लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिलेंगी कितनी सीटें? राजदीप सरदेसाई से समझिए 

अभिषेक

31 May 2024 (अपडेटेड: May 31 2024 10:37 AM)

राजदीप कहते हैं कि, मेरा ये मानना है की बीजेपी के 'अबकी बार 400 पार' के नारे से पार्टी को फायदा छोड़ नुकसान ही हुआ है. 

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Rajdeep Sardesai: लोकसभा चुनाव 1 जून को खत्म हो रहा है. 4 जून को वोटों की गिनती होगी और नतीजे आएंगे. विभिन्न राजनैतिक दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे है. राजनैतिक विश्लेषक भी अपने-अपने प्रेडिक्शन बता रहे हैं. इस बीच लोग बस यही जानना चाहते हैं कि, इस बार बीजेपी-कांग्रेस को कितनी सीटें मिल रही है? किस पार्टी की सरकार बन रही है? जनता के इन्हीं सवालों के जवाब के लिए न्यूजतक ने वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से बातचीत की है. आइए आपको बताते हैं क्या राजदीप सरदेसाई का अनुमान. 

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बीजेपी को मिलेंगी कितनी सीटें?

राजदीप सरदेसाई इसका जवाब देते हुए कहते हैं कि, सीटों के सटीक आंकड़े तो मेरे पास नहीं हैं लेकिन चुनावी यात्रा के दौरान मैंने जितना समझा है उससे मैं अपने अनुमान बता सकता हूं. वो कहते है कि, 400 पार का तो कोई सवाल ही नहीं उठता. हां लेकिन मेरा ये मानना है कि, बीजेपी और पीएम मोदी को हमें कम नहीं आंकना चाहिए. मुझे लगता हैं बीजेपी इस चुनाव में बहुमत पा जाएगी. रही बात सीटों की तो मेरा अनुमान है कि, बीजेपी 272 से 300 सीटों के बीच कही रहेगी. 300 के ऊपर जाने की संभावनाओं को भी मैं नहीं नकारता हूं क्योंकि मोदी जी बहुत बड़ी हस्ती हैं और बड़े मार्जिन से चुनाव जीतते आ रहे हैं. 

राजदीप आगे कहते हैं कि, लोकसभा चुनाव में बीजेपी का नंबर कहा जा कर टिकेगा ये सब कुछ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र में पार्टी के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा. ऐसे ही एक राज्य कर्नाटक है जहां पार्टी को इस बार काफी नुकसान हो सकता है. आगे वो कहते हैं कि, मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो ये कह रहे है कि, बीजेपी को बहुमत नहीं मिल रहा है.  

कांग्रेस-INDIA को भी है एडवांटेज 

राजदीप कहते हैं कि, ऐसा नहीं हैं कि लोगों में बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ गुस्सा नहीं है. बिल्कुल गुस्सा है, खासकर युवाओं में है जो पेपर लीक और नौकरियों को लेकर है. पिछले चुनावों में मोदी जी ने बहुत से वादे किए. उनमें से कई ऐसे वादे है जो पूरे नहीं हुए. जनता में इसे लेकर गुस्सा है. इसका जवाब जनता अपने वोटों से जरूर देगी. 

बीजेपी पीएम मोदी के नाम पर चुनाव लड़ रही है. बीजेपी के सांसदों को लेकर जनता में गुस्सा है क्योंकि जमीन पर तो उन्हें ही रहना था लेकिन उन्होंने कोई खास काम नहीं किया है. इसी की बानगी है कि, बीजेपी ने इस बार अपने 132 सांसदों के टिकट काट दिए. वहीं अगर विपक्ष कि बात करें, तो विपक्ष ने जहां भी अच्छे उम्मीदवार दिए है वहां अच्छी लड़ाई देखने को मिली है. इस मामले में मैं खास तौर पर यूपी में अखिलेश यादव की सराहना करना चाहूंगा. उन्होंने सीटों पर जातियों के समीकरण को साधते हुए टिकट का बंटवारा किया जिसका निश्चित तौर पर उन्हें फायदा मिलेगा.  

'400 पार' से बीजेपी को नुकसान 

चुनाव से पहले बीजेपी ने 'अबकी बार 400 पार' का नारा दिया. पार्टी के नेताओं ने इसे लेकर कई तरह की बयानबाजी की. कोई बोला संविधान बदल देंगे कोई बोला मुस्लिम आरक्षण खत्म कर देंगे. इन सभी बातों पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने जमकर  हमला किया और जनता के बीच इस बात को फैलाया कि, ये 400 सीटें इसीलिए चाहते है कि, संविधान खत्म कर सके. इस बात को लेकर देश के दलित मतदाताओं में उबाल देखने को मिला और ये संभव भी है कि, वो इससे प्रभावित होकर विपक्षी दलों को वोट करें. राजदीप कहते हैं कि, मेरा ये मानना है की इस नारे से बीजेपी को फायदा छोड़ नुकसान ही हुआ है. 

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