सातवें चरण में यूपी की फाइनल 13 सीटों पर वोटिंग जारी, PM Modi और कलाकारों के लिए डाले जा रहे वोट

News Tak Desk

01 Jun 2024 (अपडेटेड: Jun 1 2024 10:31 AM)

सातवें और आखिरी चरण में प्रमुख उम्मीदवारों में वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्री अपना दल (एस) की नेता अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर बलिया से, माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से, केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय चंदौली से, केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी महाराजगंज से, भोजपुरी अभिनेता रवि किशन गोरखपुर से शामिल हैं.

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Uttar Pradesh Loksabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के लिए आज देश के 7 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की  57 सीटों पर आज वोटिंग हो रही है. आज के चरण के बाद चुनावी प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी और फिर 4 जून को चुनाव के नतीजे आएंगे. 57 सीटों पर चल रहे चुनाव में से उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर आज वोट डाले जा रहे है. उन सीटों में वाराणसी, गोरखपुर, मिर्जापुर, महाराजगंज, देवरिया, सलेमपुर, बलिया, घोसी, चंदौली, गाजीपुर, रॉबर्ट्सगंज, बांसगांव, और कुशीनगर शामिल हैं . भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला NDA और  INDIA गठबंधन चुनावी मैदान में आमने सामने हैं. INDIA अलायंस में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों पार्टियों के साथ लड़ने से चुनाव दिलचस्प हो गया है.

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इस चरण में प्रमुख उम्मीदवारों में वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्री अपना दल (एस) की नेता अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर बलिया से, माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से, केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय चंदौली से, केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी महाराजगंज से, भोजपुरी अभिनेता रवि किशन गोरखपुर से शामिल हैं. आइए यूपी की 13 सीटों में से अहम सीटों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

वाराणसी 

महादेव की नागरी काशी से पिछले तीन चुनाव से बीजेपी जीत रही है. पीएम मोदी 2014 से यहां से चुनाव लड़े रहे हैं और जीत रहे हैं. इस बार उनके सामने कांग्रेस से अजय राय अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इस बार कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय इंडिया गठबंधन के संयुक्त कैंडिडेट हैं, उन्हें सपा से लेकर AAP तक का समर्थन प्राप्त है. अजय राय का अपना सियासी आधार भी वाराणसी में है और सपा के वोट बैंक को मिलकर उन्हें इस बार अच्छा खासा वोट मिल सकता है. बात करें जातीय समीकरण की तो यहां यादव के अलावा कुर्मी,  ब्राह्मण, और भूमिहार वोटर्स की भी काफी संख्या है. 

गोरखपुर 

इस सीट से अभिनेता और अभिनेत्री आमने-सामने चुनाव लड़ रहे हैं. एक तरफ भाजपा के  सांसद रवि किशन शुक्ला को दूसरी बार मैदान में उतारा गया है तो वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से अभिनेत्री काजल निषाद चुनावी मैदान में  है. गोरखपुर क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जहां मुस्लिम यादव और निषाद वोटरों का समीकरण बनाकर चुनाव जीता जा सकता है. इस सीट पर इन जातियों के तकरीबन 3.5 लाख वोटर हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में गोरखपुर सीट से बीजेपी अभिनेता रवि किशन (रवीन्द्र शुक्ला) ने  सपा के राम निषाद को हराया था. 

मिर्जापुर 

मिर्जापुर लोकसभा सीट पर तीसरी बार अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल उतरी हैं, जिनके सामने सपा के रामेश चंद बिंद और बसपा के मनीष तिवारी मैदान में है. बता दें की यहां BJP, SP और BSP के बीच त्रिकोणीय लड़ाई है. बीजेपी से गठबंधन के चलते अनुप्रिया पटेल 2014 और 2019 में मिर्जापुर सीट से जीतने में कामयाब रही थी. ओबीसी बहुल मिर्जापुर सीट पर इस बार लड़ाई जातीय गणित की है. वह अपने कुर्मी वोट और बीजेपी के कोर वोट बैंक के सहारे जीत की हैट्रिक लगाना चाहती है तो वहीं सपा के  बिंद MY समीकरण बनाने का दांव चल रहे  हैं.

महाराजगंज 

इस सीट से छह बार के सांसद पंकज चौधरी एक बार फिर भाजपा से मैदान में उतरे हैं. बता दें कि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी अब तक इस सीट से 8 बार चुनाव लड़ चुके हैं और दो बार हार का सामना भी किया है. कांग्रेस ने विधायक वीरेंद्र चौधरी को यहां से मैदान में उतारा. तो वहीं बसपा ने मोहम्मद मौसमे आलम को टिकट दिया है. 2019 लोकसभा चुनाव में यूपी के इस सीट से बीजेपी के पंकज चौधरी ने जीत हासिल की थे वहीं सपा के अखिलेश सिंह दूसरे स्थान पर रहे .  

देवरिया 

देवरिया लोकसभा सीट ब्राह्मण बाहुल्य मानी जाती है. बीजेपी से शशांकमणि त्रिपाठी मैदान में है तो कांग्रेस से अखिलेश सिंह और बसपा से संदेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं. मोदी लहर में यह सीट बीजेपी पिछले दो चुनाव से जीत रही है, लेकिन इस बार कांग्रेस ने अखिलेश प्रताप सिंह को उतारकर ठाकुर बनाम ब्राह्मण के समीकरण बनाया हैं. इसके अलावा यहां यादव और मुस्लिम वोटर भी बड़ी संख्या में है, जिसके चलते देवरिया सीट की लड़ाई रोचक है.

बलिया 

बलिया लोकसभा सीट पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं. पूर्व पीएम चंद्रशेखर की परंपरागत सीट से उनके बेटे नीरज शेखर सपा से पाला बदलकर बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में है. 2019 में महज 15 हजार वोट से पिछड़ने वाले सपा के सनातन पांडेय एक बार फिर से किस्मत आजमा रहे हैं. नीरज के सामने अपने पिता की विरासत को बचाए रखने की चुनौती है. इस बार जातीय समीकरण में ये सीट फंस गई है. बलिया का चुनाव ब्राह्मण बनाम राजपूत के इर्द-गिर्द सिमट गया है. 

घोसी

घोसी लोकसभा सीट पर 2019 में बसपा के अतुल राय जीतने में कामयाब रहे थे. एनडीए गठबंधन में घोसी सीट ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के खाते में गई हैं, जहां से उनके बेटे अरविंद राजभर चुनाव लड़ रहे हैं. सपा ने राजीव राय को उतारा है तो बसपा ने बालकृष्ण चौहान को उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. ओम प्रकाश राजभर के सामने यहां मुश्किल लड़ाई है, क्योंकि भूमिहार से राजपूत वोटर तक राजीव राय के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं. सपा प्रत्याशी होने के चलते (यादव-मुस्लिम) MY वोटर भी उनके साथ जुड़ा हुआ है.

यह स्टोरी न्यूजतक के साथ इंटर्नशिप कर रही निहारिका सिंह ने लिखी है. 

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