Bihar News: इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) अधिकारी विकास वैभव ने ‘लेट्स इंस्पायर बिहार’ के ‘नमस्ते बिहार’ का पहला जनसंवाद कार्यक्रम क्या आयोजित किया, इसके खूब चर्चे हो रहे हैं. इस कार्यक्रम में बिहार के कई जिलों से हजारों की संख्या में छात्रों, लोगों और बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ चर्चा का विषय बनी हुई है. माना जा रहा है कि हाल के दिनों में किसी गैर राजनैतिक सभा में इतनी भीड़ शायद नहीं आई.
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इस बात की चर्चा तेज है कि क्या IPS विकास वैभव इस बहाने सियासत में एंट्री मारने वाले हैं. ऐसा हुआ तो भी बिहार में यह परिपाटी कोई नई नहीं होगी. बिहार में प्रशासनिक अधिकारियों का रिटायर होने के बाद या नौकरी छोड़कर सियासत में आने का चलन सा चल पड़ा है. पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडे ने वीआरएस लेकर चुनाव लड़ने की कोशिश की थी. वैसे जनता दल यूनाइटेड से टिकट ना मिलने पर वो लड़ नहीं पाए थे. बिहार के कई पूर्व आईएएस और आईपीएस विभिन्न दलों के साथ हैं. चुनावी सियासत के एक्सपर्ट और जन सुराज यात्रा निकालने वाले प्रशांत किशोर के साथ भी कई पूर्व अधिकारियों के आने की खबर है.
कौन हैं IPS विकास वैभव?
विकास वैभव वर्तमान में बिहार के पुलिस महानिरीक्षक हैं. उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया हुआ हैं. इसके बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज की ओर रुख किया और इंडियन पुलिस सर्विस की परीक्षा में सफल हुए. उनको बिहार कैडर मिला और पहली पोस्टिंग भागलपुर में हुई थी. उसके बाद वो बिहार के अलग-अलग में जिलों में तैनात रहे.
लेट्स इंस्पायर बिहार क्या है?
IPS विकास वैभव लेट्स इंस्पायर बिहार के संस्थापक हैं. लेट्स इंस्पायर बिहार की वेबसाइट के मुताबिक यह एक सामाजिक,सांस्कृतिक और शैक्षणिक मुहिम है. इसके तहत बिहार के बेहतर भविष्य के सपने को साकार करने के लिए स्वैच्छिक रूप से योगदान देने वाले लोगों को एकसाथ जोड़ना है. इसका उद्देश्य ऐसे प्रतिबद्ध व्यक्तियों को जोड़ना है जिन्होंने स्वैच्छिक आधार पर किसी विशेष क्षेत्र में भविष्य के निर्माण में योगदान देने का विकल्प चुना है. वेबसाइट के मुताबिक इस अभियान की प्रेरणाश्रोत बिहार की शानदार विरासत है जिसने प्राचीन काल से अबतक पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है.
विकास वैभव का नजरिया भी जान लीजिए
लेट्स इंस्पायर के संस्थापक आईपीएस विकास वैभव ने कहा कि अगर हम जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर बिहार के लोगों को जोड़ नहीं सकते हैं तो बिहार साल 2047 तक विकसित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बिहार के लिए शिक्षा उद्यमिता सबको पसंद है. प्रदेश के 38 जिलों से हजारों की संख्या में लोग आए हैं हम सब ने संकल्प लिया है कि बिहार को जाति संप्रदाय से हटकर एक नए बिहार को प्रस्तावित करेंगे जो पुराने बिहार की तरह होगा. अगर प्रदेश में जातिवाद के नाम पर लड़ाई जारी रहती है तो बिहार का आगे बढ़ना संभव नहीं है. बिहार में 30 साल से कम उम्र के 9 करोड़ युवा है. उन्हें शिक्षा, रोजगार की जरूरत हैं जिसके लिए बिहारवासियों को संकल्प लेना होगा. हम इस जनसंवाद यात्रा के माध्यम से इसी के लिए प्रयासरत हैं.
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे परिवर्तनों के लिए राजनीति एक अच्छा माध्यम है और इसमें अच्छे लोग आने चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल राजनीतिक परिवर्तन से संभव नहीं है, इसके लिए सामाजिक परिवर्तन की भी आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा कि, ‘मैं बिहार के उत्थान के लिए काम कर रहा हूं. हर शनिवार, रविवार को मैं अपने परिवार को समय ना देते हुए बिहार को दे रहा हूं और हर व्यक्ति को जोड़कर सामाजिक परिवर्तन के लिए यह काम कर रहा हूं. सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सभी को साथ लेते हुए बिहार का परिवर्तन किया जाएगा.’
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