समय रथयात्रा में उनके सहायक थे. आडवाणी ने बताया है कि तब मोदी पूरी रथयात्रा में उनके साथ थे. ‘तब वे (मोदी) ज्यादा चर्चित नहीं थे, मगर राम ने अपने अनन्य भक्त को उस समय ही उनके मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए चुन लिया था.’

आडवाणी इस लेख में बता रहे हैं कि रथयात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ी थी जनसमर्थन बढ़ता गया. यात्रा में जयश्रीराम और सौगंध राम की खाते हैं, मंदिर वहीं बनाएंगे जैसे नारे गूंजते रहे. आडवाणी बता रहे हैं कि उस समय उन्हें लग रहा था कि नियति ने निश्चित कर लिया है कि एक दिन अयोध्या में श्रीराम का एक भव्य मंदिर अवश्य बनेगा. सिर्फ समय की बात है.

वाजपेयी को भी किया याद

इस लेख में आडवाणी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया है. उन्होंने कहा है कि प्राण प्रतिष्ठा के भव्य आयोजन में उन्हें उनकी कमी महसूस हो रही है. लेख के मुताबिक, ‘वे अब 22 जनवरी को अयोध्या पहुंचकर श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा देखने के लिये आतुर हैं.’

पीएम मोदी के लिए क्या कहा?

इस लेख में आडवाणी ने पीएम मोदी के लिए भी बात की है. उन्होंने कहा कि, ‘‘जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे तब वे हमारे भारतवर्ष के प्रत्येक नागरिक का प्रतिनिधित्व करेंगे. मेरी प्रार्थना है कि यह मंदिर सभी भारतीयों को श्रीराम के गुणों को अपनाने के लिये प्रेरित करेगा.’

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