हम बुल्डोजर चलाएंगे तो रुकेंगे नहीं- SC ने पल्यूशन पर पंजाब, दिल्ली की AAP सरकार को धो दिया

अभिषेक

07 Nov 2023 (अपडेटेड: Nov 7 2023 12:56 PM)

जस्टिस कौल ने पंजाब सरकार के वकील से दिल्ली में बच्चों के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कहा कि प्रदूषण पर सियासी लड़ाई नहीं हो सकती. केंद्र और राज्य में कौन सत्ता में है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.

Delhi Air Pollution

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News Tak: दिल्ली और इससे सटे इलाके में पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण चरम पर है. कुछ जगहों पर तो एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 999 तक दर्ज हुआ, जो इसे मापने की अधिकतम यूनिट है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मामले को लेकर पंजाब और दिल्ली, दोनों ही सरकारों को रगड़ दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार वाले दो राज्यों के अलावा बाकी राज्यों को भी चेताया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि उसे इस मामले में बुलडोजर चलाने पर मजबूर न किया जाए. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि हमारा बुलडोजर चलेगा तो रुकेगा नहीं.

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मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट(SC) में दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुनवाई हुई. SC ने कहा कि राज्य और केंद्र की सरकारें जमीनी स्तर पर काम नहीं कर रहीं. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. पीठ ने कहा कि लोगों को साफ हवा उपलब्ध करना सरकार की जिम्मेदारी है. जस्टिस कौल ने हर साल ऐसे ही हालत रहने पर कहा कि ऐसा नहीं चल सकता. हर साल पराली जलती है और उसपर कोई रोक नहीं लगता. अगर सरकारें इसपर रोक नहीं लगा पाती तो उन्होंने बुलडोजर लेकर निकलने की बात कह दी.

जस्टिस कौल ने पंजाब सरकार के वकील से दिल्ली में बच्चों के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कहा कि प्रदूषण पर सियासी लड़ाई नहीं हो सकती. केंद्र और राज्य में कौन सत्ता में है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. हमें नहीं पता आप पराली दहन पर रोक कैसे लगाएंगे पर इसे तत्काल रोकिए. SC ने केजरीवाल सरकार के स्माग टॉवर के बंद होने पर भी नाराजगी जताते हुए तत्काल प्रभाव से चालू करने की बात कही.

‘पंजाब सरकार ले एक्शन नहीं तो मैं चला दूंगा बुलडोजर’

कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल ने बताया कि, पिछले हफ्ते मैं पंजाब की ओर गया था. मैंने खुद देखा है कि पंजाब में सड़क के दोनों तरफ पराली जलाई जा रही है.उन्होंने सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा कि, सरकारें अपने स्तर पर सख्त कदम उठा लें तो बेहतर होगा नहीं तो हम अपना बुलडोजर उठा लेंगे, और जब मैं अपना बुलडोजर उठाऊंगा तो 15 दिन से पहले नहीं रुकूंगा.

केंद्र सरकार को भी लिया लपेटे में

SC ने केंद्र सरकार से पूछा की आपने प्रदूषण को खत्म करने के लिए क्या किया है. केंद्र सरकार के जवाब दिया कि 3000 करोड़ का आवंटन किया है. फिर SC ने कहा कि आंकड़ों की बात ना करते हुए जमीनी स्तर पर क्या किया है वो बताएं. कोर्ट ने सरकार को अगले साल तक प्रदूषण की समस्या को खत्म करने का अल्टिमेटम भी दे दिया.

दिल्ली में इसी वक्त हर साल क्यों प्रचंड हो जाता है प्रदूषण?

दिल्ली और नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) में हर साल इस वक्त ठंड में प्रदूषण चरम पर पहुंच जाता है. आइए आपको इसकी वजहें बताते हैं. सर्दियों में गर्म जमीन जब ठंडी होने की प्रक्रिया में होती है, तो इससे रिलीज गर्मी ऊपर वायुमंडल में एक परत बना लेती है. सर्दियों की ठंडी हवा, जिसका मूवमेंट पहले से कम होता है, वह ऊपर नहीं उठ पाती. नीचे ही रह जाती है. इसी हवा में धूल और प्रदूषण के कण मिलकर स्मॉग बना देते है, जिससे हम और आप आजकल जूझते हैं.

दिल्ली के प्रदूषण में योगदान देने वाले सेक्टरों का डाटा

Delhi pollution Data

ये हैं दिल्ली के प्रदूषण की मुख्य वजहें

– पराली जलाना: हरियाणा और पंजाब के किसान अपनी फसल काटने के बाद खेतों में पराली जलाते हैं, जिससे धुंआ निकलता है और प्रदूषण बढ़ता है. यह धुआं हवा में मिलकर घना कोहरा बनाता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है और दृश्यता कम हो जाती है.

– गाड़ियों का धुआं: दिल्ली में गाड़ियों की संख्या बहुत अधिक है और इनसे निकलने वाले धुएं से भी प्रदूषण बढ़ता है. सर्दियों में हवा की गति धीमी होती है, जिससे वाहनों से निकलने वाला धुआं हवा में जमा हो जाता है और प्रदूषण को बढ़ाता है.

– उद्योगों का प्रदूषण: दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में कई इंडस्ट्रीज़ हैं और इनसे बड़ी मात्र में धुआं निकलता है.

– निर्माण कार्य: दिल्ली में निर्माण कार्य बहुत तेजी से हो रहा है और इससे निकलने वाली धूल से प्रदूषण बढ़ता है.

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