मध्य प्रदेश चुनाव के लिए वोटिंग, देख लीजिए कांग्रेस-BJP का कैसा है हाल

अभिषेक

17 Nov 2023 (अपडेटेड: Nov 17 2023 6:32 AM)

चुनाव पूर्व हुए सर्वे में प्रदेश में इस बार कांग्रेस की स्थिति मजबूत बताई गई है. तीन नवंबर को आए ABP C-Voter के सर्वे में प्रदेश की 230 सीटों में से कांग्रेस को 118-130 सीटें मिलने का अनुमान है

मध्य प्रदेश चुनाव

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MP Election: मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर आज मतदान हो रहा है. राज्य में 64,626 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. प्रदेश के 2433 उम्मीदवारों की किस्मत आज EVM में कैद हो जाएगी. चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस दोनों दलों के बीच कांटे की टक्कर की उम्मीद है. दोनों पार्टियों के अपने अलग-अलग दावे है. बीजेपी योजनाओं के दम पर तो कांग्रेस, बीजेपी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर अपने पक्ष को मजबूत करने में लगी हुई है.

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बीजेपी के लिए यह चुनाव बहुत चुनौतीपूर्ण होने वाला है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी ने तीन केन्द्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को इस महासमर में उतारा है. बीजेपी से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी से मैदान में हैं. भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-1 से, केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दिमनी से, प्रह्लाद सिंह पटेल नरसिंहपुर से और फग्गन सिंह कुलस्ते निवास से मैदान में हैं.

अगर बात कांग्रेस की करें तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा से, दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह राघौगढ़ से और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे डॉ. गोविंद सिंह, लाहर सीट से मैदान में हैं.

 

ओपिनियन पोल में ये थे आंकड़े

चुनाव पूर्व हुए सर्वे में प्रदेश में इस बार कांग्रेस की स्थिति मजबूत बताई गई है. तीन नवंबर को आए ABP C-Voter के सर्वे में प्रदेश की 230 सीटों में से कांग्रेस को 118-130 सीटें मिलने का अनुमान है और भाजपा को 99 से 102 सीटें मिल सकती हैं. Times Now Navbharat – ETG के एक नवंबर को आए सर्वे के मुताबिक कांग्रेस को 112 से 122 और बीजेपी को 107-115 सीटें मिल सकती हैं.

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प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. बीजेपी को 109 और अन्य को 7 सीटें मिली थी. कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों की मदद से सरकार बनाई थी जो डेढ़ साल तक चली. कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के अपने समर्थक विधायकों के साथ पार्टी छोड़ने पर सरकार गिर गई थी. फिर उनके समर्थन से बीजेपी ने सरकार बनाई थी.

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