वीके पांडियन ने कहा नवीन पटनायक को BJP की जरूरत नहीं, अब बीजेडी-BJP गठबंधन का क्या?

रूपक प्रियदर्शी

20 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 20 2024 6:12 PM)

बीजेडी पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि, अभी अलायंस पर कोई फैसला नहीं हुआ है. अगर हम अकेले लड़ते हैं, तो हमारा फोकस सरकार बनाने पर होगा.

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BJP-BJD Alliance in Odisha: ओडिशा में अगर सब कुछ ठीक रहा यानी कोई बड़ा खेल नहीं हुआ तो बीजेपी और बीजेडी का अलायंस होता दिख नहीं रहा है. पीएम मोदी के ओडिशा दौरों के बाद से चर्चा जोर-शोर से चल रही है कि, ओडिशा में बीजेपी और बीजेडी मिलकर चुनाव लड़ेंगे. हालांकि दोनों तरफ से हो रही बयानबाजी से इसके चांस फिलहाल कम ही नजर आ रहा है. गुपचुप मीटिंगों के बाद भी अलायंस होने या नहीं होने की बात अभी भी गोपनीय ही है.

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अनुमान से ज्यादा सीटें मिलेंगी: आमित शाह 

दिल्ली में टीवी चैनल के एक ही कार्यक्रम में अमित शाह और वीके पांडियन आए थे. दोनों से ओडिशा में अलायंस पर सवाल पूछा गया. 
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि, अभी अलायंस पर कोई फैसला नहीं हुआ है. अगर हम अकेले लड़ते हैं, तो हमारा फोकस सरकार बनाने पर होगा. उन्होंने आगे कहा मोदी जी के प्रति लोगों के प्यार के कारण हमें दोनों चुनावों में अनुमानों से ज्यादा सीटों के साथ सफलता मिलेंगी. अमित शाह ने ओडिशा की पिक्चर क्लियर करने में थोड़ा संकोच दिखाया.  

'नवीन पटनायक को बीजेपी की जरूरत नहीं'

इसी कार्यक्रम में शाह से पहले आए नवीन पटनायक के करीबी और बीजेडी के नंबर 2 वीके पांडियन ने बड़ा और क्लियर स्टेटमेंट दे दिया.  उन्होंने साफ कहा कि, बीजेडी को ओडिशा में सरकार बनाने के लिए बीजेपी के सपोर्ट की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, 'नवीन पटनायक एक ऐसे सीएम हैं जो राज्य में काफी लोकप्रिय हैं. उन्हें हर बार तीन-चौथाई बहुमत मिलता है. पंचायत चुनावों में भी 90 फीसदी सीटें मिलीं. 5 फीसदी सीटों के साथ बीजेपी दूसरे नंबर पर रही इसलिए नवीन पटनायक को लोगों की सेवा के लिए सत्ता में वापसी के खातिर गठबंधन की जरूरत नहीं है.' 

पांडियन ने आगे कहा, 'मैं माननीय प्रधानमंत्री के बारे में भी यही बात कहूंगा. मोदी और नवीन पटनायक की दोस्ती को राजनीति से ऊपर उठकर देखना चाहिए. पीएम मोदी और सीएम नवीन पटनायक बड़े मकसद के लिए एक साथ आना चाहते हैं.'

पीएम मोदी के ओडिशा दौरों से शुरू हुई थी अलायंस की सुगबुगाहट 

बीजेपी से बीजेडी के अलायंस की अटकलें तब से लगने लगी जब पीएम मोदी ने ओडिशा के लगातार दौरे किए. भाषणों में बीजेडी सरकार या नवीन पटनायक के खिलाफ एक शब्द नहीं बोले बल्कि मित्र और लोकप्रिय मुख्यमंत्री कहकर संबोधित किया. राज्यसभा चुनाव में बीजेडी ने बिना शर्त कम नंबर वाले बीजेपी उम्मीदवार अश्विनी वैष्णव को समर्थन देकर जीता दिया. मोदी के दौरों के बाद बीजेडी ने एक बयान जारी किया था जिसमें 2036 में ओडिशा के 100 साल होने का जिक्र करते हुए कहा गया कि, नवीन पटनायक राज्य के हित में कई उपलब्धियां हासिल करना चाहते हैं. इस बयान को भी बीजेपी से अलायंस के नजरिए से देखा गया. 

राज्य के नेताओं का विरोध आ रहा अलायंस के आड़े 

बीजेपी-बीजेडी अलायंस की भरपूर चर्चाओं के बीच भुवनेश्वर और दिल्ली में जो हो रहा है उससे भी अलायंस के चांस कमजोर पड़ रहे हैं. नवीन पटनायक चुनावों पर मैराथन बैठकें कर रहे हैं. पुरी, केंद्रपाड़ा और कोरापुट लोकसभा सीटों पर नवीन पटनायक ने पार्टी के संभावित उम्मीदवारों के इंटरव्यू भी किए. ओडिशा बीजेपी नेता भी अलायंस का विरोध कर रहे हैं. ऐसा कहने वाले ओडिशा बीजेपी अध्यक्ष मनमोहन सामल भी हैं. 

ऐतिहासिक तौर पर रहा है बीजेपी-बीजेडी गठबंधन 

ओडिशा में नवीन पटनायक 25 साल में 5 चुनाव जीत चुके हैं. 1998 से 2009 तक ओडिशा में बीजेपी और बीजेडी अलायंस में रहे. बीजेपी कांग्रेस की जगह लेने में तो कामयाब रही लेकिन बीजेडी से बहुत पीछे रह गई. बीजेपी के लिए पॉजिटिव ये है कि, ओडिशा में पार्टी धीरे-धीरे बढ़ रही है और बीजेडी घट रही है. बहुत संभव है कि, बीजेपी की ग्रोथ देखकर ही बीजेडी अलायंस से पीछे हट रही हो. 

ओपिनियन पोल के ये है आंकड़ें 

लोकसभा चुनाव के ओपिनियन पोल के अनुमानों में बीजेपी या बीजेडी की स्थिति थोड़ी बहुत ऊपर नीचे हो सकती है लेकिन ज्यादा नहीं.  ABP न्यूज-सी वोटर का अनुमान है कि बीजेपी को लोकसभा की 10, बीजेडी को 11 सीटें मिल सकती हैं. NEWS 18 का अनुमान है कि बीजेडी को 8, बीजेपी को 13 सीटें मिल सकती हैं.

पिछले चुनाव के ये थे नतीजे 

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेडी ने 12 सीटें जीती थी. 2014 के मुकाबले 8 सीटों का नुकसान हुआ था. बीजेपी ने 7 सीटों के फायदे के साथ 8 सीटें जीती. विधानसभा चुनाव में बीजेडी ने 112 सीटें जीतकर सरकार बनाई. बीजेपी को 23 सीटों पर जीत हासिल हुई. बीजेडी को 5 सीटों का नुकसान लेकिन बीजेपी को 13 सीटों का फायदा हुआ. कांग्रेस को 7 सीटों के नुकसान के साथ 9 सीटें मिली थी. ओडिशा में कांग्रेस के पास खोने के कुछ नहीं है. बीजेपी की कमाई बीजेडी के नुकसान से हो रही है.

ओडिशा में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ होते हैं. 21 लोकसभा और 147 विधानसभा सीटों पर 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को चार चरणों में मतदान होंगे. नतीजे पूरे देश के साथ 4 जून को आएंगे. 

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