CSDS सर्वे: राम मंदिर और हिंदुत्व से बड़े निकले ये 2 मुद्दे! इनपर पड़ा वोट तो फंसेगी BJP?

अभिषेक

12 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 12 2024 9:29 AM)

CSDS-लोकनीति के प्री पोल सर्वे में ये बात सामने आई है कि, देश में नौकरियों की किल्लत यानी बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई, भ्रष्टाचार और लोगों की बिगड़ती आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दे आगामी लोकसभा चुनाव में मतदाताओं के लिए अहम मुद्दे है और इन्हीं मुद्दों पर जनता मतदान करेगी. 

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CSDS Pre Poll Survey: देश में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) ने चुनाव में प्रभावी रहने वाले मुद्दों को लेकर एक सर्वे किया है. CSDS-लोकनीति ने यह सर्वे इस थीम से किया है कि, देश में वो कौन से मुद्दे है जो चुनाव में वोट देने वाले मतदाताओं को प्रभावित कर सकते है. CSDS के इस सर्वे में दिलचस्प आंकड़े सामने आए है. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक देश में महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा सबसे प्रभावी है. इसके साथ ही अयोध्या में बने राम मंदिर के मुद्दे पर वोट देने को लेकर जनता में उतना उत्साह नहीं है. आइए आपको बताते हैं पूरे सर्वे में और क्या-क्या है. 

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CSDS-लोकनीति के प्री पोल सर्वे में ये बात सामने आई है कि, देश में नौकरियों की किल्लत यानी बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई, भ्रष्टाचार और लोगों की बिगड़ती आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दे आगामी लोकसभा चुनाव में मतदाताओं के लिए अहम मुद्दे है और इन्हीं मुद्दों पर जनता मतदान करेगी. 

हर पांच में तीन लोगों ने माना पहले की अपेक्षा नौकरी पाना हुआ मुश्किल 

CSDS-लोकनीति ने इस बात पर सर्वे किया है कि, पिछले पांच सालों की अपेक्षा वर्तमान में नौकरियां पाना कितना आसान या मुश्किल है. सर्वे में शामिल 62 फीसदी लोगों का ये मानना है कि, पिछले पांच सालों की तुलना में वर्तमान में नौकरियां पाना मुश्किल हो गया है. साथ 18 फीसदी लोगों का मानना है कि, पिछले पांच सालों की तुलना में आज भी नौकरियां पाना उतना ही मुश्किल या आसान है यानी कोई बदलाव नहीं हुआ है. दिलचस्प बात ये है कि 12 फीसदी लोगों का ये मानना है कि, पहले की तुलना में वर्तमान में नौकरियां पाना आसान हुआ है. यानी लगभग दो तिहाई लोगों का मानना है कि, मोदी सरकार के पिछले पांच साल के कार्यकाल में नौकरी पाना कठिन हुआ है. 

59 फीसदी लोगों ने माना किसानों की अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन करना जायज 

पंजाब के किसानों के दिल्ली चलो कूच पर लोगों से ये सवाल किया गया कि, तो सर्वे में शामिल 63 फीसदी किसानों का ये मानना है कि, किसानों का अपनी वास्तविक मांगों के लिए विरोध प्रदर्शन करना सही है वहीं 11 फीसदी किसानों के ये मानना है कि  केंद्र सरकार के खिलाफ ये एक साजिश थी. 12 फीसदी किसान इस प्रोटेस्ट से वाकिफ ही नहीं है. 

सर्वे में शामिल 58 फीसदी लोग जो किसान नहीं है वो भी किसानों के विरोध प्रदर्शन के पक्ष में है वहीं 18 फीसदी लोगों ने इस सरकार के खिलाफ साजिश बताया. 10 फीसदी जनता इसे वाकिफ ही नहीं है. 

लोकसभा चुनाव 2024 में इन मुद्दों के हावी रहने की संभावना 

बेरोजगारी- 27%

महंगाई- 23%

विकास- 13%

भ्रष्टाचार- 8%

अयोध्या का राम मंदिर- 8%

हिंदुत्व- 2%

भारत की अंतर्राष्ट्रीय छवि- 2%

आरक्षण- 2%

अन्य मुद्दे - 9%

पता नहीं- 6%

इन आंकड़ों से ये बात साफ है कि, जनता के बीच राम मंदिर और हिंदुत्व जैस मुद्दे उतने प्रभावी नहीं है जिसपर बीजेपी पूरा दाव खेले हुए है. जनता के असल मुद्दे बेरोजगारी, महंगाई और विकास है जिनपर पोलिटिकल पार्टियों को ध्यान देने की जरूरत है. इस पूरे सर्वे को आप नीचे के वीडियो में समझ सकते हैं- 

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