कौन हैं मोहम्मद मोखबेर? इब्राहिम रईसी की मौत के बाद बनाए जा सकते हैं ईरान के राष्ट्रपति

शुभम गुप्ता

20 May 2024 (अपडेटेड: May 20 2024 3:42 PM)

ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इस बात की पुष्टि कर दी है. इस बीच ईरान में आवाज उठने लगी कि अब देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा? माना जा रहा है कि उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबेर को ईरान का अंतरिम राष्ट्रपति बनाया जा सकता है.

दिवंगत इब्राहिम रईसी

दिवंगत इब्राहिम रईसी

follow google news

Mohammad Mokhber: ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इस बात की पुष्टि कर दी है. इस बीच ईरान में आवाज उठने लगी कि अब देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा? माना जा रहा है कि उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबेर को ईरान का अंतरिम राष्ट्रपति बनाया जा सकता है. आइए जानते हैं कौन है मोखबेर.

यह भी पढ़ें...

कौन हैं मोखबेर?

1 सितंबर 1955 को जन्मे मोखबेर को रईसी की तरह सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के करीबी के रूप में देखा जाता है, जिनकी राज्य के सभी मामलों में अंतिम राय होती है. बता दें कि ईरान में प्रथम उपराष्ट्रपति के चुनाव नहीं होते. ईरान के सर्वोच्च पद पर बैठे नेता और अधिकारियों की सहमति से उपराष्ट्रपति को चुना जाता है.

2021 में मोखबेर को उपराष्ट्रपति को नियुक्त किया गया था. ईरान में सिर्फ एक नहीं कई सारे उपराष्ट्रपति हो सकते हैं. ये उन अधिकारियों में से होते हैं जो सरकार में कैबिनेट पद संभालते हैं. मोखबर सभी उपराष्ट्रपतियों में सबसे ऊंचे पद पर हैं. बता दें कि साल 1989 में ईरान में सरकार ने प्रधानमंत्री पद को खत्म कर दिया था. तब से ही प्रधानमंत्री को मिलने वाली पॉवर प्रथम उपराष्ट्रपति को दी गई थीं.

पश्चिमी देशों ने मुखबेर पर लगाया था बैन

इंडिया टूडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक मोखबर ईरानी अधिकारियों की एक टीम का हिस्सा थे, जिन्होंने अक्टूबर 2023 में मॉस्को का दौरा किया था और रूस की सेना को सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और अधिक ड्रोन की आपूर्ति करने पर सहमति जताई थी. टीम में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के दो वरिष्ठ अधिकारी और सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के एक अधिकारी भी शामिल थे.

साल 2010 में मुखबेर पर यूरोपिय संघ ने प्रतिबंध लगाया था. उनपर आरोप लगाया गया कि वे परमाणु या बैलिस्टिक मिसाइलों के इस्तेमाल करते हैं. हालांकि दो साल बाद, पश्चिमी देशों ने मुखबेर पर से प्रतिबंध हटा दिया गया था.

    follow google newsfollow whatsapp