Mizoram Election: मिजोरम में 7 नवंबर को पोलिंग होनी है. इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. सीएम ने कहा है कि वो मोदी के साथ मंच साझा नहीं करेंगे. उन्होंने मणिपुर में हुई हिंसा का भी जिक्र किया है. जोरमथांगा मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के चीफ हैं और केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) के साथ हैं. हालांकि मिजोरम में MNF और BJP अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं. आखिर चुनाव से ठीक पहले जोरमथंगा पीएम मोदी लेकर ऐसे बयान क्यों दे रहे हैं?
ADVERTISEMENT
MNF नेता जोरमथंगा के बयान का क्या मतलब है?
BBC से बात करते हुए CM जोरमथंगा ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री के साथ मंच सांझा नहीं करूंगा. उन्होंने आगे कहा, ‘PM नरेंद्र मोदी बीजेपी से हैं और मिजोरम में सभी लोग ईसाई धर्म को मानने वाले हैं. मणिपुर में हमने देखा कि मैतेई लोगों ने सैकड़ों चर्चों में आग लगा दी और क्षतिग्रस्त कर दिया. जोरमथंगा कहते हैं की इन्हें बीजेपी समर्थित माना जाता है. मिजोरम के सभी लोग इस बर्बर हिंसा के खिलाफ हैं. अगर ऐसे समय में मेरी पार्टी बीजेपी के प्रति सहानुभूति रखती है, तो यह हमारे लिए नुकसानदेह हो सकता है.’
सवाल है की NDA का हिस्सा होने के बावजूद वो बीजेपी और मोदी के खिलाफ कैसे हैं. इसका जवाब देते हुए वो खुद कहते हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर दो ही गठबंधन हैं, एक NDA और दूसरा INDIA. हम पिछले 3-4 दशकों से काग्रेस के खिलाफ लड़ रहे है, तो हम INDIA का हिस्सा नहीं बन सकते. इसीलिए हम NDA में हैं.
कौन हैं जोरमथंगा?
जोरमथंगा मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के नेता हैं और तीन बार मिजोरम के मुख्यमंत्री रहे हैं. MNF का गठन 1959 में पु लालडेंगा ने किया था. 1990 में लालडेंगा की मृत्यु के बाद कभी लेफ्टिनेंट और सचिव रहे जोरामथंगा पार्टी के अध्यक्ष बने. तभी से पार्टी की कमान उन्हीं के हाथों में है. 1987 में मिजोरम के पूर्ण राज्य बनने के बाद उन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की. वह अपने पहले ही चुनाव में चंफई से विधायक बन गए. 1998 के चुनाव में सियासी गठजोड़ करके पहली बार मुख्यमंत्री बने. 2003 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अकेले दम पर राज्य में जीत दर्ज कर सरकार बनाई. 2008 में वो अपनी सरकार नहीं बचा सके और 2018 तक विपक्ष में रहे. 2018 के चुनावों में एकबार फिर वो जीत कर मुख्यमंत्री बने.
ओपेनियन पोल में कौन है आगे
चुनाव पूर्व हुए ABP C Voter के ओपेनियन पोल में जोरमथंगा की MNF को 13-17 सीटें, कांग्रेस को 10-14, सिविल सेवा से राजनीति में आए लालदुहावमा के दल जोरम पीपल्स मुवमेंट (ZPM) को 9-13 और अन्य को 1-3 सीटें मिलने का अनुमान है. राज्य में विधानसभा की 40 सीटें है. पोल के अनुसार राज्य में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत मिलता नजर नहीं आ रहा है. कांग्रेस जरूर मजबूत बनकर उभरती दिख रही है. अब देखना ये होगा कि अंतिम परिणाम किसके पक्ष में आता है.
ADVERTISEMENT