Puducherry:लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन उतना खास नहीं रहा जितना वो चाहती थी. बीजेपी का प्रदर्शन इतना निराशाजनक रहा कि बीजेपी 2014 के बाद से पहली बार अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई. हालांकि बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों की बदौलत सरकार बना भी ली और चला भी रही है. लेकिन बीजेपी शासित प्रदेश में चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने से निराशा का माहौल है. बीजेपी ने तमिलनाडु से सटे केंद्र शासित प्रदेश पुदुच्चेरी में भी अच्छा परर्फोम नहीं किया.
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बीजेपी की राज्य में सरकार है. पुडुचेरी में एक ही लोकसभा की सीट है एक ही सांसद चुना जाना था. इस सीट पर कांग्रेस ने डीएमके के समर्थन से जीत ली. 'INDIA' के इस सीट पर जीत दर्ज करने के बाद पुडुचेरी बीजेपी में भयंकर बवाल हो रहा है. बीजेपी उम्मीदवार की हार के बाद बीजेपी के कैंप में तूफान मच गया है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
क्या है पूरा मामला?
बीजेपी के तीन विधायकों, तीन निर्दलीय और एक बीजेपी से नॉमिनेटेड यानी कुल 7 विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाल दिया मांगों की लंबी चौड़ी लिस्ट लेकर आए हैं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पुडुचेरी सरकार के गृहमंत्री ए नामा सिवायम को उम्मीदवार बनाया था. नामा सिवायम को कांग्रेस के उम्मीदवार वैथी लिंगम ने 136000 वोटों से हरा दिया था. नामा सिवायम सीएम एन रंगासामी के रिश्तेदार हैं.
लोकल बीजेपी वाले आरोप लगा रहे हैं कि एन रंगासामी सरकार की नाकामी के कारण चुनाव में हार हुई. बागी हो रहे सात विधायकों ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और पुडुचेरी के बीजेपी ऑब्जर्वर अर्जुन राम मेघवाल से मिलकर मांगों की लिस्ट रख दी. उनकी मांग है कि सीएम एन रंगासामी और बीजेपी अध्यक्ष एस सेलवा गणपति को हटाया जाए. बीजेपी सरकार से बाहर आकर सरकार को बाहरी समर्थन दे जिन विधायकों को मंत्री नहीं बनाया उनको कॉरपोरेशन निगमों में एडजस्ट किया जाए.
BJP विधायकों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
चुनाव में हार के बाद पुदुच्चेरी के विधायकों ने अपनी ही सरकार के सीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उपराज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से शिकायत कर दी कि सरकार विधायकों की जरूरतें पूरी करने में नाकाम रही है. विधायक कह रहे हैं कि सरकार में बहुत करप्शन है, हम नहीं चाहते कि 2026 के विधानसभा चुनाव में भी हार जाएं. पुदुच्चेरी छोटा सा प्रदेश है लेकिन पार्टियों की भरमार है. सबसे बड़ी पार्टी सीएम रंगासामी की एआईएनआर के पास 10 विधायक हैं. बीजेपी के छह विधायक हैं. छह निर्दलीय नॉमिनेटेड विधायकों के समर्थन से सरकार आराम से चलती रही है. विपक्ष के बैठे डीएम के कांग्रेस के आठ विधायक हैं.
बीजेपी के लिए धर्म संकट वाली स्थिति है. विधायकों की मांग कड़ी है. बीजेपी कभी नहीं चाहेगी कि एक राज्य से सिर्फ इसीलिए सत्ता से बाहर आ जाए क्योंकि लोकसभा चुनाव हार गए. आशंका यह जताई जा रही है कि अगर सात विधायकों की सुनवाई नहीं हुई वो बीजेपी से बगावत कर सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो डीएमके-कांग्रेस को फायदा हो सकता है. डीएमके-कांग्रेस के आठ और ये सात विधायक मिलकर सरकार बनाने की स्थिति में होंगे.
2021 में गिरी थी कांग्रेस की सरकार
पुडुचेरी में बीजेपी कांग्रेस की टूट फूट से खड़ी हुई है.2021 के चुनाव से पहले कांग्रेस की नारायण स्वामी की सरकार गिर गई थी. कांग्रेस के बागियों की बदौलत बीजेपी ने छह सीटें जीत ली. नामा सिवायम कांग्रेस के टॉप नेता होते थे. उनके इशारे पर कांग्रेस में बगावत हुई थी. नामा सिवायम की खीज यह है कि जब वह कांग्रेस तोड़ रहे थे तब उन्हें सीएम बनाने का वादा किया गया था लेकिन आज तक वादा पूरा नहीं हुआ. रंगासामी ने 2011 में कांग्रेस से अलग होकर एआई एनआर नाम की पार्टी बनाई थी जो बीजेपी के साथ आज सत्ता में है.
पुडुचेरी कभी पॉन्डिचेरी कहा जाता था. पुडुचेरी दिल्ली की तरह पूर्ण राज्य नहीं है लेकिन दिल्ली की तरह वहां भी विधानसभा है जिसमें 30 विधायकों को जनता विधानसभा चुनाव में चुनती है सीएम की सरकार चलती है राज्यपाल नहीं होते उपराज्यपाल होते हैं बहुमत का नंबर सिर्फ 16 है.
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