Ramesh Bidhuri Controversy: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद रमेश बिधुड़ी ने पिछले दिनों संसद में बहुजन समाज पार्टी (BSP) सांसद दानिश अली पर अमर्यादित टिप्पणी कर दी. विपक्ष ने कड़ी कार्रवाई की मांग की, तो लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बिधूड़ी को चेतावनी देकर छोड़ दिया. अब खबर है कि बिधुड़ी और दानिश अली के मामले को प्रिविलेज कमेटी यानी विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया है. जानिए ये कैसी कमेटी है.
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आइए जानते हैं कि क्या होती है विशेषाधिकार समिति
– विशेषाधिकार समिति वह समिति होती है, जो संसद सदन के विशेषाधिकारों के उल्लंघन की जांच करती है. आपको बता दे कि संसद के कुछ विशेषाधिकार होते है. जो संसद के रूल बुक में दिए गए होते है.
– इन नियमों का पालन ना करने पर, सदन का कोई भी सदस्य, अध्यक्ष की पूर्व अनुमति से विशेषाधिकार के हनन से संबंधित कोई भी प्रश्न उठा सकता है. अध्यक्ष के पास ये अधिकार होता है कि, वो सदस्यों पर आरोपों की जांच के लिए उसे समिति के पास भेज सकता है.समिति उसकी जांच करते हुए जरूरी ऐक्शन का सुझाव अध्यक्ष को देती है. सुझावों पर अंतिम निर्णय सदन के अध्यक्ष का ही होता है.
– लोकसभा समिति में 15, जबकि राज्यसभा समिति में 10 सदस्य होते हैं. समिति के सदस्यों की नियुक्ति सदन के अध्यक्ष द्वारा ही की जाती है.वर्तमान में लोकसभा के विशेषाधिकार समिति की अध्यक्ष भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी हैं.
– आपको बता दें कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले, टीएमसी की अपरूपा पोद्दार, डीएमके सांसद कनिमोई और विपक्ष के कई अन्य सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. इन सांसदों ने मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का भी आग्रह किया था.
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