काराकाट में पवन सिंह करेंगे खेला? उपेंद्र कुशवाहा की बढ़ी मुश्किल..समझिए सियासी समीकरण

News Tak Desk

14 May 2024 (अपडेटेड: May 14 2024 3:29 PM)

काराकाट से एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा को मैदान में उतारा है तो वहीं इंडिया गठबंधन ने राजा राम सिंह को प्रत्याशी बनाया है. बता दें कि काराकाट सीट पर मतदान सातवें चरण में एक जून को होगा.

newstak
follow google news

Loksabha Election 2024: देशभर में लोकसभा का चुनाव चल रहा है. जैसे- जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है चुनावी सरगर्मी भी तेज होती जा रही है. बिहार में पिछले लोकसभा चुनाव में 40 में से 39 सीटों पर एनडीए ने जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में बिहार के काराकाट लोकसभा सीट ने सियासी भूचाल मचा रखा है. भोजपुरी सुपर स्टार पवन सिंह के नामंकन दाखिल करने के बाद इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. केंद्रीय मंत्री आरके सिंह की चेतावनी के बावजूद भी बीजेपी नेता पवन सिंह चुनाव मैदान में निर्दलीय उतर गए है. पवन सिंह ने पूरे लाव-लश्कर के साथ सासाराम जिला मुख्यालय पहुंच कर नामाकंन दाखिल किया. उनके नामाकंन में सैंकड़ों की तादाद में उनके समर्थक मौजूद थे. 

यह भी पढ़ें...

काराकाट से एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा को मैदान में उतारा है तो वहीं इंडिया गठबंधन ने राजा राम सिंह को प्रत्याशी बनाया है. बता दें कि काराकाट सीट पर मतदान सातवें चरण में एक जून को होगा. आइए हम आपको बताते हैं काराकाट लोकसभा सीट का क्या है सियासी समीकरण.  

महाबली सिंह तीन में से दो लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं

काराकाट लोकसभा सीट पहले बिक्रमगंज लोकसभा सीट के नाम से जाना जाता था. साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह काराकाट लोकसभा सीट के रूप में अस्तितव में आया. पहली बार काराकाट लोकसभा सीट पर साल 2009 में चुनाव हुआ था. यह क्षेत्र चावल उत्पादन के लिए मशहूर है. इस क्षेत्र में करीब 400 राइस मिल हैं. इस सीट पर पहले सांसद के रुप में जदयू के महाबली सिंह चुने गए थे. साल 2014 में हुए चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा ने जीत दर्ज की थी. 2019 में जदयू के महाबली कुशवाह ने रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा को पराजित कर दिया था. अब तक इस सीट पर तीन लोकसभा चुनावों में दो बार महाबली सिंह विजयी रहे हैं. 

काराकाट का जातीय समीकरण 

काराकाट लोकसभा सीट की आबादी 24 लाख है. वहीं कुल मतदाता 16 लाख से अधिक है. काराकाट लोकसभा सीट की बात करें तो यहां करीब 3 लाख से अधिक यादव वोटर्स है. वहीं कुशवाहा और कुर्मी जाति के वोटर्स लगभग 2.5 लाख है. साथ ही राजपूत वोटर्स 2 लाख के करीब है, वैश्य मतदाता भी लगभग 2 लाख है, ब्राह्मण 75 हजार वोटर्स हैं. इसके अलावा भूमिहार समाज के 50 हजार के करीब मतदाता हैं. मुस्लिम मतदाता करीब 1.5 लाख है जो निर्णायक भूमिका निभाते हैं.  

बता दें कि महाबली और उपेंद्र दोनों कुशवाहा जाति से आते है. वहीं पवन सिंह अगड़ी जाति के वोटर्स को साधने में कामयाब हो सकते है. खास बात यह है कि बीजेपी ने इस सीट पर अपना उम्मीदवार कभी खड़ा नहीं किया. एनडीए गठबंधन के सहयोगी दलों के उम्मीदवार ही इस सीट पर चुनाव लड़ते आए हैं. 

इस स्टोरी को न्यूजतक के साथ इंटर्नशिप कर रहे IIMC के डिजिटल मीडिया के छात्र राहुल राज ने लिखा है.

    follow google newsfollow whatsapp