Congress Manifesto: चार चरणों में 379 सीटों पर चुनाव हो चुके. तीन चरणों में 164 सीटों पर चुनाव होने हैं. फाइनल असॉल्ट के लिए कांग्रेस ने तरकश से निकाला है जोरदार तीर. ऐसा तीर जो भेद सकता है बीजेपी के 400 पार सीटों का सपना. लखनऊ में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस ये बताने के लिए थी कि बीजेपी 400 तो दूर मुश्किल से 200 सीटों तक पहुंच पाएगी. खरगे ने 200 सीटों का आंकड़ा दिया. अखिलेश यादव ने 140 का.
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बीजेपी को इस लेवल पर लाने के लिए इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में खरगे ने बताया मास्टर स्ट्रोक. एलान किया कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो गरीबों को सरकार से 10 किलो अनाज मुफ्त मिलेगा. मतलब मुफ्त अनाज का जो कोटा मोदी दे रहे हैं उससे ठीक डबल मिलेगा. खरगे ने जब एलान किया जब उन्होंने अखिलेश यादव का हाथ पकड़कर सहमति भी ले ली.
फ्री राशन योजना का बीजेपी को हो रहा फायदा!
कोरोना संकट के वक्त मोदी सरकार ने 81 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज बांटना शुरू किया था. बीजेपी को लगा कि फ्री अनाज चुनाव में काम आ रहा है. लगातार एक्सटेंशन देते-देते 5 किलो मुफ्त अनाज की स्कीम 2028 तक बढ़ चुकी है. 2024 में सरकार किसी की भी बनी, 2028 के चुनाव तक सरकारी फ्री अनाज बंटता रहेगा.
2013 में यूपीए सरकार ने फूड सिक्योरिटी का कानून बनाया था. 82 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज बेहद कम कीमतों पर देने का प्लान बना. 3 रुपए किलो चावल, 2 रुपए किलो गेहूं, 1 रुपए किलो ज्वार-बाजरा देना तय हुआ. ट्रेजडी ये हुई कि स्कीम लाने में थोड़ी देरी हुई. 2014 के चुनाव से पहले योजना तो लागू हो गई लेकिन जनता इसके फायदे को महसूस कर पाती, उससे पहले चुनाव हो गया और जीत बीजेपी गई.
फूड सिक्योरिटी स्कीम कांग्रेस की देन- राहुल गांधी
मोदी सरकार में भी यूपीए सरकार वाली फूड सिक्योरिटी स्कीम चलती रही. चीजें बदली कोरोना के आने से. मोदी सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के नाम से योजना लाई और बिना एक भी रुपया लिए मुफ्त में 5 किलो अनाज बांटना शुरू कर दिया. अब जाकर राहुल गांधी ने याद दिलाना शुरू किया कि मोदी जो फ्री में बांट रहे हैं वो कांग्रेस की ही देन है. झांसी की रैली में राहुल ने ज्यादा और अच्छा बांटने का वादा तो किया था लेकिन ये नहीं बताया था कि अनाज फ्री होगा और इतने किलो होगा.
ऐसा माना जाता है कि चुनाव जीतने में मुफ्त अनाज बीजेपी के काम आती रही है. कांग्रेस फूड सिक्योरिटी से फ्री अनाज वाली स्कीम को आगे नहीं ले गई. ये सवाल उठाती रही कि अगर मोदी सरकार ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से निकाला तो 80 करोड़ को फ्री अनाज क्यों दिया जा रहा है.
कांग्रेस देगी बीजेपी के मुकाबले डबल अनाज!
कांग्रेस ने तेलंगाना, कर्नाटक, हिमाचल में लोगों के फायदे की गारंटी तो दी लेकिन फ्री अनाज जैसा कुछ नहीं था. कांग्रेस के न्याय मेनिफेस्टो में भी मुफ्त अनाज को लेकर कोई योजना या वादा नहीं हुआ. चार चरणों में 379 सीटों पर वोट पड़ने के बाद कांग्रेस ने डबल अनाज का ऑफर देकर बीजेपी की स्कीम को टक्कर दी है. अगर इसका कोई असर हुआ तो अब तीन चरणों की 164 सीटों के चुनाव पर दिख सकता है.
लोगों के घर और जेब में सीधे पहुंचने वाली स्कीम का फायदा कांग्रेस को हुआ है. ऐसा माना जाता है कि न्यूनतम मजदूरी की गारंटी देने वाली मनरेगा स्कीम से ही 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की थी. 2014 में थर्ड टर्म के लिए फूड सिक्योरिटी का प्लान बना. बस लागू करने में देरी होने और चुनावों में हारने के बाद भूल जाने से खेल पलट गया.
2024 के लिए कांग्रेस ने ऐसे-ऐसे वादे किए हैं जिनकी नकल करना तो दूर, बीजेपी के लिए विरोध करना भी मुश्किल हो रहा है. कांग्रेस का वादा है कि मनरेगा की मजदूरी 400 तक बढ़ा देंगे. आरक्षण की सीमा 450 परसेंट से आगे बढ़ाएंगे. मुसलमानों को भी आरक्षण देंगे. अब 10 किलो मुफ्त अनाज भी ऐसा वादा है जिसका बीजेपी विरोध नहीं कर पाएगी. सिर्फ 5 किलो अनाज के फायदे गिना पाएगी.
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