आंध्र प्रदेश में होगा TDP-BJP गठबंधन! क्या चंद्रबाबू नायडू बीजेपी के मिशन 370 को कराएंगे साकार?

अभिषेक

08 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 8 2024 3:21 PM)

2014 के लोकसभा चुनाव में TDP ने बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में TDP ने 15 सीटें जीती थी, वहीं बीजेपी दो सीटें जीतने में कामयाब हो पाई थी. 

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TDP-BJP Alliance: लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी अपने कुनबे के विस्तार में जुटी हुई है. हाल के दिनों में बीजेपी के गठबंधन NDA में कई प्रमुख नेताओं के साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार अपनी पार्टी के साथ शामिल हुए. इसी कड़ी में अब देश के दो प्रमुख राज्य ओडिशा और आंध्र प्रदेश में जहां बीजेपी बेहद कमजोर स्थिति में है वहां की प्रमुख पार्टियां बीजू जनता दल(BJD) और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के भी NDA में शामिल होने की कायवाद चल रही है. 

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अटल बिहारी वाजपेयी के दौर से ही बीजेपी के साथ रहने वाले चंद्रबाबू नायडू ने छह साल पहले 2018 में बीजेपी के NDA गठबंधन का साथ छोड़ दिया था. तब उन्होंने विभाजित आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा देने की उनकी दलीलों को केंद्र की बीजेपी सरकार पर अनदेखी करने का आरोप लगाया था. हालांकि अब फिर से चंद्रबाबू नायडू की पार्टी TDP के NDA में शामिल होने की बातें चल रही है. आइए आपको बताते हैं क्या रहा है BJP-TDP का कनेक्शन और क्या है इस गठबंधन के पीछे की मुख्य वजह. 

अमित शाह और जेपी नड्डा से नायडू की मीटिंग में बनी बात!

चंद्रबाबू नायडू ने बीते दिन देर रात तक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. सूत्रों का कहना है कि, अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण जिनकी पार्टी जन सेना पार्टी (JSP) जो पहले से ही NDA में है और आंध्र प्रदेश में TDP के साथ गठबंधन में है. उन्होंने ही TDP और बीजेपी में गठबंधन के लिए मध्यस्थता की है. सूत्रों से ये भी जानकारी है कि, दोनों दल के बीच गठबंधन पर सहमति बन गई है और अब सीट बंटवारे को लेकर काम किया जा रहा है. 

बीजेपी आखिर क्यों करना चाह रही TDP से गठबंधन?

पीएम मोदी ने आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के 370 सीटें तो वहीं NDA के 400+ सीटें जीतने का दावा किया है. बीजेपी देश के पूर्व, पश्चिम और उत्तर भारत में तो मजबूत है लेकिन  दक्षिण भारत में कर्नाटक को छोड़ दे तो पार्टी की सिचुएशन बहुत खराब है. इस स्थिति में तो बीजेपी के 370 सीटों का सपना साकार होन लगभग नामुमकिन सा है क्योंकि पार्टी पहले ही देश के कई राज्यों में क्लीन स्वीप कर चुकी है. पार्टी के लिए अपनी सीटें बढ़ाने का चांस साउथ के राज्य आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल ही है इन्हीं राज्यों में जीती गई सीटों की बदौलत ही पार्टी 370 के आंकड़े को छू पाएगी. 

यही वजह है कि, बीजेपी ने पिछले साल कर्नाटक में कुमारस्वामी की पार्टी जनता दल(एस) के साथ गठबंधन किया और अब आंध्र प्रदेश की पार्टी TDP और JSP के साथ गठबंधन के लिए प्रयासरत है. 

अब जानिए पिछले चुनावों में क्या रहा है TDP-BJP का प्रदर्शन 

वैसे आपको बता दें कि, साल 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले बीजेपी के NDA गठबंधन में TDP शामिल हो गई थी. तब चंद्रबाबू नायडू गठबंधन के संयोजक बने थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में TDP ने बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से TDP ने 15 सीटें जीती थी. चुनाव में TDP को 40 फीसदी से ज्यादा वोट मिला था. बीजेपी 7 फीसदी वोट शेयर के साथ सिर्फ दो सीटें जीतने में कामयाब हो पाई थी. 

साल 2018 में TDP ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया था. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में TDP और बीजेपी दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ी. इस बार भी TDP का वोट शेयर तो 40 फीसदी ही रहा लेकिन पार्टी की सीटें घटकर सिर्फ तीन रह गई. वहीं इस चुनाव में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली. दिलचस्प बात ये रही कि, इस चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 0.98 फीसदी वोट मिल जो NOTA के 1.5 फीसदी से भी कम था.

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