Mahua Moitra News: तृणमूल कांग्रेस(TMC) की सुप्रीमो और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा वाले मामले में लंबे समय तक खामोश रहीं. पर अब वह कार्यकर्ताओं के बीच खुलकर बोलते नजर आ रही हैं. महुआ कैश फॉर क्वेरी यानी पैसे के बदले सवाल पूछने के आरोपों में घिरी हुई है. उनकी संसद सदस्यता भी जाने का खतरा है. ममता बनर्जी ने कहा है कि सदस्यता गई तो महुआ मोइत्रा का फायदा ही होगा. ऐसा क्यों कह रही हैं ममता बनर्जी?
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ममता बनर्जी कोलकाता में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही थीं. ममता ने कहा कि, पार्टी के नेताओं की अलग-अलग मामलों में गिरफ्तारी के बाद अब सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन की योजना बनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले ऐसा होने पर उन्हें फायदा ही मिलेगा, क्योंकि इसका परिणाम ये होगा की वो और अधिक लोकप्रिय हो जाएंगी. वो जो कुछ भी संसद के भीतर कहती थीं, अब वही बातें बाहर कहेंगी. उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही केन्द्रीय एजेंसीयां 2024 के लोकसभा चुनाओं के बाद भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के पीछे पड़ जाएंगी. उन्होंने यहां तक कह दिया कि केंद्र की बीजेपी सरकार मात्र तीन महीनों की ही मेहमान है.
यह पहला मौका था जब TMC सुप्रीमो महुआ पर लगे आरोपों के बाद उसपर खुलकर बोलती नजर आईं. इससे पहले पार्टी में प्रमुख चेहरे अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि महुआ अपनी लड़ाई खुद लड़ने में सक्षम हैं. इस विवाद के बीच पार्टी ने महुआ मोइत्रा को कृष्णानगर का जिलाध्यक्ष बनाया, जो उनके लोकसभा क्षेत्र में ही आता है. पार्टी ने ऐसा करके एक तरह से उनपर भरोसा जताने का संदेश दिया.
महुआ पर लगे आरोप भी जान लीजिए
भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर कैश फॉर क्वेरी यानी पैसे के बदले संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था. आरोपों की जांच लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने की और अपनी रिपोर्ट अध्यक्ष ओम बिरला को दे दी है. कमेटी ने अपने रिपोर्ट में महुआ की संसद सदस्यता खत्म करने की सिफारिश की है. अब स्पीकर का फैसला आना बाकी है. महुआ ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए खुद को निर्दोष बताया है.
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